- Home
- /
- अंधविश्वास
- /
- दलित दंपति की शादी को...
दलित दंपति की शादी को रोकने के लिए हिंदुओं ने मंदिर में लगाया ताला
जनज्वार, नई दिल्ली। अरुण स्टालिन और दिव्या ने कभी सोचा भी नहीं था कि भारी पुलिस बल की मदद से उनकी शादी का कार्यक्रम पूरा होगा। दरअसल रविवार को तमिलनाडु के सेंदुरई के चोक्नाथपुरम गाँव में ऐसी ही घटना हुई जब गांव के उच्च जाति के हिंदुओं ने वरदराजा पेरुमल मंदिर के गेट पर ताला लगा दिया। अंग्रेजी समाचार पत्र द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक इस मंदिर पर एक दलित जोड़े की शादी होने वाली थी। हालांकि पुलिस और राजस्व अधिकारियों की मदद से हिंदुओं से चाबी लेकर शादी को दो घंटे की देरी के बाद संपन्न करवाया गया।
विडंबना ये भी है कि दंपति वरदराजा पेरुमल मंदिर में शादी नहीं करना चाहता था। शादी के लिए उनकी पहली पसंद अरियालूप में स्थित पेरुमल मंदिर थी। लेकिन पेरुमल मंदिर के प्रशासन और पंडितों ने उन्हें शादी की तिथि वाले दिन अन्य कई शादियां होने की बात कह कर इनकार कर दिया। जिसके बाद जिला एचआर एंड सीई (Hindu Religious and Charitable Endowment) के एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने दंपति को चोक्नाथपुरम मंदिर में शादी करने की इजाजत दे दी थी।
संबंधित खबर : प्रधानों की गुंडागर्दी और जातिगत उत्पीड़न से तंग आकर यूपी में दलित अधिकारी ने की आत्महत्या
ये मंदिर विभाग (Hindu Religious and Charitable Endowment) के द्वारा ही चलाया जाता है। यह स्थान दूल्हे के जन्मस्थान के नजदीक है। इसी के आधार पर दंपति के रिश्तेदारों ने शादी के निमंत्रण कार्ड छपवाए और 7 नवंबर को पैसे देकर मंदिर की बुकिंग भी करवा ली। उसके बाद भी सुबह 11 बजे सब लोग जब मंदिर के लिए निकले तो रिश्तेदारों ने देखा कि मंदिर पर प्रवेश के लिए पाबंदी लगा दी गई है और मंदिरों के गेट पर ताले लगा दिए गए हैं।
इसको लेकर एक स्थानीय व्यक्ति का कहना था कि जैसे ही हिंदुओं को पता चला कि यहां पर किसी दलित दंपति की शादी होने वाली है तो उन्होंने मंदिरों में ताले लगा दिए।
दंपति के एक रिश्तेदार शशि कुमार ने अधिकारियों और पुलिस को पहले ही सर्तक कर दिया था। वह कहते हैं कि अरुण हेल्स के पास शादी के हॉल के साथ कोई मंदिर नहीं था जिसके लिए हमनें शादी करने के लिए इस जगह को तय कर लिया था और इसके लिए हमने अधिकारियों से अनुमति भी ले ली थी लेकिन उसके बाद भी स्थानीय लोगों ने मंदिर के दरवाजों पर ताला लगा दिया। साथ ही करीब 100 पुलिसकर्मियों को गांव में तैनात कर दिया गया, जबकि दंपति और मंदिर के पुजारी मंदिर के बाहर इंतजार करते रहे।
संबंधित खबर : गुजरात में दलितों की पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने किया मुख्य आरोपी को गिरफ्तार
पुलिस ने स्थानीय लोगों और राजस्व विभाग के अधिकारी जे बालाजी और सेंदुरई के तहसीलदार थेनमोझी से तीन तालों की चाबियां लीं जिसके बाद भी मंदिर के अंदर जाने के लिए पुलिस को दो तालों को तोड़ना पड़ा। तालों को तोड़ने के बाद आखिरकार दंपति ने मंदिर में प्रवेश किया और पूरी पुलिस सुरक्षा बल के साथ पुजारी ने दोपहर 1:30 बजे तक शादी को खत्म करवा दिया।
इस घटना पर उच्च जाति के हिंदू समुदाय के लोगों और तहसलीदार को बताया कि उन्होंने मंदिर के द्वार को इसलिए बंद कर दिया था ताकि बाहरी लोगों को यहां पर विवाह करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा सके। केवल हमारे गांव के लोग इस मंदिर में पिछले 30 वर्षों से शादियां समेत अन्य कार्य करते आ रहे है। इस मंदिर का एचआर और सीई के नियंत्रण में जाने के बाद विभिन्न स्थानों के लोगों ने यहां शादी करना शुरु कर दिया था। हमें ये चीज बिल्कुल भी पसंद नहीं थी जिसके कारण हमनें मंदिर के गेट पर ताला लगा दिया।
इस मामले को लेकर एसपी आर श्रीनिवासन ने कहा कि हमने मुद्दे को सुलझा दिया है और शादी भी हो गई है। उन्होंने कहा पुलिस अपनी जांच पूरी करने के बाद कार्रवाई करेगी।