Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

मानसून की पहली बारिश ने ही खोल दी कुम्भ के विकास की पोल

Prema Negi
8 July 2019 4:38 AM GMT
मानसून की पहली बारिश ने ही खोल दी कुम्भ के विकास की पोल
x

प्रयागराज के दर्जनों मुहल्लों में घरों और दुकानों में घुस गया बारिश का पानी, रेलवे अंडरपास हुआ ताल में तब्दील तो तमाम सड़कें पानी में डूबीं, नाला सफाई के नाम पर खर्च किए गये 4 करोड़ रुपये भी नाले में बारिश के साथ बह गये...

जनज्वार। मानसून की पहली तेज बारिश से प्रयागराज में कुंभ मेले की तैयारियों के साथा—साथ स्मार्ट सिटी बनाने के विकास कार्यों की पोल खुल गयी। 6 जुलाई को हुई बारिश में नगर के तमाम इलाकों में पानी भर गया। अल्लापुर के घरों में पानी घुस गया तो कई मोहल्ले की सड़कें घंटों पानी में डूबी रहीं।

रेलवे अंडरपास ताल में तब्दील हो गए। सिविल लाइंस की दुकानों में भी पानी घुस गया।स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लाउदर रोड पर स्थित अधिकारी आवास परिसर में न केवल जलभराव हो गया, बल्कि सीवर में बैक फ्लो से पूरे परिसर में गंदगी फ़ैल गयी और दुर्गन्ध से हाहाकार मच गया।

सी तरह अल्लापुर के तिलकनगर मोहल्ले के घरों में पानी भरने से अफरातफरी मच गई। मटियारा, बाघंबरी रोड, एमएल कानवेंट के आसपास की सड़कें घंटों लबालब रहीं। अलोपीबाग स्थित एफसीआई के गोदाम का परिसर में पानी चला गया। विवेकानंद पार्क, रामलीला पार्क, सोहबतियाबाग इलाके की गलियों में पानी भरा। राजरूपपुर की गलियों में एक घंटे तक पानी भरा रहा।

गौरतलब है कि मानसून की इस पहली बारिश ने प्रयागराज के नाला सफाई की पोल भी खोल दी। इतना ही नहीं सरकार द्वारा नाला सफाई के नाम पर खर्च किए गये चार करोड़ रुपये भी नाले में बारिश के साथ बह गये। प्रयागराज में यह बारिश करीब 30 मिमी दर्ज की गयी, मगर इसी में पूरा प्रयागराज जलमग्न हो गया। नालों के बैक फ्लो होने से सिविल लाइंस, जार्जटाउन, टैगोर टाउन, अल्लापुर, अटाला, कालिंदीपुरम, लूकरगंज की तमाम सड़कों पर पानी भर गया था।

ल निकासी नहीं होने से टैगोरटाउन में पानी भरा। सिविल लाइंस में सड़कों किनारे जल निकासी का इंतजाम नहीं होने से दुकानों में पानी चला गया। काटजू रोड, मुट्ठीगंज, बाई का बाग, रामबाग, कीडगंज की सड़कों में भी पानी भरा रहा। झूंसी के कई हिस्से भी डूबे रहे।

कुम्भ से पहले बने शहर के खूबसूरत चौराहे और रेलवे अंडरपास बारिश के बाद डूब गये। कुम्भ के पहले बने रेलवे अंडरपास बारिश के बाद तालाब जैसे दिख रहे थे। तेलियरगगंज-गोविंदपुर मार्ग पर अंडरपास से आवागमन तक ठप हो गया। सीएमपी के सामने नया अंडरपास भी पानी में डूबा रहा। सोहबतियाबाग अंडरपास में भी पानी भर गया। निरंजन डॉट पुल के नीचे भी पानी भरने से दोपहर कुछ देर आवागमन में परेशानी हुई।

हर में 5 जून की आधी रात से शुरू हुई बारिश से जंक्शन के भीतर और बाहर जलभराव हो गया। उसके बाद दूसरे दिन 6 जुलाई को हुई बारिश से भी जंक्शन पर परेशानी खड़ी हुई। प्लेटफॉर्म पर आधा दर्जन स्थानों पर शेड से पानी फव्वारे की तरह गिर रहा था, इससे वहां बैठे मुसाफिर सामान लेकर भीगने से बचने का प्रयास करते रहे। प्लेटफॉर्म पर कुछ ही देर में जलभराव जैसे हालात हो गए। नए बने प्लेटफॉर्म नंबर छह पर भी जगह-जगह शेड से पानी सीधे प्लेटफॉर्म पर गिरता रहा। हाल ही में बने इस प्लेटफॉर्म पर मड़ुवाडीह एक्सप्रेस समेत तमाम ट्रेनों के यात्री मौजूद थे।

ए एयरपोर्ट पर पहुंचे मुसाफिरों का परेशानियों से आमना-सामना हुआ। बारिश का पानी एयरपोर्ट के पावर सबस्टेशन में भर गया। इससे पूरे दिन बिजली आपूर्ति में बाधा आई। जेनसेट से सप्लाई भी बाधित रही। एयरपोर्ट पर पूरे दिन एसी नहीं चल सके। बिजली आपूर्ति बाधित होने के कारण पानी के लिए भी परेशानी हुई। नए एयरपोर्ट के लिए बनी नई सड़क की मिट्टी भी कई जगह से कट गई। ऐसे में नई सड़क कई जगह धंसने से मुसाफिर परेशान हुए। एयरपोर्ट आने और जाने वाले को रास्ते तक में परेशानी हुई।

लोपीबाग स्थित एफसीआई गोदाम के भीतर भी पानी भर गया, जबकि पिछले वर्ष ही करीब आठ लाख रुपये से यहां नाला नगर निगम ने दुरुस्त कराया था। फिर से नाला बनवाने के बावजूद पानी बैक फ्लो होकर भीतर घुस गया। इसके बाद एफसीआई के भीतर पंप लगाकर पानी बाहर निकाला गया। बारिश के दौरान स्लूज गेट खुला होने से ज्यादातर पानी उसी से बाहर निकला, लेकिन मोहल्लों के भीतर दबाव कम करने के लिए बक्शी बांध पंपिंग स्टेशन से 30 क्यूसिक एवं 10 क्यूसिक क्षमता के पंप चलाए गए। इसी तरह जार्जटाउन में भी पंप चलाए गए।

कुंभ के दौरान चौड़े हुए बैरहना डॉट पुल के नीचे भी करीब दो फीट से अधिक पानी भर गया। पानी भर जाने से नए रास्ते पर आवागमन ठप रहा। इसे पीडीए ने बनवाया था, लेकिन यहां जलनिकासी का कोई रास्ता नहीं बनाया गया। इसी तरह कुंभ के दौरान बनी कई सड़कें जलनिकासी न होने से पानी से भर गईं।

Next Story

विविध