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अंधविश्वास

हिमाचल में 82 साल की बुजुर्ग को डायन बता जान से मारने की कोशिश, ताकि करोड़ों की जायदाद पर कर सकें कब्जा

Prema Negi
10 Nov 2019 10:39 AM GMT
हिमाचल में 82 साल की बुजुर्ग को डायन बता जान से मारने की कोशिश, ताकि करोड़ों की जायदाद पर कर सकें कब्जा
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हिमाचल प्रदेश के मंडी स्थित सरकाघाट में 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला राजदेई को डायन बताकर पहले तो खूब मारा-पीटा, फिर बाल काटे, मुंह पर कालिख पोतकर और गले में जूतों का माला पहनाकर सड़कों पर घुमाया गया नंगे पांव....

जनज्वार। अपेक्षाकृत​ शांत माने जाने वाले पहाड़ी राज्यों में भी अब तरह-तरह की हिंसक और अमानवीय घटनायें सामने आने लगी हैं। हालांकि भूत-पिशाच, डायन-बिसही का अंधविश्वास यहां भी पर्याप्त कायम है, मगर हाल के वर्षों तक यहां इनके नाम पर किसी की जान लेने या फिर लिंचिंग के मामले कम ही आते थे, मगर अब ऐसे मामले पहाड़ी राज्यों में भी काफी आने लगे हैं। धार्मिक अंधविश्वासों के नाम पर अमानवीयता की घटनायें देश के विभिन्न हिस्सों से आती रहती हैं।

ब ऐसा ही एक मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में सामने आया है। मंडी जिले के सरकाघाट स्थित समाहल गांव में 6 नवंबर को एक 82 वर्षीय वृद्ध महिला राजदेई को डायन बताकर पहले तो उसके बाल काटे गये, खूब मारा-पीटा गया, फिर मुंह पर कालिख पोतकर और गले में जूतों का माला पहनाकर सड़कों पर नंगे पांव घुमाया गया।

बुजुर्ग महिला राजदेवी बार-बार खुद को छोड़ देने की गुहार लगाती रही, मगर धर्म के ठेकेदारों ने उनकी एक न सुनी। इतना ही नहीं जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसे खुद गांव वालों ने ही बनाया था। बूढ़ी महिला को डायन के नाम पर प्रताड़ित किये जाने का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आयी। अब इस मामले में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 17 लोगों को गिरफ्तार किया है।

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गौरतलब है कि डायन के नाम पर इस तरह के जघन्य अपराध का शिकार होने के बाद बुजुर्ग की हालत काफी खराब है। वह गहरे सदमे में चली गई हैं और हमीरपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है, फिलहाल उनकी बेटी उनकी देखभाल कर रही हैं।

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मंडी जिले के सरकाघाट में माहौल में तनाव को भांप यहां धारा 144 लगा दी गयी है। पीड़ित बुजुर्ग महिला राजदेई की बेटी तृप्ता शर्मा ने आरोप लगाया है कि उसकी मां की करोड़ों रुपये की जमीन हड़पने की खातिर उन्हीं की रिश्तेदार एक महिला के इशारे पर डायन का यह खेल खेला गया, ताकि वह उनकी जमीन पर कब्जा जमा सके।

तृप्ता कहती हैं, नाग देवता और जादू-टोना, डायन मात्र बहाना है। मेरी मां पर इस तरह हमला किये जाने की असली वजह वजह करोड़ों रुपए की वह पुश्तैनी जमीन है, जिस पर गांववाले और हमारे तमाम रिश्तेदार आंखें गड़ाये हुए हैं। वे मेरी मां को मारकर उस पर कब्जा करना चाहते हैं, क्योंकि मेरा कोई भाई नहीं है।

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गौरतलब है कि गाहर पंचायत के समाहल गांव की बुजुर्ग विधवा राजदेई का अपने रिश्तेदारों के साथ पिछले डेढ़ दशक से जमीन का विवाद चल रहा था। राजदेई की दोनों बेटियों की शादी हो चुकी है और एक दामाद डॉक्टर और दूसरा शिमला हाईकोर्ट में वकील है। राजदेई की करोड़ों रुपए की जमीन-जायदाद पर रिश्तेदारों की काफी समय से नजर है।

