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गौरी लंकेश के हत्यारों की हिटलिस्ट में द वायर के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन
गौरी लंकेश के हत्यारों की हिटलिस्ट में सिद्धार्थ वरदराजन के अलावा जेएनयू के प्रोफेसर चमनलाल, पंजाबी नाटककार आत्मजीतसिंह समेत देशभर से 26 लोगों के नाम, इसमें से कर्नाटक से ही 8 लोगों के नाम शामिल
सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति से आरएसएस के रिश्ते हैं जगजाहिर, आरएसएस और इन आतंकी संस्थाओं के आदर्श भी एक और लक्ष्य भी एक कि भारत को बनाना है हिंदू राष्ट्र
मुख्यमंत्री रहते बाकायदा मोदी ने हिंदू जनजागृति की तारीफ में लिखा था पत्र और कहा था कर रहे देश के लिए महान काम
जनज्वार। वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के जिम्मेदार सनातन संस्था से जुड़े अपराधियों को लेकर अदालत में जो चार्जशीट दाखिल हुई है उसमें साफ है कि वरिष्ठ पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन भी हत्यारों की हिटलिस्ट में शामिल हैं। डेक्कन हेराल्ड में छपी खबर के मुताबिक गौरी लंकेश हत्या मामले को लेकर कल शुक्रवार 23 नवंबर को अदालत में अतिरिक्त चार्जशीट एसआईटी द्वारा दाखिल की गई।
9,235 पेज की चार्जशीट इस चार्जशीट को चार पुलिसकर्मियों ने लोहे के ट्रंक में सिविल और सत्र अदालत के न्यायाधीश शिवशंकर बी अमरन्नवार के समक्ष प्रस्तुत की। इस मसले पर एसआईटी ने मई में पहली चार्जशीट दायर की थी। उम्मीद है कि 2019 जनवरी से इस सनसनीखेज मुकदमें में ट्रायल शुरू हो पाएगा। गौरी लंकेश के हत्यारों के खिलाफ ककोका, आर्म्स एक्ट और 302 के तहत मामला दर्ज हुआ है।
डेक्कन हेराल्ड से बातचीत में इस मामले के सरकारी वकील एस बालन ने बताया कि गौरी लंकेश की हत्या से जुड़े सभी लोग सनातन संस्था से जुड़े थे। एस बालन के मुताबिक सनातन संस्था से जुड़े अभियुक्त पिछले 5 सालों से गौरी लंकेश की हत्या की योजना बना रहे थे।
सरकारी वकील के मुताबिक ही गौरी लंकेश की हत्या से पहले कई मीटिंगें देशभर के अलग—अलग हिस्सों में की गई थीं। इस मामले में टी नवीन कुमार की पहली गिरफ्तारी हुई थी। मगर जांच में यह भी पता चला है कि सनातन संस्था का ही अमोल काले सभी आरोपियों के लिए अलग-अलग भूमिकाएं तय करने वाले मास्टरमाइंड था और हत्या की निगरानी कर रहे था। अतिरिक्त चार्जशीट में काले को मुख्य आरोपी के बतौर शामिल किया गया है।
चार्जशीट में ही इस बात का जिक्र किया गया है कि गौरी लंकेश की हत्या करने वाले हिंदुवादियों ने 'द वायर' के संपादक सिद्धार्थ वरदराजन, पत्रकार अंतारा देव सेन, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर चमन लाल, पंजाबी नाटककार आत्मजीत सिंह और 26 अन्य लोगों को मारने की योजना बनाई थी। इस सूची में कर्नाटक के ही आठ लोग शामिल हैं, जिनकी हत्या करने की फिराक में सनातन संस्था थी।
गौरतलब है कि हिंदूवादी संगठन सनातन संस्था और आरएसएस बहुत करीबी हैं। उनके रिश्ते जगजाहिर हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर, इतिहासकार और आरएसएस के जानकार शुम्सुल इस्लाम कहते हैं, 'सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति दोनों एक ही हैं और इन दोनों के लक्ष्य और आदर्श हू—ब—हू आरएसएस मिलते हैं। वे बताते हैं कि 2013 में जब मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का माहौल बनाया जा रहा था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने औपचारिक पत्र लिखकर हिंदू जनजागृति संस्था की तारीफ की और कहा कि ऐसी संस्थाओं की राष्ट्र निर्माण में बहुत महत्ता है।'
हिंदू अतिवादी संगठन जनजागृति मंच की तारीफ में लिखा मोदी का पत्र
ऐसे में इतिहासकार शम्सुल इस्लाम की असल चिंता यह है, 'उन 26 दूसरे नामों का पता लगाया जाए, जिनकी हत्या की तैयारी में ये सनातन संस्था और हिंदू जनजागृति के लोग लगे हैं। सनातन संस्था ने अपनी सूची पर काम बंद नहीं किया होगा। वे हत्याएं अब किसी और संस्था के नाम से करेंगे। इस मामले में सरकार को संज्ञान लेना चाहिए और उन सभी लोगों की सुरक्षा की गारंटी की जानी चाहिए।'