Begin typing your search above and press return to search.
प्रेस रिलीज

आजमगढ़ के हीरालाल यादव बोले, योगी पुलिस जेल से निकलते ही फ़र्ज़ी मुठभेड़ में कर देगी मेरे भाई की हत्या

Prema Negi
22 Oct 2019 9:04 AM GMT
आजमगढ़ के हीरालाल यादव बोले, योगी पुलिस जेल से निकलते ही फ़र्ज़ी मुठभेड़ में कर देगी मेरे भाई की हत्या
x

3 साल पहले हुई थी हीरालाल के 6 साल के बच्चे की स्कूल में हत्या, जिसमें उनके भाई जामवंत यादव ने दर्ज की थी एफआईआर

हीरालाल बोले मेरे मासूम बच्चे की हत्या में शामिल लोगों ने पुलिस की मिलीभगत से मेरे भाई को फंसाया 38 झूठे मुकदमों में जिससे हत्यारों को न मिल पाये सजा, हत्यारे रखते हैं योगी सरकार में मजबूत हैसियत, इसलिए मेरे भाई के जेल से बाहर आते ही पुलिस कर देगी फर्जी एनकाउंटर में हत्या...

लखनऊ, जनज्वार। रविवार 21 अक्टूबर को लखनऊ प्रेस क्लब में 'संविधान की सुनो' कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें तमाम मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत कश्मीर के सवालों को लेकर आईएएस से इस्तीफा देने वाले कन्नन गोपीनाथ भी मौजूद रहे। इसमें आजमगढ़ के हीरालाल यादव भी मौजूद रहे, जिनके भाई जामवंत यादव जेल में है। हीरालाल यादव ने आशंका जताई है कि मेरे भाई की जेल से निकलते ही योगी पुलिस फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर देगी।

हीरालाल यादव ने राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट व हाईकोर्ट, राज्यपाल, पुलिस महानिदेशक यूपी, गृह मंत्रालय को एक पत्र ल्भेजा है, जिसमें अपने भाई की जेल से निकलते ही पुलिस द्वारा फेक एनकाउंटर में हत्या की आशंका जतायी है।

कौल हीरालाल, 'मेरे भाई पर झूठे मुकदमे लादकर न सिर्फ जेल में बंद किया गया है, बल्कि अब जब सभी मुक़दमों में उन्हें जमानत मिल गई है तो मुझे और मेरे परिवार को आशंका है कि पुलिस मेरे मेरे भाई की फ़र्ज़ी मुठभेड़ में हत्या कर देगी।

गौरतलब है कि पुलिस, कानून आमजन की सुरक्षा के लिए बने हैं। देश और बहुसंख्यक राज्यों में सत्तासीन आमजन की सुरक्षा को लेकर तमाम दावे और वादे भी करती है, उत्तर प्रदेश सरकार भी दवे करती है कि हम नागरिकों की सुरक्षा के लिए कृत संकल्प हैं, मगर यह दावे हर हाल में खोखले ही साबित होते हैं, क्योंकि हर तरह के अपराधों, हिंसा, महिला अपराधों में राज्य ने ​कीर्तिमान स्थापित किया हुआ है।

योगी सरकार लगातार दावा करती है कि जब से उत्तर प्रदेश में बीजेपी सत्ता में आई है कानून व्यवस्था में बहुत सुधार आया हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश में जंगल राज बढ़ रहा है, यह किसी और ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने कही है।

च्चतम न्यायालय ने गुरुवार 17 अक्टूबर को एक मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि 'हम उत्तर प्रदेश सरकार से तंग आ चुके हैं। ऐसा लगता है यूपी में जंगलराज है। आखिर ऐसा क्यों होता है कि अधिकतर मामलों में यूपी सरकार की ओर से पेश वकीलों के पास संबंधित अथॉरिटी का कोई उचित निर्देश नहीं होता।'

यह भी पढ़ें : कश्मीर के सवालों पर इस्तीफा देने वाले आईएएस कन्नन बोले, राष्ट्रद्रोही हैं कश्मीर के मुद्दे पर चुप्पी साधने वाले