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बुजुर्ग की बेटी तृप्ता शर्मा का कहना है कि इसी लाखों रुपये की जमीन-जायदाद अब तक के पीछे उनकी मां पर आधा दर्जन से अधिक जानलेवा हमले उनके रिश्तेदार करवा चुके हैं और घर का सारा सामान फूंक दिया गया है। जब बुजुर्ग महिला किसी भी हाल में नहीं डरी और अपनी जमीन उन्हें देने को तैयार नहीं हुई तो रिश्तेदारों ने उन्हें डायन बताना शुरू कर दिया, ताकि वह जमीन पर से अपना अधिकार छोड़ भाग जायें।

हिला की एक बेटी तृप्ता शर्मा कहती हैं, हमारा पूरा परिवार नाग देवता की पूजा करता है। घर में पंडितों द्वारा नाग देवता की मूर्ति प्रतिष्ठा करके लगाई गई है, मगर पिछले कुछ समय से एक देवता के कामगार रथ उठाने वाले उसकी ननद के साथ मिलकर मेरी मां को डायन करार देने में तुले हैं। मेरी बुजुर्ग मां पर जादू-टोना करने का आरोप लगाये जा रहे हैं।

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तृप्ता शर्मा आगे कहती हैं, बीते 19 अक्टूबर को देवता के कारिंदों ने मां पर हमला कर दिया था, उसके बाद एक और जानलेवा हमला मेरी बुजुर्ग मां पर 28 अक्टूबर को किया गया। उस दिन घर में रखी गई अलमारियां और मां के कपड़ों पर आग लगा दी गयी।

तृप्ता कहती हैं, 6 नवंबर को करीब 100 लोगों की भीड़ हमारे घर में घुस आयी और अकेली रह रही मेरी बुजुर्ग मां को घर से घसीटकर बाहर निकाल दिया। उसके बाल काट दिए, मुंह पर कालिख पोत कर गले में जूतों की माला पहनाकर पूरे गांव में घसीट कर घुमाया गया। भीड़ ने मेरी बुजुर्ग मां को बुरी तरह मारा-पीटा, उस दिन उसकी जान ही ले ली होती इन आततायियों ने, अगर एचआरटीसी की बस वहां नहीं पहुंची होती। फरिश्ता बनकर आये बस ड्राइवर, कंडक्टर और सवारियों ने मेरी बुजुर्ग मां को किसी तरह बचाया।

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र्म और अंधविश्वास का सहारा लेकर ​बुजुर्ग महिला की लिंचिंग की इस घटना को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा देवभूमि में ऐसे कृत्य बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह वीडियो जब मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के संज्ञान में आया, उसी के बाद पुलिस ने आनन-फानन में इस पर कार्रवाई करते हुए 17 लोगों की गिरफ्तारी की है।

पुलिस ने पीड़ित बुजुर्ग की बेटी तृप्ता की शिकायत पर देवता के गुर की बेटी निशु समेत 20 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

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पीड़ित बुजुर्ग महिला की बेटी तृप्ता ने बताया कि मेरा पूरा परिवार नाग देवता की पूजा करता है, जबकि पूरा इलाका माहु नाग देवता की पूजा करता है। माहु देवता के गुर की बेटी निशु के कहने पर ही लोगों ने मेरी मां पर हमला किया। इन्हीं लोगों ने प्रचारित किया कि मेरी मां का परिवार नाग देवता की पूजा करता है और टोने-टोटके भी करता है, जिसकी वजह से मौतें तक हुई हैं।

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हिमाचल में अंधविश्वास की पराकाष्ठा छूने वाली यह घटना तब सामने आयी है, जबकि यहां साक्षरता दर 85 फीसदी है। बुजुर्ग को डायन के नाम पर जान से मारने की कोशिश करने वाले गांव के लोग जिस समाहल से ताल्लुक रखते हैं, वहां का तो हर व्यक्ति पढ़ा लिखा है। इस गांव से कई डॉक्टर-इंजीनियर हैं।

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