Begin typing your search above and press return to search.
राजनीति

कश्मीरियों ने ज्यां द्रेज से कहा, कांग्रेस ने पीठ पर छुरा भौंका था और बीजेपी ने सामने से

Prema Negi
16 Aug 2019 11:50 AM IST
कश्मीरियों ने ज्यां द्रेज से कहा, कांग्रेस ने पीठ पर छुरा भौंका था और बीजेपी ने सामने से
x

बकौल ज्यां द्रेज, 'कश्मीरी जहां वर्तमान मोदी सरकार से बहुत खफा नजर आये, वहीं वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार से भी खुश नहीं थे। कश्मीरी कह रहे थे कांग्रेस ने हमारी पीठ पर छुरा भौंका था और बीजेपी ने सामने से छुरा भौंका है....

जनज्वार। कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद केंद्र की मोदी सरकार दावा कर रही है कि वहां हालात पहले से बेहतर है और राज्य में किसी भी तरह ​की हिंसक घटनायें नहीं हो रही हैं।

म्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिये जाने के बाद वहां के हालातों को जानने—समझने के लिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, राजनीति कार्यकर्ता मैमूना मोल्ला, कविता कृष्णन और गांधीवादी विमल भाई की फैक्ट फाइंडिंग टीम ने वहां का पांच दिवसीय दौरा किया। इस टीम ने 9—13 अगस्त के कश्मीर दौरे के बाद जो हकीकत बयां की वह सरकार के दावों से बिल्कुल अलग है।

प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और सामाजिक कार्यकर्ता कश्मीर से लौटने के बाद प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहते हैं, कश्मीरियों पर नजर रखने के लिये भारी संख्या में सेना और अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। उन पर लगातार नजर रखी जा रही है। कश्मी​री समूह में घूम तक नहीं पा रहे हैं।

संबंधित खबर : दिल्ली के प्रेस क्लब में कश्मीर के हालात का खुलासा, अमित शाह ने बना दिया है पूरे कश्मीर को लोहे की जेल

ज्यां द्रेज ने कहा हमारी टीम ने श्रीनगर, पम्पोर, पुलवामा, बिजबेहरा और बांदीपुरा समेत कई शहरों का दौरा कर लोगों से बातचीत की। लोग डरे—सहमे थे, वहीं विशेष राज्य का दर्जा वापस लिये जाने से भारी नाराजगी भी व्याप्त थी। लोगों ने कहा जब तक एक भी कश्मीरी रहेगा, आजादी का नारा जारी रहेगा।

ज्यां द्रेज, 'कश्मीरी जहां वर्तमान मोदी सरकार से बहुत खफा नजर आये, वहीं वह पूर्ववर्ती भाजपा सरकार से भी खुश नहीं थे। कश्मीरी कह रहे थे कांग्रेस ने हमारी पीठ पर छुरा भौंका था और बीजेपी ने सामने से छुरा भौंका है।

फैक्ट फाइंडिंग से हुई बातचीत में कश्मीरियों ने कहा, "मोदी सरकार ने हम कश्मीरियों के साथ गुलामों की तरह बर्ताव किया है, हमारी जिंदगी और हमारे भविष्य के बारे में तब फैसले लिए जा रहे हैं, जबकि हम बंदी हैं।"

Next Story

विविध