ऑनर किलिंग : पिता और चाचाओं ने पहले प्रीती को उतारा मौत के घाट, फिर दर्ज कराई गुमशुदगी की रिपोर्ट
प्रीती की मां और चाचियों ने तक उसकी हत्या के बाद या हत्या के दौरान नहीं उठायी कोई आवाज, यहां तक की पड़ोसियों को तक इस नृशंस हत्याकांड का पता नहीं चल पाया, क्योंकि बाहर ही बाहर यह परिवार यह जताता रहा कि उनकी बेटी गायब हो गयी है...
जनज्वार। बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ के तमाम दावों और वादों के बीच बेटियों का तरह—तरह से उत्पीड़न और उन्हें मौत के घाट उतारने का सिलसिला जारी है। अब उत्तर प्रदेश में ऑनर किलिंग का एक लोमहर्षक मामला सामने आया है। सगाई के दिन प्रेमी संग बेटी को देख आग-बबूला होकर पिता और चाचाओं ने बेटी को मार डाला। जलाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया और थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी।
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ के अंतू थाना क्षेत्र में प्रेम की कीमत युवती ने जान देकर चुकाई। उसके पिता और उनके भाइयों ने ही उसकी ऑनर किलिंग कर दी और बाद में गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा दी। एक पिता ने तकरीबन 1 साल पहले अपने तीन भाइयों के साथ लाठी-डंडे से पीटने के बाद बेटी की गला दबाकर हत्या कर दी और उसके शव को सई नदी के किनारे जला दिया और राख नदी में बहा दी। घटना को छिपाने के लिए अगले ही दिन आरोपियों ने अंतू थाने में युवती की गुमशुदगी दर्ज करा दी। पुलिस ने छानबीन कर आठ महीने बाद घटना का बुधवार 12 फरवरी को खुलासा किया। आरोपी पिता और उसके दो भाइयों को पुलिस ने जेल भेज दिया है और युवती के हत्यारे चौथे आरोपी की तलाश कर रही है।
ऑनर किलिंग की शिकार हुई अंतू थाना क्षेत्र के राजापुर रनिया गांव की प्रीती वर्मा ने अपने प्रेमी राहुल के साथ मंदिर में शादी कर ली थी। इस बात की भनक परिवार के लोगों को नहीं लगी थी। बाद में परिवार के दबाव में किसी और के साथ सगाई के लिए राजी हो गई थी, लेकिन मामला शांत होने पर दोनों ने कोर्ट मैरिज करने की तैयारी कर रखी थी। सगाई के दिन ही वह राहुल से मिलने चली गई। इसकी जानकारी उसके परिजनों को हो गई। वह राहुल की तलाश में ही निकले थे, लेकिन वह प्रीती के घरवालों को आते देख भाग निकला।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के मुताबिक अंतू थाना क्षेत्र के राजापुर रनिया निवासी राजू वर्मा की बेटी प्रीती गांव के ही फूलचंद के भांजे राहुल निवासी सिंघनी थाना सांगीपुर से प्रेम करती थी। इस बात की जानकारी होने के बाद परिजनों ने पहले भी उसे कई बार पीटा था। राहुल से न मिलने को लेकर धमकाया था। इसके बावजूद प्रीती और राहुल एक-दूसरे से चोरी-छिपे मिलते रहे। दोनों साथ जीने-मरने की कसमें खाते रहे। सालभर पहले परिवार के लोगों को बताए बगैर मंदिर में शादी कर ली। उधर, घरवाले उसकी शादी कहीं और करना चाह रहे थे।
प्रीती की सगाई 13 मई 2019 को थी। इसी दिन प्रीती राहुल से मिलने के लिए घर से बाहर निकली थी। राहुल से बातचीत के दौरान प्रीती ने परिवार के लोगों की नाराजगी बताई। उसने कहा कि परिवार के लोगों के दबाव में अभी वह सगाई कर ले रही है। जैसे ही मामला शांत होगा दोनों कोर्ट मैरिज कर लेंगे। घरवालों के विरोध के बाद भी दोनों एक साथ रहना चाहते थे, लेकिन दोनों के परिवार वाले इसके लिए राजी नहीं थे। प्रीती के घरवाले राहुल के साथ उसकी शादी के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। इसे लेकर कई बार राहुल के परिजनों को उलाहना भी दिया था।
