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नसीरुद्दीन शाह ने क्यों कहा मुझे अपने बच्चों के लिए आज के भारत में लगता है डर
मशहूर फिल्म अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने कहा लग रहा है डर क्योंकि देश में एक गाय की जान की कीमत एक पुलिस वाले की जान से ज़्यादा है, मोदी सरकार में धर्मनिरपेक्ष भारत के दावे को कठघरे में खड़ा किया नसीरुद्दीन ने...
जनज्वार। बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह के हत्यारों को सजा देने के बजाय गोकशी की तह तक जाने की शासन—प्रशासन की जुगत को लेकर ख्यात सिने अभिनेता नसीरुद्दीन शाह ने एक बड़ा बयान दिया है। कहा है कि मुझे अपने बच्चों के लिए आज के भारत में बहुत डर लगता है, पता नहीं कौन कब कौन की गुस्साई भीड़ मेरे घर को घेर ले और पूछे कि तुम हिंदू हो या मुसलमान?'
मॉब लिंचिंग के बढ़ते माहौल को दिनोंदिन बढ़ते देख नसीरुद्दीन शाह ने कहा हमारे देश में एक गाय की जान की कीमत एक पुलिस वाले की जान से ज़्यादा है। उनके इस उनके बयान ने शासन—प्रशासन को भी कठघरे में खड़ा किया है।
नसीरुद्दीन शाह का यह बयान मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वो कहते सुनाई दे रहे हैं कि धर्म के नाम पर जहर फैलाने का काम व्यापक पैमाने पर फैल चुका है, उन्मादियों को जैसे धर्म के नाम पर कुछ भी करने की खुली छूट मिल चुकी है। नसीरुद्दीन कहते हैं मैंने बहुत थोड़ी धार्मिक शिक्षा ली है, और मेरी पत्नी रत्ना ने मुझसे भी कम। मगर हमने अपने बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं दी, अगर कभी कोई भीड़ हिंदू—मुस्लिम के नाम पर मेरे घर और बच्चों को घेर ले तो वो क्या कहेंगे, क्या करेंगे। सांप्रदायिकता के इस 'जिन्न' को वापस बोतल में बंद करना बेहद मुश्किल होगा, क्योंकि धर्म के नाम पर कानून को हाथ में लेने वालों को लगता है कि हमारा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
यू ट्यूब चैनल कारवान-ए-मोहब्बत इंडिया से बातचीत में नसीरुद्दीन शाह ने यह बातें कहीं हैं, जो 17 दिसंबर को लाइव किया गया है। वो कहते हैं, 'मैं ग़ुस्से में हूं और मुझे लगता है कि सही सोच वाले हर इंसान को गुस्से में होना चाहिए, क्योंकि डरने की ज़रूरत नहीं है।'