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मजदूरों के पेट में अन्न नहीं, लेकिन योगी सरकार के विधायक अपनी निधि खर्च करेंगे गौशालाओं पर
सरकारी आदेश में कहा गया है कि निजी व्यक्तियों को छोड़कर, आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण एमएलएएलएड के तहत किया जा सकता है...
लखनऊ/आईएएनएस। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने एक प्रावधान किया है जिसके तहत विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास (एमएलएएलएडी) फंड का इस्तेमाल गौशालाएं बनाने के लिए कर सकते हैं। ग्रामीण विकास और पंचायती राज के प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पहले एमएलएएलएडी फंड से गाय आश्रयों की मरम्मत या निर्माण की अनुमति नहीं थी, लेकिन अब विधायक इसके लिए धनराशि निकाल सकते हैं।
13 मई को सरकार के प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास और पंचायती राज द्वारा विधायकों को संबोधित एक सरकारी आदेश (जीओ) जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि निजी व्यक्तियों को छोड़कर, आवारा पशुओं के लिए आश्रय स्थलों का निर्माण एमएलएएलएड के तहत किया जा सकता है।
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इसके अलावा मौजूदा गौ-आश्रयों, अभयारण्यों और संरक्षण केंद्रों के शेड्स और बाउंड्री वॉल के विस्तार, भंडारण, क्षमता वृद्धि और संरक्षण केन्द्रों, कान्हा उपवन/ गौशालाओं का निर्माण करने में विधायकों की स्थानीय क्षेत्र विकास निधि का उपयोग किया जा सकता है।
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2019-20 के राज्य के बजट में, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में गाय आश्रयों के रखरखाव और निर्माण के लिए 247.60 करोड़ रुपये और शहरी क्षेत्रों में 'कान्हा गौशाला' और निराश्रित पशु आश्रयों के रखरखाव के लिए 200 करोड़ रुपये आवंटित किए थे।