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शासन-प्रशासन की शह पर नियम-कानूनों को ठेंगा दिखा हल्द्वानी में निर्माणाधीन बीकानेर
मानकों की अनदेखी कर जिस तरह से इसे बनाया जा रहा है, उससे साफ है कि कभी भी हल्द्वानी में भारी विस्फोट और जान माल की हो सकती है तबाही...
संजय रावत की रिपोर्ट
हल्द्वानी, जनज्वार। पर्यटन विभाग की योजनाओं और को मूर्त रूप देने और रखवाली का काम कुमाऊं में 'कुमाऊं मण्डल विकास निगम' और गढ़वाल में 'गढ़वाल मण्डल विकास निगम' के हवाले है। पर इन निगमों के दक्ष इंजीनियर और आला अधिकारी गजब सोच और दूरदर्शिता रखते हैं। कुमाऊं के तमाम पर्यटक स्थल इनकी दूरदर्शिता के चलते बंद हो चुके या खड़ी इमारतों के रूप में सड़ रहे हैं।
कुमाऊं का द्वार कहे जाने वाले हल्द्वानी शहर में अब ये विभाग एक ऐतिहासिक कदम के रूप में शहर के बीचोंबीच बॉम स्थापित करने की योजना को पूरा करने में जुटा है, जिसके लिए तमाम नियम और मानकों को ताक में रख महा विस्फोटक बनाया जा रहा है।
इसका नाम है 'बीकानेर स्वीट्स'। kmvn ने इस संस्थान को शहर के बीच अपने शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में लीज पर जगह दी है, जिसमें निर्माण कार्य प्रगति पर है।
उत्तराखंड में विकास प्राधिकरण के अस्तित्व में आने के बाद जहां नियम मानकों को सख्ती से लागू किये जाने के चर्चे हैं, वहीं इस संस्थान के लिए जैसे इस प्राधिकरण के कोई मायने ही नहीं। जिस कॉम्प्लेक्स में ये बन रहा, वहां 3 बैंक, 1 एलआईसी कार्यालय, गैस एजेंसी और कई दुकानें हैं।
पर मानकों की अनदेखी कर जिस तरह से ये बनाया जा रहा है, उससे साफ है कि कभी भी यहां भारी विस्फोट होगा और भारी जान माल ही हानि होगी।
चूंकि 'बीकानेर स्वीट्स' खाद्य पदार्थ निर्माण का उपक्रम है, जहां गैस का इस्तेमाल खाना बनाने और एयरकंडीशन के लिए बहुतायत में होना है, पर सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतेजामात को सिरे से खारिज किया गया है।
इस बारूद के ढेर के बाबत नगर निगम के प्रबंधक त्रिलोक मर्तोलिया से पूछा तो उनका कहना था कि 'कोई दुर्घटना नहीं होगी, वैसे भी हम निगम के फायदे नुकसान के लिए क्यों 10-10 फिट की जगह का नुकसान करें।
इस बाबत जब जिला विकास प्राधिकरण के सचिव हरवीर सिंह से पूछा गया कि इस तरह के निर्माण की इजाजत कैसे दी गई तो उनका कहना था कि इजाजत तो तब देंगे, जब मामला संज्ञान में हो। मैं मालूम करके आवश्यक कार्यवाही अमल में लाऊंगा।