पिछले साल 13 मई 2019 के बाद राहुल प्रीती से मिलने के लिए परेशान था, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। प्रीती के गायब होने के बाद भी राहुल उर्फ दीपक उसकी तलाश करता रहा। उसके गांव आने के बजाए वह बगल के गांव में रिश्तेदारी में आकर उसके बारे में जानकारी जुटाता रहा। यहां तक कि उसकी रिश्तेदारी में जाकर पता किया, लेकिन कोई सुराग नहीं लगा। जिससे उसकी आशंका और मजबूत होने लगी कि कहीं उसकी हत्या न कर दी गयी हो। उसने पुलिस को बताया कि उसे कुछ लोगों से यह जानकारी मिली थी कि घरवालों ने ही प्रीती को मार डाला है।
अंतू थाना क्षेत्र के नंदलाल का पुरवा (राजापुर रैनिया) गांव निवासी प्रीती वर्मा पुत्री राजू वर्मा के गायब होने का मुकदमा उसके चाचा राजेश वर्मा ने 15 मई 2019 को अंतू थाने में दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज करके जिस प्रीती को पुलिस तलाश कर रही थी, उसकी हत्या 13 मई 2019 को उसके पिता राजू, चाचा राजेश, जमुना प्रसाद और बृजेश ने की थी। हत्या के अगले दिन 14 मई को शव सिंघनी घाट पर जला दिया था। शव के साथ प्रीती के मोबाइल को भी जला दिया था और राख उठाकर सई नदी में फेंक दिया था।
पुलिस के मुताबिक प्रीती की हत्या और लाश जलाने की जानकारी घरवालों को थी, लेकिन सभी ने चुप्पी साध रखी थी। पुरुषों के आगे महिलाएं भी खामोश रहीं। प्रीती की मां और चाचियों ने तक इस मामले में एक आवाज नहीं उठायी, यहां तक की पड़ोसियों को तक इस नृशंस हत्याकांड का पता नहीं चल पाया, क्योंकि बाहर ही बाहर यह परिवार यह जताता रहा कि उनकी बेटी गायब हो गयी है।
झूठी शान और सम्मान के लिए के लिए अपनी ही बेटी की हत्या और उसका शव जलाने की घटना की कहानी का खुलासा 25 हजार के इनामी बदमाश अजय पासी के पकड़े जाने के बाद हुआ। पुलिस का दावा है कि अजय ने बताया कि वह प्रीती से प्यार करता था। उसकी हत्या के बाद वह अंतू थाने में प्रीती के पिता और चाचाओं के साथ कैबिनेट मंत्री मोती सिंह का रिश्तेदार सर्वेश सोमवंशी भी गुमशुदगी दर्ज कराने आया था। इस पर उसे लगा कि उसने ही प्रीती को गायब किया है। इससे गुस्से में आकर उसने सर्वेश को जान से मारने की नियत से उस पर फायर की थी। अजय के साथ ही उसके साथी 25 हजार के इनामी पवन को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजय की गिरफ्तारी के बाद मिली जानकारी के बाद पुलिस कड़ियां जोड़ती चली गई। इसके बाद घटना का खुलासा किया। पुलिस ने दोनों बदमाशों को जेल भेज दिया।
अंतू थाना क्षेत्र पूरब गांव कोट किठावर निवासी कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के रिश्तेदार सर्वेश सोमवंशी उर्फ विक्की सिंह पुत्र कुंवर बहादुर सिंह उर्फ मुन्ना सिंह बीते नवंबर माह में मां कालिकन देवी से दर्शन करके घर लौट रहे थे। किठावर-कालिकन धाम मार्ग पर बाइक सवार तीन बदमाशों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। सर्वेश को गोली भी लगी।
पुलिस ने इस मामले में अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर खोजबीन शुरू कर दी। जांच में पता चला कि सांगीपुर के देवीगढ़ निवासी पवन कुमार सरोज पुत्र देवतादीन, अजय पासी पुत्र बाबूलाल निवासी टेकनिया सांगीपुर ने सर्वेश पर गोली चलाई थी। नाम सामने आने पर अजय व पवन के ऊपर एसपी ने 25-25 हजार का इनाम घोषित कर दिया। मंगलवार 11 फरवरी को एसटीएफ व अंतू पुलिस की टीम ने दोनों गिरफ्तार कर लिया। इनके पास से घटना में प्रयुक्त असलहा और कारतूस भी बरामद किया गया।