पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदंबरम ने कहा कि अब कम से कम शेष भारत के लोग कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों के साथ हुए अन्याय को समझेंगे, जिन्हें 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होते ही फौरन हिरासत में ले लिया गया था और अभी भी वे हिरासत में हैं...
जनज्वार। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा है कि कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के लिए देश में सोमवार से लगे चौथे चरण के लॉकडाउन के बीच उनकी चिंता कश्मीर के उन लोगों के प्रति है, जो 'भयावह लॉकडाउन के भीतर एक लॉकडाउन में हैं।'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब कम से कम शेष भारत के लोग कश्मीर में हिरासत में लिए गए लोगों के साथ हुए अन्याय को समझेंगे, जिन्हें 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 के निरस्त होते ही फौरन हिरासत में ले लिया गया था और अभी भी वे हिरासत में हैं।
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चिदंबरम ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री हिरासत में लिए जाने की सबसे बड़ी पीड़ित हैं।
उन्होंने कहा, 'सबसे ज्यादा पीड़ित महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी के वरिष्ठ सहयोगी हैं, जो लॉकडाउन देश के लॉकडाउन राज्य में अभी भी हिरासत में हैं। उन्हें हर मानव अधिकार से वंचित रखा गया है।'