जनज्वार। स्टीफन टैलबोट के पीबीएस वृत्तचित्र "1968: द इयर द शेपड ए जेनरेशन" का यह अंश पेरिस में मई 68 के छात्र-नेतृत्व वाले विद्रोह को याद करता है। प्रदर्शनकारियों का प्रसिद्ध नारा "नई संकल्पना ज़िंदाबाद/ ALL POWER TO IMAGINATION" था।
पुरातन फ्रेंच शैक्षणिक प्रणाली के खिलाफ विद्रोह एक सामान्य युवा विद्रोह में बदल गया। पेरिस में शुरू हुए इस छात्र आंदोलन, जोकि बहुत जल्दी ही फ्रांस के इतिहास का सबसे बड़ा आम हड़ताल बन गया और जिसमे समाज के हरेक तबके ने भागीदारी की और छात्रों के साथ साथ किसान, मज़दूर और आम नागरिक भी शामिल हुए। 1 करोड़ से ज्यादा मज़दूरों ने जगह—जगह वाइल्ड कैट हड़ताल कर फैक्ट्रियो को बंद दिया और आंदोलनकारियों ने सार्वजनिक स्थलों, विश्वविद्यालयों और सड़क पे कब्ज़ा कर फ्रांस को पूरी तरह से ठप कर दिया।
यह आंदोलन उस दौर में दुनियाभर में छात्र मज़दूरों के आंदोलन का प्रतिनिधि स्वर बन गया और इसने यूरोप के अन्य देशों, लैटिन और नार्थ अमेरिका, अफ्रीका और एशिया के देशों में चल रहे आंदोलनों को प्रभावित किया। इस अंश में लेखक/कार्यकर्ता बारबरा एरेनरेच और उपन्यासकार / राजनयिक कार्लोस फुएंट्स की टिप्पणी शामिल है, जिन्होंने पेरिस में रहने वाले एक युवक के रूप में विद्रोह में हिस्सा लिया था।