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राजनीति

मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय की फिर फिसली जुबान, कहा 'बंगाली लड़के साफ करते हैं फर्श और लड़कियां बार में हैं डांसर'

Prema Negi
6 Jun 2019 2:41 PM GMT
मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय की फिर फिसली जुबान, कहा बंगाली लड़के साफ करते हैं फर्श और लड़कियां बार में हैं डांसर
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तथागत रॉय बोले, बंगाल से दिग्गजों का युग अब चला गया है और पश्चिम बंगाल की महानता भी चली गई है। अब हरियाणा से लेकर केरल तक बंगाली लड़के घरों में फर्श साफ कर रहे हैं और बंगाली लड़कियां मुंबई के बारों में डांस कर रही हैं...

जनज्वार। पूर्व भाजपा नेता और अब मेघालय के राज्यपाल तथागत रॉय और विवादों से पुराना नाता रहा है। एक बार फिर वे विवादों में हैं और विवाद का कारण है बंगाली लड़कियों और लड़कों के बारे में की गई उनकी आप​त्तिजनक टिप्पणी। उनके बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा हुआ है।

तथागत रॉय ने कहा है कि बंगाल कभी महान हुआ करता था, लेकिन अब उसकी महानता चली गई है। अब बंगाली लड़के फर्श साफ कर रहे हैं और बंगाली लड़कियां बार में डांस करती हैं। गौरतलब है कि यह टिप्पणी राज्‍यपाल तथागत रॉय ने कुछ राज्यों में हिंदी शिक्षा अनिवार्य करने को लेकर हो रहे विरोध के बाद जतायी है। हालांकि बाद मे उन्होंने अपने इस बयान से यह कहते हुए पलटी मार ली है कि उनके बयान को मीडिया तोड़-मरोड़कर पेश कर रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के ड्राफ्ट में मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम शिक्षा मंत्रालय करने के अलावा ड्राफ्ट में त्रिभाषा फॉर्मूले की सिफारिश बहुत महत्वपूर्ण थी। इसमें सिफारिश की गई थी कि गैरहिंदी भाषी राज्यों में भी अंग्रेजी और स्थानीय भाषा के अलावा हिंदी को अनिवार्य विषय के बतौर शामिल कर लिया जाये, जिसका तमिलनाडु की पार्टियों डीएमके और एआईएडीएमके ने कड़ा विरोध यह कहते हुए किया था कि हम पर हिंदी जबरन हिंदी थोपी जा रही है। बाद में मोदी सरकार ने अपने ड्राफ्ट में बदलाव करते हुए कहा है कि हमारी नीति किसी पर भी जबरन हिंदी को थोपने की नहीं है। तमिलनाडु के अलावा हिंदी को अनिवार्य किए जाने का विरोध बंगाल में भी हो रहा था।

मूल रूप से पश्चिम बंगाल के तथागत रॉय लंबे समय तक बीजेपी में रहे हैं। सरकार के कदम यानी पूरे देश में हिंदी को अनिवार्य विषय के तौर पर पढ़ाये जाने को सही ठहराते हुए उन्होंने बंगालियों के हिंदी सीखने के विरोध को ज्ञान की कमी और राजनीतिक करार दिया था। इसी कड़ी में उन्होंने बंगाली लड़कों को पोछा लगाने वाला तो लड़कियों को बार डांसर बता डाला।

तथागत रॉय की इस उटपटांग बयानबाजी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने विरोध प्रदर्शन किया। मगर इस पर भी तथागत रॉय ने ट्वीट किया कि उनका बहुत बड़ा विरोध नहीं हो रहा है, बल्कि इस विरोध का कारण सिर्फ राजनीतिक वितंडा खड़ा करना है। तथागत राय ने कहा, 'असम, महाराष्ट्र और ओडिशा राज्य भी गैर-हिंदी भाषी हैं, मगर वे लोग तो हिंदी का विरोध नहीं कर रहे? दूसरे तर्क में कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल विद्यासागर, विवेकानंद, रवींद्रनाथ टैगोर और नेताजी (सुभाष चंद्र बोस) की भूमि है, बंगालियों को हिंदी क्यों सीखनी चाहिए?'

रॉय ने ट्वीट किया कि, बंगाल से दिग्गजों का युग अब चला गया है और पश्चिम बंगाल की महानता भी चली गई है। अब हरियाणा से लेकर केरल तक बंगाली लड़के घरों में फर्श साफ कर रहे हैं और बंगाली लड़कियां मुंबई के बारों में डांस कर रही हैं। यहां के लड़के-लड़कियां अब वह कर रहे हैं, जो पहले अकल्पनीय था।

ट्वीटर पर भी लोगों ने तथागत रॉय की इस विवादित टिप्पणी के बाद उन्हें ट्रोल करना शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि तथागत रॉय अपनी विवादित टिप्पणी के लिए विवादों में आये हों। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भी उन्होंने विवाद पैदा करते हुए कहा था कि कश्मीरी सामानों का खुलेआम बहिष्कार किया जाये। तब खुद को दक्षिणपंथी हिंदू सामाजिक-राजनीतिक विचारक, लेखक बताने वाले तथागत रॉय ने ट्वीट किया था, 'भारतीय सेना के एक सेवानिवृत्त कर्नल ने अपील की है कश्मीर नहीं जाएं, अगले दो साल तक अमरनाथ यात्रा पर नहीं जाएं। कश्मीरी एम्पोरियम से या हर सर्दी में आने वाले कश्मीरी व्यापारियों से सामान नहीं खरीदें। कश्मीर की हर चीज का बहिष्कार करें। मैं इससे सहमति जताता हूं।'

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