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ओवैसी के लिए नज्म पढ़ने का मुझे अफसोस है : इमरान प्रतापगढ़ी

शायर इमरान प्रतापगढ़ी को फेसबुक पर ट्रोल किया जा रहा है,गालियाँ दी जा रहीं हैं, आरोप और उलाहने उनके खाते में आ रहे हैं। आखिर ऐसा क्या हो गया जो आलोचना, और आरोप उन पर मढ़ जा रहे हैं। हमने इमरान प्रतापगढ़ी से इस मामले पर बातचीत की।
शायर इमरान प्रतापगढ़ी से अनुराग अनंत की बातचीत
आप पर आरोप लग रहे हैं कि आप शिवसेना का प्रचार करने नांदेड़ गए थे?
ये कोरी अफवाह है। मैं वहां शिवसेना के प्रचार के लिए नहीं, बल्कि कांग्रेस के प्रचार के लिए गया था। मुझे अशोक चव्हाण जी का फोन आया था, उन्होंने मुझे वहां प्रचार करने के लिए कहा था। मैं नहीं चाहता कि वोटों के बिखराव की वजह से शिवसेना या भाजपा जैसी पार्टियां जीते।
कहा जा रहा है कि शिवसेना और कांग्रेस मिलके चुनाव लड़ रहे हैं?
ये भी अफवाह है, कांग्रेस ने सभी 81 सीट पर चुनाव लड़वाया है, जिसमें से 24 सीट्स मुस्लिम उम्मीदवारों को दी हैं। कल मैं खड़कपुरा में प्रचार कर रहा था तो वहीं कुछ दूर पर नया मोंडा मैदान में उद्धव ठाकरे अपने उम्मीदवार के लिए सभा कर रहे थे। शिवसेना और कांग्रेस में कोई अलाइंस नहीं है। दोनों अलग अलग चुनाव लड़ रहे हैं। शिवसेना नांदेड में 68 सीट पर चुनाव लड़ रही है।
तो आपका विरोध किसलिए हो रहा है?
मैं वहां पर कांग्रेस के लिए सभा करने गया था और नांदेड़ में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लिमीन भी 34 सीट्स पर चुनाव लड़ रही है। ओवैसी की पार्टी से जुड़े लोग इससे खफा हैं और वो मुझे मुसलमानों के खिलाफ सिद्ध करना चाहते हैं। वो मुझे बिका हुआ और कौम का गद्दार बता रहे हैं। जबकि सच्चाई ये है कि पिछले बार ओवैसी की पार्टी ने 11 सीट पर जीत दर्ज की थी, जिसमें से 9 जीते हुए कार्पोरेटर बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए। अब क्या कहें? उन्हें भी मुसलमान न कहा जाए। गद्दार और क़ौम के खिलाफ कहा जाए।
आपको आवाम का शायर कहा जाता है। आपका एक बड़ा जनाधार है इसलिए आप राजनीतिक मंचों पर भी जाते रहें हैं। आपकी पोलिटिकल लाइन क्या है?
पहली बात मैं शायर हूँ। सियासतदां नहीं। इसलिए ज्यादा राजनीति नहीं जानता, पर जहाँ तक मेरी पोलिटिकल लाइन का सवाल है मैं इस देश में अमन भाईचारा और गंगा जमुनी तहजीब का पैरोकार हूँ और उसी को बचाने और बनाने के लिए मेहनत करता हूँ। मैं फ़िरक़ापरस्त ताकतों के खिलाफ हूँ चाहे वो बीजेपी हो या एमआईएम। यही मेरी लाइन है। जैसे बीजेपी फरमान जारी करती है जो बीजेपी को वोट नहीं देगा वो सच्चा हिन्दू नहीं है, वैसे ही एमआईएम का हिसाब है। वो मेरे सच्चे मुसलमान होने पर सवाल उठाने लगते हैं। मैं इस ठेकेदारी के खिलाफ हूँ।
आप कभी एआईएमआईएम के मंच पर भी गए हैं?
हां, उसका मुझे अफसोस है। पर वह ठीक—ठीक एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तहादुल मुस्लिमीन) का मंच नहीं था बल्कि उसके समर्थकों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम था। दूसरी बात गलतियां इंसान ही करता है। हाँ, उसका मुझे अफ़सोस है। गलतियां इंसान ही करता है और उसे सुधारता भी वही है। मैं आज उनके साथ नहीं हूँ। मुझे लगता है देश में एक्सक्लूजिव हिन्दू और एक्सक्लूजिव मुस्लिम पॉलिटिक्स नहीं होनी चाहिए बल्कि अमन, भाईचारे और एकता की पॉलिटिक्स होनी चाहिए।
आप आखिर में कुछ कहना चाहते हैं?
मैं गोलबंदी और झुण्ड के हमलों की ज्यादा फ़िक्र नहीं करता। जो लोग मुझपर गलत आरोप लगा रहे हैं वो ये बात साबित करें कि मैं शिवसेना के लिए प्रचार कर रहा था। मैं अपनी गलती मान लूँगा नहीं तो तारीख में उनकी मक्कारी और अय्यारी दर्ज हो जाएगी।