Begin typing your search above and press return to search.
प्रेस रिलीज

भोजन माताओं और आंगनबाड़ी के वेतन को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

Manish Kumar
22 April 2020 3:40 PM IST
भोजन माताओं और आंगनबाड़ी के वेतन को लेकर उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मांगा जवाब
x

राज्य में करीब 30 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और करीब 28 हजार भोजन माताओं को मार्च का वेतन उत्तराखंड सरकार ने नहीं दिया है....

देहरादून। उत्तराखंड हाईकोर्ट राज्य सरकार को राज्य की करीब 28 हजार आंगनबाड़ी वर्कर और भोजन माताओं को मार्च का वेतन दिए जाने के संबंध में 24 अप्रैल को सुनवाई करेगा। गौरतलब है कि इस मामले में महिला एकता मंच की संयोजिका ललिता रावत की ओर से याचिका दायर की गयी है।

याचिका में कहा गया है कि अभी तक सरकार ने भोजन माताओं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मार्च महीने का वेतन नहीं दिया है। यही नहीं सरकार की ओर से उन्हें इस दौरान किसी प्रकार की अन्य सहायता भी नहीं दी गयी है, जिसके चलते वे अपने परिवार का भरण पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।

हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से 24 अप्रैल तक स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। याचिकाकर्ता से कहा है कि वह मामले में सचिव शिक्षा को भी पक्षकार बनाएं। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति लोकपाल सिंह और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ में हुई।

हिला एकता मंच की तरफ से अदालत में पेश हुए वकील कमलेश कुमार ने बताया, करीब 30 आगंनबाड़ी वर्कर और 28 हजार भोजन माताओं के मार्च का वेतन राज्य सरकार ने नहीं दिया था।'

यह भी पढ़ें- UP में दबंग दलित मजदूर की हत्या कर परिवार को दे आए लाश, कहा थाने गए तो कर देंगे सबको साफ

उत्तराखंड में सक्रिय एक सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया, केंद्र सरकार ने 23 मार्च के अपने एक ऑर्डर में कहा था कि सभी वर्करों को ऑन ड्यूटी माना जाएगा और उन्हें पूरा दिया जाएगा।

यह भी पढ़ें- राशन की मांग पर भूखे मजदूरों ने बजाई थाली, मोदी से कहा जुमलों से नहीं खाने से भरता है पेट

सके बाद उत्तराखंड सरकार ने भी कहा था कि राज्य के सभी उद्योगपति और व्यापारी (जिनके उद्योग लॉकडाउन के दौरान बंद है) वे अपने कर्मचारियों को पूरा पैसा देंगे, लेकिन राज्य सरकार खुद आंगबाड़ी महिला कार्यकर्ता और भोजन माताओं को वेतन नहीं दे रही थी।'

Next Story

विविध