तीन साल से सामूहिक बलात्कार की शिकार जब थाने पहुंची तो डीएसपी और इंस्पेक्टर ने भी किया बलात्कार
शिव कुमार ने रेप का वीडियो इंद्रपाल सिंह सैनी को दिखाया, उसने भी न सिर्फ पीड़िता का रेप किया बल्कि एक अन्य वीडियो भी कर लिया शूट, उसके बाद शुरू हुआ पीड़िता का ब्लैकमेलिंग के आधार पर रेप का अंतहीन सिलसिला और रक्षक पुलिस भी बन गयी भक्षक...
रांची, जनज्वार। झारखंड के जमशेदपुर स्थित मानगो सहारा सिटी अपार्टमेंट में नाबालिग के साथ बलात्कार के चर्चित मामलों में हुई सुनवाई के दौरान कई और खुलासे हुए हैं। 14 नवंबर को एडीजे-5 की अदालत में बलात्कार पीड़िता की गवाही हुई थी, जिसमें उसने बलात्कार की अंतहीन पीड़ा को सिलसिलेवार अदालत के सामने रखा।
पीड़िता ने अपने साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए कोर्ट को बताया कि अब तक उसका तकरीबन दो दर्जन लोग रेप कर चुके हैं। अपने मुंहबोले चाचा के पास रहने वाली पीड़िता का पहली बार बलात्कार उस वक्त किया गया, जब वह घर में अकेली थी और बिजली चली गयी थी। उसके चाचा ने शिवकुमार नाम के शख्स को लाइट ठीक करने के लिए भेजा तो उसने बच्ची को घर में अकेला पाकर न सिर्फ उसका बलात्कार किया बल्कि रेप का वीडियो भी बना लिया।
बलात्कार पीड़िता ने अपनी गवाही में न्यायालय को बताया कि सबसे पहली बार वह बलात्कार की शिकार नोटबंदी के आसपास यानी नवंबर 2016 में हुई थी। शिवकुमार बलात्कार का वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे कई लोगों से मिलवाता रहा, जो उसका बलात्कार करते थे। शिव कुमार ने रेप का वीडियो इंद्रपाल सिंह सैनी को दिखाया, उसने भी न सिर्फ पीड़िता का रेप किया बल्कि एक अन्य वीडियो भी शूट कर लिया। उसके बाद पीड़िता के साथ ब्लैकमेलिंग के आधार पर रेप का यह अंतहीन सिलसिला शुरू हो गया।
इंद्रपाल ही वह शख्स था जो पीड़िता को एमजीएम थाना क्षेत्र के एक जंगल में ले गया, जहां कुछ लोग जब उसका बलात्कार कर रहे थे तो पुलिस ने देखा। वहां से जब पुलिस उसे थाने ले गयी तो थाना प्रभारी इमदाद अंसारी एवं पुलिस उपाधीक्षक अजय केरकेट्टा ने भी उसका बलात्कार किया। इस घटना के बाद भी पीड़िता की अंतहीन शारीरिक और मानसिक पीड़ा का अंतहीन दौर थमा नहीं, बल्कि इस घटना के बाद जो महिला उसे रिश्ते की चाची कहकर छुड़वा ले गयी थी उसके माध्यम से पीड़िता को एनएच-33 स्थित कई होटलों में ले जाया गया, जहां कई लोगों ने उसके साथ दुष्कर्म किया और वीडियो भी बनाये।
जनज्वार ने जब मानगो पुलिस स्टेशन में इस केस की पूरी जानकारी को विस्तार में जानने के लिये फ़ोन किया तो मानगो पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर ने कहा, 'फिलहाल ये मामला सीआईडी के पास है तो अब हम कोई भी टिप्पणी और जानकारी नही दे सकते हैं। नाम उजागर न करने की गुजारिश करते हुए उन्होंने कहा मेरी पहचान मानगो पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर के तौर पर ही रखिये।'
मानगो सहारा सिटी अपार्टमेंट के जिस फ्लैट में वह अपने मुंहबोले चाचा के साथ रहती थी, वहां भी वीडियो वायरल करने का डर दिखाकर उसका बलात्कार किया गया। पीड़िता ने कोर्ट में बताया कि मेरे चाचा बार-बार कहते थे कि घर में गलत हो रहा है, मगर वह इंद्रपाल सैनी के डर से उन्हें कुछ भी नहीं बताती थी। अब इस मामले में अगली सुनवाई कोर्ट द्वारा 23 नवंबर तय की गयी है।
बकौल पीड़िता जब थाने में इंस्पेक्टर और डीएसपी ने उसका बलात्कार किया, तो उसके बाद एक महिला उसकी चाची बनकर आई और उसे छुड़ाकर अपने साथ ले गई। इसी के बाद उसे एनएच-33 स्थित कई होटलों में ले जाया गया, जहां कई लोगों ने उसके साथ बलात्कार कर वीडियो भी बनाये।
मानगो के अपार्टमेंट में नाबालिग के साथ बलात्कार का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल कर देह व्यापार कराने की बात पीड़िता के संरक्षक यानी मुंहबोले चाचा को पता चली तो मानगो थाने में इसकी शिकायत दर्ज करायी गयी। पीड़िता ने तीन लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई, और तीनों को गिरफ्तार किया गया। हाईकोर्ट में अर्जी देकर पीड़िता की मां ने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी।
यह मामला प्रमुखता से पिछले वर्ष तब सामने आया जब मुख्यमंत्री रघुवर दास की ‘सीधी बात’ कार्यक्रम के दौरान पीड़िता ने अपनी आपबीती बतायी। यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने लड़की के साथ दुष्कर्म और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोपों की सीआईडी जांच का आदेश दिया। पीड़िता ने मुख्यमंत्री को अपनी आपबीती सुनाते हुए आरोप लगाया था कि जमशेदपुर के इंद्रपाल सैनी, शिवकुमार महतो एवं श्रीकांत के अलावा तत्कालीन एमजीएम थाना प्रभारी इमदाद अंसारी एवं तत्कालीन पुलिस उपाधीक्षक अजय केरकेट्टा ने भी उसका बलात्कार किया।