मुफ्त खाना देने के नाम पर स्कूल निदेशक करता रहा अादिवासी छात्राओं का बलात्कार
गरीब बच्चियों का मुफ्त में भोजन, शिक्षा और परीक्षा में अच्छे मार्क्स का लालच देकर बलात्कार किया जा रहा था, और घटना की जानकारी किसी को भी न दिए जाने की दी जा रही थी धमकी....
जनज्वार। मानसिक रूप से विक्षिप्त होते मर्दों की शिकार न सिर्फ महिलाएं—लड़कियां हो रही हैं, बल्कि आए दिन सामने वाली घटनाएं बताती हैं कि बच्चे—बुजुर्ग भी उसी अनुपात में इनका शिकार बन रहे हैं। छह महीने की बच्ची से लेकर 70 साल की बुढ़िया तक इन यौन पिपाशुओं के शिकार बन रहे हैं।
हाल में महाराष्ट्र के सांगली जिले के कुरलाप में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहां आदिवासी क्षेत्र में एक आवासीय स्कूल के 61 वर्षीय निदेशक और उसके साथी ने 5 बच्चियों का यौन शोषण और 3 अन्य से छेड़छाड़ की। शुरुआती जांच में सामने आया है कि इन गरीब बच्चियों का मुफ्त में भोजन, शिक्षा और परीक्षा में अच्छे मार्क्स का लालच देकर बलात्कार किया जा रहा था, और घटना की जानकारी किसी को भी न दिए जाने की धमकी भी दी जा रही थी।
यह मामला तब सामने आया जब सांगली पुलिस को एक अज्ञात खत लिखा, जिसमें स्कूल निदेशक और उसके साथी द्वारा बच्चियों का बलात्कार किये जाने की बात लिखी गई थी। पत्र में लिखा था कि बलात्कारी निदेशक और उसका साथी पीड़ित बच्चियों को अपने घर बुला उनका रेप करते थे। इतना ही नहीं उनसे घरेलू नौकर का काम भी लिया जाता था।
जब पुलिस ने इस पत्र के आधार पर जांच शुरू की तो यहां और भी कई अनियमिततताएं सामने आयीं। जहां मात्र 36 बच्चे बैठ सकते थे, स्कूल रजिस्टर में 70 बच्चें का दाखिला दिखाया गया था। पुलिस ने शुरुआती जांच में पाया कि स्कूल में रजिस्टर से कहीं कम बच्चे पाए गए। निदेशक ने यह फर्जीवाड़ा सरकारी सहायता पाने के लिए किया था, क्योंकि आदिवासी इलाकों में सरकार शिक्षा के लिए विशेष अनुदान देती है।
इसके अलावा पुलिस ने जब कुछ बच्चों से बात की तो बच्चे सहम गए, जिसके बाद जांच की गई और आवासीय स्कूल के निदेशक अरविंद पवार और उसके सहयोगी मनीष कांबले को कुछ सबूत मिलने के बाद गिरफ्तार किया गया।
आवासीय स्कूल के दोनों बलात्कार आरोपियों को कल अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 अक्तूबर के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। इस मामले में कोर्ट ने बलात्कार आरोपियों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत भी प्रावधान जोड़ दिया है क्योंकि पीड़ित बच्च्यिों में से एक एससी समुदाय से ताल्लुक रखता है। रेप आरोपियों उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पोक्सो अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।
फिलहाल संबंधित आवासीय स्कूल के बच्चों के बयान भी पुलिस ने दर्ज किए हैं और उन्हें दूसरे आवासीय स्कूल में शिफ्ट कर दिया गया है।