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शिक्षा

पंजाब यूनिवर्सिटी में वाम छात्र संगठन जीत की ओर, एबीवीपी तीसरे पायदान पर

Prema Negi
6 Sep 2018 12:37 PM GMT
पंजाब यूनिवर्सिटी में वाम छात्र संगठन जीत की ओर, एबीवीपी तीसरे पायदान पर
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चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनावों की अभी गिनती चल रही है, लेकिन वाम छात्र संगठन एसएफएस भारी बहुमत से जीत की ओर है...

719 वोटों के अंतर से एसएफएस ने अध्यक्ष पद की कुर्सी पर जीत हासिल की है। पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास में कनुप्रिया पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं...

जनज्वार। पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ में हुए छात्रसंघ चुनाव में वामपंथी छात्र संगठन वोटों की गिनती में भारी अंतर से आगे चल रहा है। वाम छात्र संगठन (SFS) Students for society ने अकाली दल, कांग्रेस और बीजेपी के छात्र संगठनों को भारी बढ़त से पछाड़ दिया है। हालाँकि अंतिम नतीजों की घोषणा अभी नहीं हुई है। अब तक की गिनती में SFS को 1011, SOI को 650 AVBP को 442 और NSUI 410 वोट मिले हैं।

719 वोटों के अंतर से एसएफएस की कनुप्रिया ने अध्यक्ष पद की कुर्सी पर जीत हासिल की है। पंजाब यूनिवर्सिटी के इतिहास में कनुप्रिया पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई हैं।

पंजाब यूनिवर्सिटी और इससे संबंद्ध 11 कॉलेजों में छात्रसंघ चुनावों के लिए आज वोटिंग हुई थी। लगभग एक घंटे तक छात्रों ने इसके लिए वोट डाले। यहां के 11 कॉलेजों में 31 हजार वोटर हैं, वहीं पंजाब यूनिवर्सिटी में 15281 वोटर हैं। प्रधान पद के लिए मुकाबला मुख्य तौर पर सात छात्र नेताओं में है- एसएफएस से जूलोजी विभाग की कनुप्रिया, एनएसयूआई से अनुज सिंह, एबीवीपी से आशीष राणा, सोई के गठबंधन से इकबालप्रीत सिंह, पुसू से रविंदर वीर सिंह, पुसू ललकार से अमनदीप सिंह और यूआईईटी से अजयंत सिंह के बीच था।

आज सुबह 11.30 बजे खत्म हुई वोटिंग में सिर्फ 50 फीसदी छात्रों ने ही अपने वोट दिए। इतनी कम वोटिंग का कारण छुट्टियों के बाद हुए चुनाव को माना जा रहा है। छुट्टियों के कारण छात्र नेता आम छात्रों के पास अपने मुद्दे—मसले लेकर नहीं जा सके।

चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए SFS की ओर से कनुप्रिया, PSU ललकार की ओर से अमनदीप सिंह, NSUI से अनुज सिंह, SOI+INSO+ISA+HIMSU+PPSO+HPSU की ओर से इकबाल प्रीत सिंह, ABVP+SFPU+HSA से आशीष राणा और PUSU+HPSU से रविंदर सिंह रंधावा दौड़ में थे। वहीं उपाध्यक्ष पद के लिए 7 और महासचिव व संयुक्त सचिव के लिए 4—4 कैंडिडेट चुनाव मैदान में थे।

ध्यान देने की बात है कि SFS अकेले चुनाव लड़ रही थी और अध्यक्ष पद के लिए एकमात्र महिला उम्मीदवार भी इसी संगठन ने खड़ी की थी। परिणाम आने से पहले तक अध्यक्ष पद के लिए टक्कर SFS और NSUI में मानी जा रही थी, लेकिन परिणाम की ओर बढ़ती गिनती में NSUI चौथे पायदान पर है।

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