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आंदोलन

महिला हिंसा-बलात्कार के खिलाफ रामनगर की महिलाएं उतरीं सड़कों पर

Prema Negi
24 Aug 2018 10:14 AM GMT
महिला हिंसा-बलात्कार के खिलाफ रामनगर की महिलाएं उतरीं सड़कों पर
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उत्तराखण्ड, बिहार, उप्र, मध्य प्रदेश, देश के कोने-कोने से नारी निकेतन व बालिका गृहों में रहने वाली महिलाओं व बच्चियों के साथ प्रभावशाली लोगों द्वारा हैवानियत की खबरें लगातार आ रही हैं....

रामनगर, जनज्वार। देशभर में बढ़ रहे महिला अपराधों पर रोक लगाये जाने व नारी निकेतनों तथा बालिका गृह में महिलाआें-बच्चियों की पुख्ता सुरक्षा व उन्हें सम्मानजनक रोजगार मुहैया कराने की मांग को लेकर महिला एकता मंच ने कल 23 अगस्त को उत्तराखंड के रामनगर में जुलूस प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक ज्ञापन भेजा।

तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार महिला एकता मंच के तत्वाधान में महिलाओं का समूह रामनगर के लखनपुर शहीद पार्क में एकजुट हुआ। वहां से महिला हिंसा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करती हुई महिलाएं नगर के विभिन्न क्षेत्रों से होते हुये प्रशासनिक भवन पहुंची। प्रशासनिक भवन में जनसभा के दौरान वक्ताओं ने आरोप लगाया कि वर्तमान में देशभर में महिलाआें व मासूम बच्चियों के साथ दुराचार व अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहें हैं।

नारी निकेतन व बाल सुधारगृहों तक में मासूम बच्चियां सुरक्षित नहीं हैं। उत्तराखण्ड, बिहार, उप्र, मध्य प्रदेश देश के कोने-कोने से नारी निकेतन व बालिका गृहों में रहने वाली महिलाओं व बच्चियों के साथ प्रभावशाली लोगों द्वारा हैवानियत की खबरें लगातार आ रही हैं।

देश में नौ हजार से अधिक बालिका गृहों का संचालन ऐसे एनजीओ के माध्यम से किया जा रहा है, जिनकी कोई जवाबदेही तय नहीं है। हालात यह हो गये हैं कि वैश्विक रिपोर्ट तक में देश का नाम महिलाओं के लिये सर्वाधिक असुरक्षित देश की श्रेणी में आ गया है।

महिलाओं ने मांग की कि देश के सभी नारी निकेतन व बालिका गृहों की न्यायिक जांच कर यौन उत्पीड़न के आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही, इनका संचालन एनजीओ से न कराकर इनके संचालन के लिये पूर्णतया पारदर्शितायुक्त नये विभाग का गठन किया जाये। बालिका गृहों में रहने वाले बच्चों को नवोदय विद्यालयों में शिक्षित कर उनके रोजगार की गारंटी के साथ-साथ ही नारी निकेतनो में रहने वाली महिलाओं को प्रशिक्षित उन्हें रोजगार उपलब्ध कराया जाये। साथ ही संचार माध्यमों से परोसी जा रही नग्नता पर पूरी तरह से रोक लगाई जाये तथा रोजगार को मौलिक अधिकार घोषित किया जाये, जिससे महिलाएं हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें।

महिला एकता मंच की ओर से देश के पांच सूत्रीय मांगों को लेकर एसडीएम परितोष वर्मा के माध्यम से एक ज्ञापन देश के प्रधानमंत्री मोदी को भी भेजा गया। इस मौके पर ललिता रावत, सरस्वती जोशी, तुलसी छिम्वाल, मुनीष कुमार, इन्द्रजीत सिंह, दर्शनलाल, विद्यावती शाह, पुष्पा देवी, कौशल्या, संजय रावत, वसीम रजा लोटस, शान्ति देवी, तुलसी जोशी, कमला देवी, गीता देवी, पार्वती देवी, लक्ष्मी देवी, आनन्दी देवी, भगवती देवी, शेखर आर्य, किशन शर्मा, मनमोहन अग्रवाल, आशा देवी, मंजू देवी, हेमा देवी, बबीता देवी, दीपा देवी, किरन देवी, गंगा देवी, राधा देवी, भावना देवी, विमला देवी, बालकृष्ण चौधरी समेत अनेक लोग मौजूद रहे।

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