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शिक्षा

जेएनयू में बिरयानी बनाने और खाने पर लगा 10 हजार का जुर्माना

Janjwar Team
10 Nov 2017 4:36 PM GMT
जेएनयू में बिरयानी बनाने और खाने पर लगा 10 हजार का जुर्माना
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बिरयानी बनाने—खाने में आरोपित छात्रों का कहना है कि प्रशासनिक ब्लॉक के पास कई साल से छात्र खाना बनाते—खाते आ रहे हैं। आखिर हम लोगों पर ही कार्रवाई के तहत जुर्माना क्यों लगाया गया है...

दिल्ली। जेएनयू के छात्रों पर बिरयानी बनाकर खाने के जुर्म में कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने 6000-10,000 का जुर्माना ठोका है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) के प्रशासनिक ब्लॉक के पास कुछ छात्रों ने बिरयानी बनाकर खाई, जिसके जुर्म के बतौर उन पर जुर्माना लगाया गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से नोटिस जारी कर बिरयानी बनाने के आरोपित 4 छात्रों पर 6 से 10 हजार तक जुर्माना ठोका गया है। प्रशासन के मुताबिक प्रशासनिक ब्लॉक के पास सीढ़ियों में रात को बिना इजाजत के बिरयानी बिना अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है, इसलिए इन पर जुर्माना लगाया गया है। ताकि भविष्य में कोई छात्र इस तरह की घटना को अंजाम न दे।

नोटिस में छात्रों को साफ—साफ चेतावनी दी गई है कि वो इस तरह के काम में भविष्य में संलिप्त न पाए जाएं। इतना ही नहीं 10 दिन के अंदर जुर्माना भरने की चेतावनी भी नोटिस में दी गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक जो आरोपित छात्र नोटिस में कही गई बातों को पूरा नहीं करेगा, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इन छात्रों में से एक जेएनयूएसयू की तत्कालीन महासचिव शत्रुपा चक्रवर्ती पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगने की बात सामने आई है। शत्रुपा को विरोध प्रदर्शन करने और उसी दिन बिरयानी पकाने से पहले वीसी कार्यालय में नारे लगाने के लिए प्रशासन ने दोषी करार दिया है।

जुर्माने की बाबत जेएनयूएसयू के तत्कालीन अध्यक्ष मोहित पांडे कहते हैं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मनीष, चेपाल शेरपा और मोहम्म्द आमिर मलिक पर छह—छह हजार और तत्कालीन महासचिव शत्रुपा चक्रवर्ती पर 10 हजार का जुर्माना लगाया है, जो घोर निंदनीय है।

छात्रों पर बिरयानी बनाने और खाने के आरोप में लगे जुर्माने के बाबत चीफ प्रॉक्टर कौशल कुमार द्वारा भेजे गए नोटिस में साफ—साफ लिखा है कि प्रशासनिक भवन के बाहर बिरयानी बनाने पर चार छात्रों पर 6 से 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

साथ ही नोटिस में यह भी स्पष्ट किया गया है कि प्रॉक्टोरियल की जांच में प्रशासनिक ब्लॉक के सामने सीढ़ियों पर जिन छात्रों पर जुर्माना लगा है, वे बिरयानी बनाने के दोषी पाए गए हैं। छात्रों का यह व्यवहार अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है। इसीलिए इस घटना के लिए उन पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा रही है।

वहीं इस मसले पर बिरयानी बनाने—खाने में आरोपित छात्रों का कहना है कि प्रशासनिक ब्लॉक के पास कई साल से छात्र खाना बनाते—खाते आ रहे हैं। आखिर हम लोगों पर ही कार्रवाई के तहत जुर्माना क्यों लगाया गया है।

क्या है मामला
प्रशासनिक ब्लॉक की सीढ़ियों पर बिरयानी बनाकर खाने का मामला इसी साल 27 जून का है। छात्रों के अनुसार उस दिन जेएनयू के तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष मोहित पांडे एक अन्य छात्र सत्रुपा चक्रवर्ती के साथ कुलपति दफ्तर में उनसे कुछ मुद्दों पर बातचीत करने गए थे। छात्र कहते हैं कि छात्रों के बार-बार अनुरोध करने पर भी कुलपति जगदेश कुमार ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया।

जब छात्रों ने अगले दिन मिलने का वक्त मांगा तो, अगले दिन भी मिलने से मना कर दिया गया। जब कुलपति ने छात्रों को अपॉइंटमेंट देने से मना कर दिया तो तत्कालीन छात्रसंघ अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने फैसला किया कि विरोधस्वरूप प्रशासनिक ब्लॉक के बाहर धरना देंगे। इस दौरान कुछ अन्य छात्र भी विरोध कैंप में शामिल हो गए। रात को भूख लगने पर छात्रों ने वहीं बिरयानी बनाकर खाई थी, जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से यह कार्रवाई की गई है।

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