भाजपा के सबसे गाल बजाऊ प्रवक्ता कहे जाने वाले संबित पात्रा जब कांग्रेस प्रवक्ता राजीव त्यागी से आज तक पर अंजना ओम कश्यप की उपस्थिति में चल रही डिबेट में विजय माल्या को जब माल्या जी कहते हैं तभी साफ हो जाता कि असल में मोदी के लोगों में लुटेरों को लेकर कितना प्रेम और आदर का भाव है...
गिरीश मालवीय का विश्लेषण
आज आयी इस खबर से यह साबित हो गया है कि पीएनबी घोटाले के आरोपी मेहुल चौकसी ओर नीरव मोदी को भारत से भगवाने में मोदी सरकार बराबर की भागीदार है।
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एंटीगुआ के कानून मंत्री स्टीड्रॉय बेंजमिन ने आज यह दावा किया है कि 2017 में जब मेहुल चोकसी ने एंटीगा की नागरिकता के लिए आवेदन किया था तब भारतीय अधिकारियों ने कोई आपत्ति या रेड सिग्नल नहीं दिया था।
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एक न्यूज चैनल से बातचीत में मंत्री ने कहा, 'न तो किसी अधिकारी और न ही भारत की किसी भी संस्था ने मेहुल चोकसी पर ऐतराज जताया था।'
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एंटीगुआ प्रशासन ने जानकारी दी है कि मेहुल चोकसी ने कैरेबियाई द्वीपीय देश की नागरिकता के लिए मई 2017 में आवेदन किया था। यह भी बताया गया है कि एंटीगा अधिकारियों को बाकायदा भारतीय विदेश मंत्रालय के स्थानीय पासपोर्ट ऑफिस से पुलिस क्लियरेंस सर्टिफिकेट प्राप्त हुआ था, जबकि उस वक्त भी गीतांजलि जेम्स के मालिक मेहुल चौकसी पर गम्भीर आर्थिक आरोप लगाए जा चुके थे।
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2013 में ही सेबी ने मेहुल चौकसी के खिलाफ कुछ एक्शन लिया था। उन पर आरोप थे कि गीतांजलि में ट्रेड करने के लिए चोकसी 25 शैल कंपनियों को फाइनेंस करते थे, उन पर 2014 में ही गीतांजली के जनरल मेनेजेर ने भी गंभीर आरोप लगे थे।
आयकर विभाग ने जनवरी 2017 में ही नीरव मोदी के घर समेत 50 दफ्तरों पर छापेमारी की थी। जानकारी के मुताबिक, छापेमारी में कैश, ज्वैलरी और कई दस्तावेज जब्त किए गए थे, जो कथित तौर पर कर चोरी से जुड़े थे। सूत्रों ने बताया आयकर विभाग ने मोदी के मुंबई स्थित ऑफिस और घर, दिल्ली स्थित घर और जयपुर व सूरत स्थित यूनिट पर रेड मारी थी।
इसके अलावा इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देश की सबसे बड़ी डायमंड कंपनियों में से एक गीतांजली ग्रुप के दफ्तरों पर भी रेड मारी थी। दोनों कम्पनियों पर एक साथ रेड मारने से यह स्पष्ट हो गया है कि दोनों कम्पनियों के मिले—जुले घोटालों की जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को थी।
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यानी मामला उसी वक्त खुल चुका था सारे कागजात इनकम टैक्स वालो की नजर मे आ चुके थे। नीरव मोदी की 150 से अधिक फर्जी कम्पनियां थीं। 2017 में ही इस सारे मेटर की अंदरूनी रिपोर्ट तैयार करवाई गई थी, जिसमें नीरव मोदी की तरफ से अपनाए जाने वाले कामकाज के 10 तरीके की जानकारी दी गई है। जो मोदी व उनकी फर्म करवंचना के लिए करती थी तो उस वक्त किसके दबाव में यह रिपोर्ट दबाई गयी?
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मार्च 2017 में गीतांजलि जेम्स के ऑडिटर इस बात को लेकर चेता चुके थे कि गीतांजलि जेम्स ने एलआईसी के कर्ज भुगतान में डिफॉल्ट किया है, लेकिन जब प्रधानमंत्री मोदी भरी सभा में अपने मेहुल भाई जैसे संबोधन दे रहे हों तो पुलिस और कस्टम विभाग की क्या मजाल जो मेहुल भाई को क्लीयरेंस सर्टिफिकेट न दे। इसके पहले 2016 में भी गीतांजलि जेम्स पर अनेक आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं।
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इन खबरों से यह साफ जाहिर है कि कुल मिलाकर मोदी सरकार इस पीएनबी घोटाले के आरोपियों को हर तरह से बचाने को तत्पर नजर आ रही है।
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