राजनाथ सिंह के जुबानी आश्वासन पर एसएससी छात्रों को नहीं भरोसा, जारी रहेगा आंदोलन
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा हमारा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक तक इस मामले की लिखित सीबीआई जांच की कॉपी हमें नहीं दी जाएगी....
अफजल आलम
एसएससी पेपरलीक घोटाले और धांधली के खिलाफ 27 फरवरी से हजारों छात्र एसएससी हेडक्वार्टर के आगे प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर मोदी सरकार उनकी मांगों पर कोई कान नहीं दे रही है। नेता—नौकरशाह मौखिक चाहे कितने आश्वासन दे दें, मगर छात्र सबकुछ लिखित में चाहते हैं।
अब तक भाजपा के कई बड़े नेता छात्रों से मिल चुके हैं, मगर ठोस आश्वासन कोई भी नहीं दे रहा है।
गौरतलब है कि अब पुलिस ने प्रदर्शन स्थल के आसपास इंटरनेट एक्सेस को तक सीमित कर दिया है, जिससे कि छात्र आॅनलाइन कोई जानकारी इधर—उधर न कर पाएं।
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SSC प्रश्नपत्र लीक होने और चयन प्रक्रिया में धांधली की बात सामने आने के बाद छात्रों ने मोदी सरकार से माँग की है कि SSC, CGL, CHS, MTS में पैसे लेकर नौकरी दी गई है, उसकी जाँच सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट के निगरानी में कराई जाए और दोषियों को सज़ा दी जाए।
पिछले एक हफ्ते से एसएससी हेडआॅफिस के सामने आंदोलन कर रहे छात्रों में से कई की तबियत भी बिगड़ने लगी है। आंदोलनकारी छात्रों में से 12 का अस्पताल में ईलाज चल रहा है।
हैरत है कि सोशल मीडिया, टीवी, दैनिक अखबारों पर भाजपा की तरफ से प्रचारित किया जा रहा है और नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं कि आंदोलनकारी छात्रों की सभी मांगें सरकार द्वारा मान ली गई हैं और पेपरलीक मसले की सीबीआई के लिए मोदी सरकार ने हामी भर दी है, मगर अभी तक सरकार और SSC के तरफ़ से छात्रों को लिखित में सीबीआई जाँच की कॉपी नहीं दी गई है।
इतना ही नहीं सरकार के तरफ़ से कुछ भी साफ़ साफ़ नहीं बताया जा रहा कि छात्रों की किन—किन माँगों को माना गया है।
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धरना खत्म होने की बात पर छात्रों का कहना है कि हमारा धरना तब तक जारी रहेगा जब तक तक इस मामले की लिखित सीबीआई जांच की जानकारी हमें नहीं दिया जाएगा।
गौरतलब है कि छात्र एक हफ्ते से दिल्ली के सीजीओ कॉम्प्लेक्स स्थित एसएससी मुख्यालय के सामने दिन—रात धरने पर बैठे हैं। इस दौरान उनसे अलग—अलग पार्टियों के नेताओं के अलावा अन्ना हजारे भी मिल चुके हैं और उनकी मांगों को नेताओं ने समर्थन भी दिया है।
आंदोलन में शामिल पटना के मिहिर कहते हैं, हम लोग अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्वक धरना दे रहे हैं और सरकार से मांग कर रहे हैं कि एसएससी के पेपर लगातार लीक हो रहे हैं, जिसकी सीबीआई जांच की जानी जरूरी है, मगर सरकार की तरफ से हमें अभी तक मौखिक के बजाय लिखित में कोई भी आश्वासन नहीं दिया गया है। हमारी मांगें लिखित में मानने के बाद ही हम अपना आंदोलन खत्म करेंगे।
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कल 4 मार्च को प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में आंदोलनरत छात्रों का प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री राजनाथ सिंह और एसएससी चेयरमैन असीम खुराना से मिला था, जिसके बाद बीजेपी की तरफ से मीडिया में प्रचारित किया गया कि छात्रों ने आंदोलन वापस ले लिया है, उनकी सभी मांगें मान ली गई हैं। मगर यह बात कोरी अफवाह निकली।
आंदोलनरत छात्र कह रहे हैं जब तक सीबीआई जांच की लिखित कॉपी हमें नहीं मिलेगी, हमारा धरना और आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन में हिस्सा लेने आए रांची के आशीष कहते हैं, पिछले कई वर्षों से पेपर स्कैम गेम जारी है। कुछ सेंटर तो सालों से सिर्फ नकल कराने के लिए कुख्यात हैं, जहां कुछ छात्रों से लाखों रुपए वसूलकर उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर नंबर दिए जाते हैं। इस पूरे खेल में शासक—प्रशासक दोनों शामिल हैं। सबका हिस्सा बंटा हुआ है।
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सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे भी एसएससी छात्रों से मिले और उनके आंदोलन को समर्थन देते हुए एसएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग की। एसएससी पेपरलीक मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए उन्होंने भी प्रधानमंत्री और मानव संसाधन मंत्री को चिट्ठी लिखी। इस मामले में गौर करने वाली बात यह है कि एसएससी पेपर लीक घोटाले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की गई है, जिस पर 12 मार्च को सुनवाई होनी है।