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समाज

बंगाल में सड़क किनारे गाय बांधने पर भीड़ ने पीट-पीटकर उतार दिया मौत के घाट

Prema Negi
6 Nov 2019 11:08 AM GMT
बंगाल में सड़क किनारे गाय बांधने पर भीड़ ने पीट-पीटकर उतार दिया मौत के घाट
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नशे में धुत्त कुछ लोगों ने जरा सी बात पर पश्चिम बंगाल के मालदा में रहने वाले 42 वर्षीय अजॉय कुमार दास को इसलिए नृशंसता से पीटा, क्योंकि वे अपनी गाय को बांधा करते थे सड़क किनारे...

जनज्वार। मॉब लिंचिंग और भारत एक दूसरे का पर्याय बनते जा रहे हैं। यहां कब कौन कहां किस बात पर मॉब लिंचिंग का शिकार हो जायेगा, कहना मुश्किल है। कभी गौकशी की झूठी अफवाह पर तो कहीं बच्चाचोरी की कोरी अफवाह कई लोगों की लिंचिंग का कारण बन चुकी है। अब एक ऐसे ही मामले में 42 वर्षीय अजॉय कुमार दास को भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया है।

शे में धुत्त कुछ लोगों ने जरा सी बात पर पश्चिम बंगाल के मालदा स्थित गोलोक टोला गांव के रहने वाले 42 वर्षीय अजॉय कुमार दास को इसलिए नृशंसता से पीटा क्योंकि वे अपनी गाय को सड़क के किनारे रोजाना बांधा करते थे। शनिवार 2 जनवरी की शाम को हथियारों के साथ कुछ लोग आये और गाय सड़क किनारे बांधने को लेकर विवाद हुआ। यह विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि इन लोगों ने लाठी डंडों से पीट-पीट कर अजॉय कुमार दास को मौत के घाट उतार दिया।

श्चिम बंगाल के मालदा में रहने वाले 42 वर्षीय अजॉय कुमार रोजाना की तरह अपने कामों में व्यस्त थे। गायों से विशेष लगाव रखने वाले अजॉय कुमार ने दो गायें पाली हुई थीं। 2 नवंबर की शाम को जब अजॉय कुमार अपनी गायों को चारा दे रहे थे, तभी लाठी-डंडों के साथ कुछ लोग वहां आ धमके। ये लोग अजॉय कुमार दास से सड़क किनारे गाय बांधने को लेकर बहसबाजी करने लगे। जब अजॉय कुमार दास ने उनका विरोध किया तो उन्होंने पीटना शुरू कर दिया। अजॉय कुमार को इतना ज्यादा पीटा कि वह वहीं पर लहुलूहान होकर गिर पड़े। अजॉय कुमार को मरा जानकर वह लोग वहां से भाग गये।

टना के बाद 42 वर्षीय अजॉय कुमार को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, मगर शरीर पर आई गंभीर चोटों की वजह से अगले ही दिन रविवार को उसकी मौत हो गई।

स घटना के बारे में मोथाबरी थाने के अधीक्षक कहते हैं, अजॉय कुमार पहले से ही एक बीमारी से जूझ रहा था, जिसके चलते वह लाठी-डंडों की मार बर्दाश्त नहीं कर सका, जिस कारण उसकी मौत हो गयी।

मॉब लिंचिंग का शिकार अजॉय कुमार की माँ ने अपने बेटे की मौत के बाद 6 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है। इनमें से तीन को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है जिनका नाम बासुदेब मंडल, भूदेब मंडल और काजल मंडल है। सोमवार 4 नवंबर को इन तीनों को अदालत में पेश किया गया। इस घटना को अंजाम देने वाला मुख्य आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से फरार चल रहा है।

मालदा पुलिस इस घटना के बारे में कहती है, अजॉय ने गायें पाल रखी थीं, जिन्हें वह रोजाना सड़क रोजाना किनारे बाँधते थे। सड़क किनारे गाय के चलते रोड पर वाहनों की आवाजाही में दिक्कत होती थी। इसी बात से नाराज होकर शनिवार 2 नवंबर की शाम को चिरंजीत मंडल की अगुवाई में कुछ लोगों की भीड़ ने अजॉय दास पर हमला बोल दिया, जिसमें उनकी जान चली गयी। ये लोग पहले भी अजय कुमार को गाय सड़क पर न बांधने को लेकर धमका चुका थे।

मोथाबरी पुलिस स्टेशन के इन्चार्ज सौम्यजीत मलिक ने जनज्वार को इस घटना के बारे में बताया कि 'अजॉय कुमार दास को गुंडों ने पीटा, बल्कि उनके पड़ोसियों और अगल—बगल के रिश्तेदारों ने पीटा।' सौम्यजीत मलिक ने जनज्वार को आगे बताया, हुआ यह था कि अजय कुमार सड़क किनारे ही गाय बांधते थे। एक दिन गाय ने गांव के एक राहगीर को मार दिया तो ग्रामीणों ने अजॉय से कहा कि वह गाय को सड़क से हटा लें, वहा न बांधे, मगर वो ज़िद पा अड़ गया, इसलिए गांववालों ने गुस्साकर उसे पीट दिया। उसके घर में कोई था नही था तो वो हॉस्पिटल नहीं गया। पिटाई के बाद उसकी पत्नी मायके से घर आई तो उसे हॉस्पिटल ले गई, तब तक उसकी शरीर से बहूत खून निकल चुका था, जिसके कारण उसकी मौत हुई।'

हीं स्थानीय लोगों का कहना है कि आरोपियों ने अजॉय दास को निर्दयतापूर्वक पीटा जिसके बाद उसके पड़ोसियों ने उसे बैंगटोला अस्पताल पहुंचाया, मगर नाजुक स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मालदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के लिए रेफर कर दिया, जहां रविवार रात अजॉय दास की मौत हो गयी।

क रिपोर्ट के मुताबिक 2010 से 2017 तक 178 बेगुनाहों की गाय के नाम पर हत्या की जा चुकी है। इन हत्याओं में से ज्यादातर घटनायें मोदी शासन में हुई हैं।

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