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82 वर्षीय बुजुर्ग महिला को डायन बताकर पीटने के मामले में हिमाचल सरकार ने गठित की एसआईटी
हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला के सरकाघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत गाहर में 6 नवंबर को एक 82 वर्षीय महिला को डायन बताकर प्रताड़ित किया गया। इस मामले की जांच को लेकर महिला के परिजनों ने जब जमकर हंगामा किया तो राज्य की भाजपा सरकार को मजबूर होकर एसआईटी गठित करनी पड़ी...
जनज्वार। सोमवार 18 नवंबर को राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय को जानकारी दी कि एसआईटी का गठन किया गया है। इसको लेकर उच्च न्यायालय ने कहा कि यह मामला कतई नजरअंदाज करने लायक नहीं है। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि इस घटना की जांच अच्छे से हो सके इसलिए हमने विशेष टीम को ये मामला सौंप दिया है। इस मामले में 9 नवंबर को मंडी जिले के सरकाघाट थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी।
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एल. नारायण स्वामी और जस्टिस ज्योत्सना रेवाल दुआ की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए सरकार से छह हफ्ते के भीतर 6 नवंबर को समाहाल गांव में बुजुर्ग महिला को प्रताड़ित करने के मामले में स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा। पीठ ने 10 और 11 नवंबर को विभिन्न अखबारों में प्रकाशित खबरों का स्वत: संज्ञान लेते हुए उसे जनहित याचिका में बदलते हुए ये आदेश जारी किया।
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बता दें कि 6 नवंबर 2019 को डायन बताकर 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला के बाल काट दिए गए और चेहरे पर कालिख पोती गई। यही नहीं गले में जूतों की माला पहनाकर देवता के रथ के आगे घसीटा गया। मामला सरकाघाट उपमंडल की ग्राम पंचायत गाहर का है। इस पंचायत के छोटा समाहल गांव है जहां 81 वर्षीय बुजुर्ग महिला राजदेई का घर है। उनके पति की मौत हो चुकी है और सिर्फ दो बेटियों का सहारा है, जिनकी शादियां हो चुकी हैं। कोई उचित देखभाल करने वाला नहीं है, इसलिए राजदेई बरच्छवाड़ में अपनी बेटी और दामाद के साथ रहती है। छोटा समाहल गांव में देवता माहूंनाग का मंदिर भी है और इलाके में देवता के प्रति लोगों में काफी आस्था है।
मंदिर के पुजारी की तीन वर्ष पहले मौत हो चुकी है। उनके बाद से मंदिर का अभी तक कोई पुजारी तय नहीं हुआ है। लेकिन कुछ लोग खुद को देवता का सेवक बताकर, लोगों को देवता के नाम पर डराने का काम कर रहे हैं। गांव में धर्म और समाज के ठेकेदारों ने राजदेई पर लोगों पर जादूटोना करने का आरोप लगाया। फिर राजदेई के घर गए और वहां तोड़फोड़ करने लगे।
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इस बात का पता जब राजदेई को चला तो वह बरच्छवाड़ से अपने गांव आई और पंचायत को इसकी शिकायत दी। लेकिन पंचायत के सामने भी देवता के ठेकेदारों ने महिला को देवता का डर दिखाया और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया। बुजुर्ग ने शिकायत वापस ले ली और दोबारा अपनी बेटी के पास चली गई।
कुछ समय बाद जब बुजुर्ग महिला फिर से अपने गांव आई तो इन्हीं समाज और धर्म के ठेकेदारों ने फिर से महिला को अपना निशाना बना लिया। इस बार इन लोगों ने पहले बुजुर्ग महिला के सिर के बाल काटे, फिर उसका मुहं काला किया और उसके बाद उसे जूतों की माला पहनाकर देवरथ के आगे पूरे गांव में घसीटा। बुजुर्ग महिला कई बार उसे छोड़ देने की गुहार लगाती रही लेकिन धर्म के ठेकेदारों ने उसकी एक न सुनी। खुद गांव वालों ने ही इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी बनाया जो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।
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इससे पहले पीड़ित बुजुर्ग महिला राजदेई की बेटी तृप्ता शर्मा ने बताया था कि उसकी मां की करोड़ों रुपये की जमीन हड़पने की खातिर उन्हीं की रिश्तेदार एक महिला के इशारे पर डायन का यह खेल खेला गया, ताकि वह उनकी जमीन पर कब्जा जमा सके।
तृप्ता ने कहा था कि नाग देवता और जादू-टोना, डायन मात्र बहाना है। मेरी मां पर इस तरह हमला किये जाने की असली वजह वजह करोड़ों रुपए की वह पुश्तैनी जमीन है, जिस पर गांववाले और हमारे तमाम रिश्तेदार आंखें गड़ाये हुए हैं। वे मेरी मां को मारकर उस पर कब्जा करना चाहते हैं, क्योंकि मेरा कोई भाई नहीं है।