मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा दिग्विजय सिंह हैं बीजेपी-आरएसएस एजेंट
बसपा राजस्थान और मध्य प्रदेश में अकेले लड़ेगी चुनाव, वह नहीं करेगी कांग्रेस से गठबंधन, बसपा प्रमुख ने कांग्रेस को बताया जातिवादी मानसिकता वाली पार्टी
जनज्वार। महागठबंधन की एकता का पहला शो छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के विधानसभा चुनावों में दिखना चाहिए था, लेकिन यहां गठबंधन तो दूर आगामी लोकसभा में महागठबंधन की तैयारी में लगे दल एक—दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। सपा ने पहले ही कांग्रेस से अलग अपना गठबंधन एक स्थानीय पार्टी से कर लिया है तो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने बकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर कांग्रेस की खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
आज बसपा प्रमुख मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता जो कि खुद बीजेपी और आरएसएस के एजेंट हैं, वे प्रचारित कर रहे हैं कि मायावती ईडी और सीबीआई से डरी हुई हैं, इसलिए वह कांग्रेस से गठबंधन नहीं कर पाएंगी। जबकि सच्चाई यह है कि दिग्विजय सिंह जैसे कांग्रेस नेता चाहते ही नहीं कि बसपा और कांग्रेस का गठबंधन हो।
मायावती ने प्रेस को संबोधित करते हुए आगे कहा, 'कांग्रेस इस गुमान और भ्रम में न रहे कि वह अकेले भारतीय जनता पार्टी को हरा देगी, बल्कि सच्चाईये है कि अभी जनता कांग्रेस की गलतियों और भ्रष्टाचार को भूली नहीं है और न ही माफ किया है।'
प्रेस को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा, 'मुझे नहीं लगता कि कांग्रेस अपने में सुधार के लिए तैयार है।' आज के प्रेस कांफ्रेंस के बाद बसपा और कांग्रेस के बीच तीन राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में होने वाले गठबंधन की संभावना खत्म हो गयी है।
हालांकि मायावती ने प्रेस कांफ्रेंस में यह भी माना कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी के बसपा—कांग्रेस गठबंधन को लेकर होने वाले प्रयास सराहनीय हैं पर इन्हें उन कांग्रेसियों को संभालना होगा जो बेवजह के बयान देकर बसपा और कांग्रेस के बीच बनते भरोसे को खत्म कर रहे हैं।
गठबंधन को लेकर मायावती को मानना है कि हर तरफ भाजपा की वजह से देश मुश्किल और परेशानियों में है, फिर भी कांग्रेस सही सबक लेने को तैयार नहीं दिखती है।