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असम में 'खेलो इंडिया' में भाग लेने गईं झारखंड की बेटियां सड़कों पर रहीं भूखी-प्यासी तो हेमंत सोरेन ने किया कड़ा ट्वीट

Nirmal kant
24 Jan 2020 6:28 AM GMT
असम में खेलो इंडिया में भाग लेने गईं झारखंड की बेटियां सड़कों पर रहीं भूखी-प्यासी तो हेमंत सोरेन ने किया कड़ा ट्वीट
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आयोजकों के कुप्रंबंधन से खेलो इंडिया 2020 में भाग लेने गईं झारखंड की बेटियां सड़कों पर भूखे प्यासे रहने को हुईं मजबूर, सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कड़ी कार्रवाई करे असम सरकार..

जनज्वार। खेलों के प्रति युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने खेलो इंडिया योजना को शुरू किया है। हाल ही में असम की राजधानी गुवाहाटी में खेलो इंडिया आयोजित किया गया था, लेकिन झारखंड की खिलाड़ियों को आयोजकों की ओर से कुप्रबंधन के चलते सड़कों पर भूखे प्यासा रहना पड़ा।

रअसल टीम की वापसी बुधवार 22 जनवरी की रात में होनी थी, लेकिन आयोजकों ने सुबह में ही खिलाड़ियों को होटल बदलने की बात कहकर सड़क पर छोड़ दिया। झारखंड की टीम को गुवाहाटी स्टेशन चिरोम प्लेस में ठहराया गया था। टीम की ट्रेन बुधवार 22 जनवरी की रात नौ बजे गुवाहाटी स्टेशन से थी। बुधवार की सुबह आयोजकों ने टीम प्रबंधन से कहा कि सभी खिलाड़ियों को दूसरे होटल में शिफ्ट होना होगा इसलिए होटल को जल्द खाली कर दें।

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खिलाड़ियों से यह भी कहा गया कि दूसरा होटल पास में ही है। लगभग दस बजे खिलाड़ी होटल खाली कर सड़क पर आ गये। आयोजकों द्वारा एक छोटी बस लाकर आधे खिलाड़ियों को बैठाया गया। बाकि खिलाड़ियों को पैदल ही नये होटल त आने को कहा गया लेकिन दोपहर दो बजे तक खिलाड़ी भटकते रहे, उन्हें होटल नहीं मिला।

के इस गैर जिम्मेदाराना रवैये के कारण झारखंड की खिलाड़ियों को दिनभर भूखे प्यासे सड़क पर रहना पड़ा। इस संबंध में टीम के साथ गये हॉकी झारखंड के महासचिव विजय व सह सचिव मनोज कोनबेगी ने आयोजकों से बात की, लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन मिला। उन लोगों ने अपने पैसे से खिलाड़ियों को नाश्ता करवाया। खिलाड़ियों की स्थिति इतनी खराब थी कि उन्हें बाथरूम जाने के लिए भी भटकना पड़ रहा था।

खेलो इंडिया में झारखंड की बालिका अंडर 17 और अंडर 21 दोनों ने रजत पदक जीता था। दोनों वर्गों के फाइनल में झारखंड की टीम को हरियाणा के हाथों पराजय का सामना करना पड़ा।

ता दें कि हॉकी खिलाड़ी पिछले 9 दिनों से मैच खेलकर शारीरिक रूप से थक गये हैं और आयोजकों द्वारा उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है। बाद में हॉकी झारखंड के अध्यक्ष भोलानाथ सिंह के प्रयास के बाद खिलाड़ियों को दूसरा होटल मुहैया करवाया गया।

इंडिया यूथ गेम्स के फुटबॉल प्रतियोगिता में झारखंड बालिका अंडर 17 टीम ने कांस्य पदक जीता। सेमीफाइनल में झारंखंड की टीम हरियाणा से 2-1 से हार गयी। वहीं कांस्य पदक के लिए हुए मैच में झारखंड ने असम को 2-0 से हराकर मैच अपने नाम किया। गौरतलब है कि झारखंड की 16 सदस्यीय टीम में छह खिलाड़ी वापस लौट रही थीं।

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झारखंड टीम की कोच वीणा केरकेट्टा और मैनेजर रिजवान अली ने एक अलग रणनीति तैयार की और दस खिलाड़ियों से ही पूरे मैच में विपक्षी खिलाड़ियों पर झारखंड की टीम पूरी तरह हावी रही।

हीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस मामले दुख जताते हुए ट्वीट किया। ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'खेलो इंडिया गेम्स 2020 में भाग लेने असम गये हमारे खिलाड़ियों, खासकर के बेटियों के साथ आयोजकों द्वारा किए गए इस व्यवहार की मैं कड़ी नींदा करता हूँ। मुझे पूरी उम्मीद है की असम मुख्यमंत्री कार्यालय इस मामले को गम्भीरता से लेंगे।'



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