हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में आंदोलनकारी पत्रकार भी मैदान में
दिलचस्प बन चुके इस बार के हल्द्वानी नगर निगम चुनाव में आंदोलनकारी पत्रकार सरताज जीत हासिल कर पाएंगे या नहीं, यह तो क्षेत्र की जनता ही तय करेगी, मगर मुकाबला जरूर कांटे की टक्कर का रहेगा...
हल्द्वानी से संजय रावत की रिपोर्ट
जनज्वार। हल्द्वानी नगर निगम के चुनाव में वार्ड नंबर 23 से आंदोलनकारी पत्रकार सरताज आलम भी चुनाव मैदान में हैं। सरताज के मैदान में कूदने से जहां पार्टी प्रत्याशी घबराये हुए हैं, वहीं वार्ड की जनता में खुशी की लहर दिखाई दे रही है।
धन बल के दौर में किसी आंदोलनकारी का चुनावी मैदान में उतारना खुद में हैरत की बात है, पर सरताज को शहर में सामाजिक सरोकारों के लिए जाना जाता है। एक तो वे मुखर पत्रकार हैं, दूसरा लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए युवाओं की भारी तादाद के साथ जनांदोलनों की अगुवाई में मशरूफ़ियत के लिए मशहूर भी हैं। ऐसे में उनका चुनावी मैदान में कूदना चुनाव में दिलचस्प माहौल बनाये हुए है।
37 वर्षिय सरताज एक चेतनशील नागरिक हैं, जो हर जुल्म ज्यादती के खिलाफत को हमेशा लड़ते दिखाई देते हैं। नगर स्तर पर कई आंदोलन कर वो अखबारों की सुर्खियों में शुमार रहते हैं। वर्ष 2010 से शुरू हुआ उनका ये सामाजिक सफर अब राजनीतिक सफर की ओर बढ़ रहा है।
वर्ष 2003 से ज़मीनी पत्रकारिता करते हुए उन्होंने अपने क्षेमुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र के साथ उपेक्षित नजरिये और गैरबराबरी रवय्ये को बखूबी समझा ही नहीं, बल्कि इसकी खिलाफत के लिए युवाओं को लामबंद भी किया।
इस क्रम में उन्होंने वर्ष 2010 में क्षेत्र में लगी 80 वर्ष शराब भट्टी हटाने की मुहिम छेड़ी, जो मील का पत्थर साबित हुई, जिसने मुस्लिम युवाओं को जोश से भर दिया। बनभूलपुरा क्षेत्र में कोई बैंक नहीं था, लंबे आंदोलन के बाद सरताज की युवा टीम वर्ष 2014 में 2 बैंक स्थापित करने में कामयाब रही।
सरताज को सबसे ज्यादा शोहरत मिली हल्द्वानी को महामारी से बचाने के लिए। शहर भर का सैकड़ों टन कूड़ा अवैध रूप से वन विभाग की 4 हैक्टेयर जमीन पर डाला जाता था, जो बीमारियों के चलते नगरवासियों के लिए अभिशाप से कम नहीं था। 2017 में सरताज के नेतृत्व में युवाओं का बड़ा दल इसकी खिलाफत में उतरा, तब सत्तासीन भी इस आंदोलन में शामिल होने को मजबूर हुए थे। अंततः न्यायालय के आदेश पर 'सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट' स्थापित करने के निर्देश जारी हुए।
अब दिलचस्प बने इस चुनाव में सरताज जीत हासिल कर पाएंगे या नहीं, यह तो क्षेत्र की जनता ही तय करेगी।