बिहार के बौद्ध मठ में हुआ 15 बाल लामाओं का अप्राकृतिक यौन शोषण
बच्चों ने बताया कि सेंटर का संचालक सुजाय उर्फ संघप्रिय भंते खुद तो यौन शोषण करता ही था, साथ ही बाल लामाओं को कोलकाता ले जाकर भी उनका शारीरिक शोषण कराया जाता था...
बांग्लादेशी संचालक बौद्ध भिक्षु संघप्रिय को पुलिस ने किया गिरफ्तार, मेडिटेशन सेंटर के तीन कर्मचारियों को भी लिया हिरासत में
जनज्वार। मुजफ्फरपुर के बालिका गृह रेप कांड के बाद बिहार के ही गया के बौद्ध मठ में इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला सामने आया है। यहां 15 बाल लामाओं के साथ अप्राकृतिक दुराचार का खुलासा होने के बाद पुलिस ने बौद्ध मठ के संचालक को गिरफ्तार कर लिया है साथ ही 3 अन्य को भी हिरासत में लिया है।
घटनाक्रम के मुताबिक गया जिले के अंतरराष्ट्रीय बौद्ध धर्मस्थल बोधगया स्थित एक बौद्ध मठ में असम के 15 बाल लामाओं का शारीरिक और यौन शोषण का मामला 29 अगस्त को पुलिस में परिजनों की शिकायत के बाद सामने आया।
परिजनों की शिकायत के बाद संचालक भंते संघप्रिया सुजॉय को पुलिस ने कल 30 अगस्त को न्यायिक हिरासत में जेल भेजा दिया है। गया के वरिष्ठ अधीक्षक राजीव मिश्रा द्वारा मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक इस मामले की जांच के लिए बोधगया पुलिस उपाधीक्षक रमन कुमार चौधरी के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसकी निगरानी पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार द्वारा की जाएगी।
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने कहा कि स्थानीय अदालत के समक्ष पेश किये जाने के बाद मठ संचालक भंते जो कि एक बंगलादेशी नागरिक है, को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में गया केंद्रीय कारागर में रखा गया है। साथ ही पीड़ित बच्चों की मेडिकल जांच करने के बाद न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष उनका बयान रिकॉर्ड किए गए हैं, जिसके बाद उन्हें परिजनों के साथ घर भेज दिया गया है।
यौन शोषण का मामला सामने आने के बाद अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिषद (आईबीसी) ने बोधगया में एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें धार्मिक शिक्षा के नाम पर बच्चों के साथ इस तरह के घिनौने कृत्य की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया कि सच्चाई को सामने लाने में जांच दल को सभी तरह का सहयोग किया जाएगा।
आईबीसी ने मीडिया के समक्ष बयान दिया कि कुकृत्य में शामिल पाए गए लोगों की सदस्यता रद्द की जाएगी। आईबीसी सचिव प्रज्ञा भंते ने जानकारी दी कि बोध गया में 160 से अधिक बौद्ध मठ हैं जिनमें से केवल 55 ही परिषद के साथ या बोधगया मंदिर प्रबंधन समिति (बीटीएमसी) के साथ पंजीकृत हैं।
गौरतलब है कि बाल लामाओं के साथ अप्राकृतिक यौन शोषण की यह घटना बोधगया के मस्तीपुर गांव में प्रसन्ना जयोति बुद्धिस्ट स्कूल एंड मेडिटेशन सेंटर में सामने आई है। यहां पिछले एक साल से बच्चों को बौद्ध धर्म को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा था।
यौन शोषण के शिकार यौन लामाओं की उम्र 7 वर्ष से 13 वर्ष के बीच है। सभी असम व त्रिपुरा के रहने वाले हैं। मुंबई के एक लामा से यौन शोषण की सूचना मिलने के बाद बच्चों के परिजन असम से बोधगया पहुंचे थे और मेडिटेशन सेंटर में बच्चों ने रो—रोकर अपनी तकलीफ बताई। बच्चों ने बताया कि सेंटर का संचालक सुजाय उर्फ संघप्रिय भंते खुद तो यौन शोषण करता ही था साथ ही बाल लामाओं को कोलकाता ले जाकर भी उनका शारीरिक शोषण कराया जाता था। पीड़ित इस कदर डरे—सहमे हुए हैं कि कह रहे हैं मठ से बाहर निकलने के बाद जेल से बाहर आने जैसा महसूस कर रहे हैं।
इसके बाद 15 बच्चों के परिजन गया स्थित असम भवन पहुंचे। मेडिटेशन सेंटर में शेष बचे बाल लामाओं को पुलिस ने अपने संरक्षण में ले लिया है।
गौरतलब है कि जब यौन दुराचार की शिकायत लेकर पीड़ित बच्चों के परिजन सेंटर पहुंचे तो संघप्रिय भंते ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। कहा कि वह अपने बच्चों को वापस ले जाएं। इतना ही नहीं उसने यौन शोषण के शिकार बच्चों के कपड़े तक उतरवा दिए। बच्चों के परिजन उसकी बदतमीजी के बाद किसी तरह वहां से अपने बच्चों को लेकर गए और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।