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निर्भया की बरसी पर इलाहाबाद की महिलाओं ने मांगी सुरक्षा, बलात्कारियों और मनुवाद से आजादी
निर्भया की बरसी पर महिलाओं ने बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ, सत्ता में बैठे बलात्कारियों के खिलाफ और राज्य मशीनरी द्वारा पीड़िता के बजाय रेपिस्टों को संरक्षण देने के खिलाफ किया गया था प्रदर्शन का आयोजन
प्रयागराज, जनज्वार। वे हाथों में रंग बिरंगे झंडे व बैनर लिये, पर्चा बांटते हुए सैकड़ों की संख्या में पी.डी. टंडन पार्क से चली और गीत गाते व नारे लगाते हुए सुभाष चौराहे पर आ गयीं। वे मांग कर रहीं थी आजादी की, बलात्कारियों से आजादी की, पुलिस उत्पीड़न से आजादी की, सेंगर, चिन्मयानन्द, नित्यानन्द, आसाराम से आजादी की, मनुवाद से आजादी की। निर्भया की बरसी 16 दिसंबर पर आयोजित इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाओं के अलावा पुरुष भी शामिल थे।
ये महिलायें बड़ी संख्या में प्रगतिशील महिला संगठन द्वारा संगठित होकर गांव से आए थे और शहर से उनका नेतृत्व घरेलू कामगार महिला संगठन व स्त्री मुक्ति संगठन ने किया। छात्र संगठन दिशा, एसएफआई, डीवाईएफआई ने किया, ट्रेड यूनियन सीटू, एटक, बेसी, एआईआईईए, प्रलेस, जलेस, जन संस्कृति मंच, आल इंडिया लायर्स यूनियन, यूपीएमएसआरए और कई जाने-माने बुद्धिजीवी इस मार्च का हिस्सा बने।
यह प्रदर्शन निर्भया कांड की वर्षगांठ के अवसर पर जागृत समाज ने आयोजित किया था और बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के खिलाफ, सत्ता में बैठे लोगों द्वारा ऐसे कांड करने और फिर राज्य मशीनरी द्वारा पीड़िता की रक्षा करने के बजाय बलात्कारियों की रक्षा करने के लिए आयोजित किया गया था।
इसमें न्यायपालिका पर भी प्रश्न उठे और सर्वोच्च न्यायालय के जजों के विरुद्ध की गयी शिकायतों तथा उन्हें बचाने के लिए तमाम कानूनी प्रक्रियाओं को ताक पर रखे जाने को याद किया गया। वक्ताओं ने हैदराबाद मामले में चारों आरोपियों के एंकाउन्टर की निन्दा की और चिन्मयानन्द, सेंगर आदि मामलों में सजा देने में किये जा रहे विलम्ब की आलोचना की।
वक्ताओं ने कहा कि भाजपा राज्य मशीनरी का फायदा उठाकर इन आरोपियों ने पीड़िताओं पर बर्बर हमले किये और साक्ष्य मिलाने का प्रयास किया। वक्ताओं ने मांग की कि जो पुलिस अधिकारी पुड़िता के केस नहीं दर्ज करते, उन्हें तुरन्त गिरफ्तार किया जाए, जांच रिपोर्ट व ट्रायल समयबद्ध ढंग से किया जाए और पूरे मामले को निपटाने के लिए जिम्मेदारी तय की जाए। उन्होंने यौन उत्पीड़न की शिकायत करने वाली सभी महिलाओं की सुरक्षा की मांग की।
इस प्रदर्शन में गायत्री गांगुली, उत्पला, चन्द्रवती निषाद, शबनम निषाद, वन्दना निषाद, आकृति, पद्मा सिंह, रश्मि मालविया, झरना, रंजना कक्कड़, अमृता चटर्जी, मधुमिता मिश्रा, प्रो0 अशा लाल, कुमुदिनी पति, सीमा आजाद, अनिता जैन, रवि किरन जैन, डा. आशीष मित्तल, के के राय, हरिशचन्द्र द्विवेदी, नसीम अंसारी, अविनाश मिश्रा, अमित, अनिर्बान, अंशु मालवीय, राजकुमार पथिक, सुरेश निषाद, सुधांशु मालवीय, सुरेन्द्र राही, आनन्द मालवीय, ओ.डी. सिंह, रामजी राय, किसलय, सुब्रतो बनर्जी, बिमल चौधरी, मंजू शुक्ला, अखिल विकल्प, विकास स्वरूप, प्रसेन, सुभाष चन्द्र पाण्डेय, रिषिश्वर उपाध्याय समेत सैकड़ों लोग शामिल रहे।