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सिक्योरिटी

शिक्षा मंत्री के सामने खनन कारोबारियों ने पीटा थानाध्यक्ष को थाने में घुसकर

Prema Negi
26 March 2019 4:26 PM GMT
शिक्षा मंत्री के सामने खनन कारोबारियों ने पीटा थानाध्यक्ष को थाने में घुसकर
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जिस समय खनन कारोबारियों ने थाने के अंदर घुस पीटा थानाध्यक्ष को, उस समय शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे थे उनके साथ, उन्हीं की अगुवाई में खनन कारोबारी पहुंचे थे थाने

सलीम मलिक की रिपोर्ट

जनज्वार, काशीपुर। उत्तराखण्ड के शिक्षा मंत्री व गदरपुर के विधायक अरविन्द पाण्डे की मौजूदगी में खनन कारोबार से जुड़े सैंकड़ों लोगों की भीड़ ने कुन्डेश्वरी के थानाध्यक्ष को दिनदहाड़े पुलिस थाने में घुसकर पीट दिया। गुस्साई भीड़ के तेवर देखकर थानाध्यक्ष ने अपने कार्यालय के पिछले कमरे में छिपकर किसी तरह से जान बचाई।

खनन कारोबारियो के गुस्से का कारण खनन से जुड़े वाहनों से अवैध वसूली बताया जा रहा है। घटना की गम्भीरता को देखते हुये जिलेभर का पुलिस अमला मौके पर पहुंच गया है। दूसरी ओर बताया जाता है कि चुनावी दौर में मामला शिक्षा मंत्री से जुड़ा होने के कारण इस घटनाक्रम से असहज राज्य सरकार ने प्रशासन को कार्यवाही की खुली छूट दे दी है। बहरहाल पुलिस पूरे घटनाक्रम की जांच कर रही है।

गौरतलब है कि उधमसिंहनगर जिले के काशीपुर क्षेत्र की कुन्डेश्वरी थाना अन्तर्गत कोसी नदी से उपखनिज निकासी का व्यवसाय होता है। बीते दिनों जिले के एसएसपी ने इस पुलिस थाने से अवैध वसूली व अवैध खनन की शिकायत पर तत्कालीन थानाध्यक्ष को लाईन हाजिर कर अर्जुन गिरी गोस्वामी को इस थाने की कमान सौंपी थी।

इनके बारे में खनन कारोबार से जुड़े व्यवसायियों का कहना है कि गोस्वामी इलाके में अपनी तानाशाही चला रहे हैं। अण्डरलोड वाहनों को भी मनमाने ढंग से सीज करके व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। बात-बेबात किसी को भी पकड़कर पीट दिया जा रहा है।

गौरतलब है कि आज 25 मार्च की सुबह भी गोस्वामी ने खनन काम में लगे चार डम्परों को पकड़कर सीज कर दिया था, जिसके बाद खनन कारोबारियों में रोष फैल गया। खनन कारोबारियों ने तत्काल मामले की जानकारी प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डे को दी गई तो पाण्डे मौके पर पहुंच गये। मौके पर पहुंचे शिक्षा मंत्री पाण्डे ने खनन कारोबारियों की बात सुनने के बाद थाने का रुख किया तो उनके साथ सैंकड़ों की संख्या में खनन कारोबारी भी पुलिस के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुये थाने पहुंच गये।

थाने में पहुुंचते ही खनन कारोबारियों का साबका सबसे पहले उनके गुस्से का शिकार थाना प्रभारी अर्जुन गोस्वामी से हुआ, जिनको देखते ही खनन व्यवसायियों का गुस्सा भड़क उठा। बताया जा रहा है कि देखते ही देखते मामला पहले तू-तड़ाक और गाली-गलौच से शुरू हुआ जो कि जल्द ही थानाध्यक्ष की पिटाई तक पहुंच गया। खनन कारोबारियों के तेवर देखते हुये थानाध्यक्ष ने मौके से भागकर अपने कार्यालय के पीछे बने एक कमरे में छिपकर जान बचाते हुए घटना की अपने उच्चाधिकारियों को खबर की।

थानाध्यक्ष की पिटाई की जानकारी मिलते ही सकते में आये पुलिस क्षेत्राधिकारी मनोज कुमार व कोतवाल चंचल शर्मा मौके पर पहुंच गये। थाने पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो के सामने खनन कारोबारियों ने थानाध्यक्ष पर गम्भीर आरोप लगाते हुये कहा कि वह निजी आदमी को पुलिस की वर्दी पहनाकर उसके माध्यम से अवैध वसूली करवाते हैं।

पुलिस अधिकारियों ने पूरे मामले की जांच की बात करके भड़के व्यापारियों को किसी तरह से शांत किया। हालांकि शिक्षा मंत्री ने भी इस मामले में थानाध्यक्ष के व्यवहार पर आपत्ति जताते हुये कार्यवाही की मांग की। कुछ देर बाद पुलिस अधिकारियो से उचित कार्यवाही का आश्वासन मिलने के बाद शिक्षा मंत्री व खनन कारोबारी थाने से बाहर आ गये।

मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक हमले के दौरान थाने पर करीब पांच सौ से अधिक खनन कारोबारी मौजूद थे। दूसरी ओर इस मामले में चुनाव के समय शिक्षा मंत्री से जुड़ा होने के कारण मुददे के तूल पकड़ने की आशंका के बीच राज्य सरकार ने प्रशासन को सख्ती से निबटने के आदेश दे दिये हैं। पूरे प्रकरण की जांच एसएसपी स्तर से की जा रही है। इसके साथ ही सभी कानूनी उपायों पर विचार भी किया जा रहा है।

पुलिस थाने के आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों से थाने आये खनन कारोबारियों की शिनाख्त करने में जुटी है। पुलिस के सामने बड़ा सवाल यह है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता लगने के कारण पूरे इलाके में धारा 144 लागू होने के बाद भी इतनी भारी संख्या में भीड़ इकट्ठा होकर थाने कैसे पहुंच गई।

दूसरी ओर सत्तासीन भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोकसभा के इस चुनावी माहौल में राज्य सरकार इस पूरे घटनाक्रम से खिन्न है। त्रिवेंद्र सिंह सरकार का मानना है कि बीते दो सालो में बामुश्किल बनाई गई ‘जीरो टालरेंस’ की छवि को बैठे-बिठाये उनके ही एक कैबिनेट मंत्री के कारण पलीता लगने की नौबत आ गई है।

भाजपा सूत्रों का यह भी कहना है कि इस प्रकरण को राज्य सरकार की छवि खराब करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

इस मामले में पीड़ित चौकी इंचार्ज अर्जुन गोस्वामी की शिकायत पर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय समेत 20 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज कर लिया गया है, वहीं 100-125 अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। इस मामले में कार्रवाई करते हुए अब तक पुलिस ने इनमें से चार नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। कोतवाल चंचल शर्मा के मुताबिक बाकी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिशें दी जा रही हैं।

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