पेशे से किसान हीरीलाल यादव आजमगढ़ के रहने वाले हैं। हीरालाल का कहना है कि जामवंत यादव पर पुलिस ने 38 फर्जी मुकदमे लगाकर जेल में बंद किया है। वर्तमान में उन्हें सारे मुकदमों में जमानत हो गई है, लेकिन हीरालाल को इस बात का डर है कि कही भाई के जेल से आते ही पुलिस वाले फर्जी एनकाउंटर न कर दें। इस संर्दभ में हीरालाल ने राष्ट्रीय व राज्य मानवाधिकार आयोग, मुख्य न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट, राज्यपाल, पुलिस महानिदेशक यूपी, गृह मंत्रालय को भी भेजा पत्र है।

पने पत्र में हीरालाल यादव लिखते हैं, 'मेरे भाई जामवंत यादव बाराबंकी जेल में बंद हैं और पुलिस ने 38 फर्जी मुकदमों में उसे फंसाया है। वर्तमान में सारे मुकदमों में जमानत हो गई है। मेरा भाई जेल से बाहर आने वाला है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि उसके जेल से बाहर आते ही षडयंत्र करके पुलिस उसकी फर्जी एनकाउंटर में हत्या कर देगी। जिन 38 मुकदमों में जामवंत को फंसाया गया है, वह सब झूठे हैं। जबकि सत्यता इससे परे है एक या दो मुकदमों को छोड़कर किसी भी मुकदमे में वह नामजद नहीं है और जिसमें नामजद है वह पड़ोसियों का आपसी विवाद है। पुलिस ने कई बार हमारे भाई को मारने का प्रयास किया, जिसके संबंध में अदालत में कई बार अर्जियां दी गईं कि हमारे भाई को पेशी पर लाते समय पुलिस फर्जी एनकाउंटर कर देगी।'

हीरालाल आगे लिखते हैं, 'इस संदर्भ में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया, जिनकी ओर से कोई भी कार्रवाई अब तक नहीं की गई। चूंकि मेरे भाई को आजमगढ़ जेल में भी कई बार पुलिस अधिकारियों द्वारा जेल के अंदर मारा—पीटा गया, जिसकी अर्जियां न्यायालय में और विभिन्न स्तरों पर दी गईं, जिस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विदित है कि प्रार्थी आजमगढ़ जिले का रहने वाला है, लोकसभा चुनाव 2019 के पहले उसका जेल ट्रांसफर करके फैजाबाद भेजा गया और बाद में उसको बाराबंकी जेल भेज दिया गया। दिनांक 27 नवंबर 2018 को आजमगढ़ से फैजाबाद जेल ले जाते समय अम्बेडकर नगर की सीमा पर एसओजी ने एनकाउंटर करने की कोशिश की।'

हीरालाल ने लिखा है, '27 जनवरी 2016 को मेरे 6 साल के मासूम बच्चे किशन यादव की स्कूल में हत्या हुई थी, जिसमें मेरा भाई एफआईआरकर्ता है। इस घटना में शामिल लोगों ने पुलिस की मिलीभगत से मेरे भाई को 38 मुकदमों में फंसा दिया, जिससे कि मासूम बच्चे के हत्यारों को सजा ना मिल सके। इस घटना में शामिल लोग वर्तमान समय में सत्ता पक्ष में मजबूत हैसियत रखते हैं और मेरे भाई के जेल से बाहर आते ही उसकी फर्जी एनकाउंटर में हत्या करा देंगे।

'मैं एक गरीब किसान हूं, किसानी से पेट नहीं भर पाता है तो मुम्बई में मजदूरी कर बूढ़े माता-पिता और परिवार को पालता हूं। मुक़दमेबाजी ने मेरे परिवार को पूरी तरह से तबाह कर दिया है और दिन-रात भाई के जीवन को लेकर मेरे माता-पिता होशोहवाश खो बैठे हैं। महोदय भाई की फर्जी मुठभेड़ में पुलिस हत्या न कर दे, इसलिए उसकी और मेरे परिवार की सुरक्षा की गारंटी की जाए। यह गरीब किसान आपका जिंदगीभर कर्जदार रहेगा।'

Next Story

विविध