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'अल्लाह को खुश' करने के नाम पर रेत दिया 4 साल की बेटी का गला
हमारा समाज किस तरह भयानक रूप से मानसिक विकृति का शिकार हो चुका है यह इस बात से भी पता चलता है कि कभी धर्म के नाम पर तो कभी ईश्वर—अल्लाह को खुश करने के नाम पर अपने बच्चे की जान लेने से भी नहीं चूकता, तो कभी डायन के नाम पर सरेआम किसी औरत की नृशंस हत्या कर दी जाती है...
जयपुर, जनज्वार। एक पिता जो उसे दुनिया की हर तकलीफ से महफूज करने का कोशिश करता है उसकी हर तकलीफ में ढाल बनकर खड़ा हो जाता है, वही ईश्वर, अल्लाह, जादू—टोने, पुण्य पाने के चक्कर में उसकी जान का दुश्मन बन जाए तो इसे क्या कहेंगे। मानसिक रूप से भयंकर रूप से विकृत हो चुके हमारे समाज में ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। इंसानियत को शर्मसार करने वाली ऐसी ही एक घटना फिर से घटी है राजस्थान में, जहां एक पिता ने रमजान के पाक महीने में अपनी बेटी की हत्या करने जैसा नापाक काम किया है।
घटनाक्रम के मुताबिक 8 जून की सुबह—सुबह राजस्थान के पीपरसिटी इलाके में रहने वाले नवाब अली कुरैशी की 4 साल की बेटी रिजवाना की नृशंस तरीके गला रेती लाश उसके घर से ही बरामद हुई। शुरुआती छानबीन के बाद जोधपुर ग्रामीण पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने मीडिया को बताया कि जब हमने शुरू में परिजनों से इस बारे में पूछताछ की तो उन्हें नहीं पता कि रिजवाना को किसने मौत के घाट उतारा है।
छानबीन में जब पुलिस ने देखा कि दरवाजा अंदर से बंद है। घर वालों के अलावा कोई और अंदर आया नहीं होगा तो संदेह हुआ और कुछ संदेह रिजवाना के पिता नवाब अली कुरैशी की बातों से भी हो रहा था। शुरु में नवाब अली ने पुलिस को बरगलाने की खूब कोशिश की, मगर जब पुलिस ने नवाब अली से सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि उसी ने अल्लाह को खुश करने के लिए रमजान के पवित्र महीने में अपनी बेटी की जान ली है।
पुलिसिया जांच में सामने आया कि 7 जून की रात नवाब अली कुरैशी अपनी पत्नी और बेटी के साथ घर की छत पर सोया था, मगर जब सुबह हुई तो रिजवाना छत पर नहीं थी। उसे खोजा गया तो घर के अंदर गला रेती हुई रिजवाना की लाश बरामद हुई। सुबह रिजवाना के गायब होने की बात पर भी नवाब अली पत्नी को यह कहकर बहका रहा था कि हो सकता है किसी बिल्ली ने रिजवाना को मार डाला हो।
पुलिस को नवाब ने बताया कि 7 जून को वह अपनी बेटी को लेकर बाजार भी गया था और उसे उसने उसकी मनपसंद चीजें इसलिए दिलवाईं थी क्योंकि वह उसे कुर्बान करने की साजिश रच चुका था। रात को जब सब लोग सो गए तो नवाब अली चुपचाप बेटी को लेकर छत से नीचे आया और उसे अपनी गोदी में बिठा कुरान की आयतें पढ़ीं। आयतें पढ़ने के बाद अल्लाह को खुश करने के लिए उसने धारदार हथियार से अपनी बच्ची का गला रेत दिया और किसी को कानोंकान इस बात की खबर न हो इसलिए दुबारा छत पर जाकर सो गया।