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पाकिस्तानी कैदी की हत्या से ठीक पहले राजस्थान के ही बीकानेर में डीएम कुमार पाल गौतम ने वहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों और घूमने आए पाकिस्तानी पर्यटकों को आगाह किया था कि 48 घंटे के अंदर वे शहर छोड़ दें....
जयपुर, जनज्वार। राजस्थान की जयपुर जेल से एक पाकिस्तानी कैदी की हत्या की खबर आ रही है। शुरुआती जांच के बाद हालांकि यह बात सामने आई है कि टीवी का वॉल्यूम बढ़ाने को लेकर कैदी आपस में भिड़ गए, जिसमें पाकिस्तानी कैदी शकरउल्ला के सर में पत्थर लगने से मौत हो गई।
मगर जिस तरह से देश में पुलवामा हमले के बाद से पाकिस्तान के खिलाफ माहौल गरमाया हुआ है, उससे यह सुनियोजित हत्या हो, इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि कैदी की हत्या से ठीक पहले राजस्थान के ही बीकानेर में प्रशासन द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों के लिए अल्टीमेटम जारी किया गया था। बीकानेर के डीएम कुमार पाल गौतम ने वहां रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों और घूमने आए पाकिस्तानी पर्यटकों को आगाह किया था कि 48 घंटे के अंदर वे शहर छोड़ दें। इस बात को लेकर जमकर विवाद भी हुआ था।
गौरतलब है कि राजस्थान की जयपुर सेंट्रल जेल में मारा गया पाकिस्तानी कैदी शकरउल्ला लश्कर-ए-तैयबा के लिए जासूसी करने के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहा था। मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के मुताबिक शकरउल्ला को उसके अन्य साथियों के साथ 2011 में लश्कर-ए-तैयबा के लिए धन जुटाने और जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2017 में उसे आजीवन कारावास की सजा हुई थी।
घटना के बाद जयपुर पुलिस के एडिशनल कमिश्नर लक्ष्मण गौड़ ने मीडिया से कहा कि 'टीवी देखने के दौरान कैदियों में झगड़ा हुआ था। हत्या को लेकर शुरुआती जांच में 4 कैदियों के नाम सामने आए हैं। शकरउल्ला के साथ मौजूद अन्य पाकिस्तानी कैदियों से इस मामले में पूछताछ की जा रही है। हालांकि शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि टीवी देखने के दौरान वॉल्यूम बढ़ाने को लेकर कैदियों में झगड़ा हुआ था, जिसमें हाथापाई में शकरउल्ला का सिर पत्थर से टकरा गया और उसकी मौत हो गई।
वहीं कहा यह भी जा रहा है कि यह आक्रोश पुलवामा में मारे गए 46 भारतीय सैनिकों को लेकर उपजा था, जिसकी आंच से कैदी भी नहीं बच पाए। पाकिस्तानियों के प्रति देश में नफरत का माहौल व्याप्त है।
मीडिया में खबर यह भी आई कि आतंकी हमले के एक दिन बाद जेल में बंद आठ पाकिस्तानी कैदियों ने टीवी देखते हुए कथित रूप से पाक जिंदाबाद के नारे लगाए थे। इससे अन्य भारतीय कैदी बहुत नाराज हो गए थे। पुलवामा हमले के दूसरे दिन भी जेल में भारत—पाकिस्तान के कैदियों के बीच कहासुनी और मारपीट हुई थी, मगर जेल प्रशासन ने तब मामले को संभाल लिया।
मगर आज 20 फरवरी को जेल में बंद कैदियों के दोनों गुटों में एक बार फिर जमकर विवाद हुआ। इसी विवाद में भारतीय कैदियों ने पाकिस्तानी कैदी शकरउल्ला की पत्थर से पीट—पीटकर हत्या कर दी। मारपीट करने वाले सभी कैदी शकरउल्ला के साथ एक ही बैरक में टीवी देख रहे थे।
सवाल यह भी उठता है कि जब पहले ही पुलवामा हमले के बाद कैदी आपस में भिड़ चुके थे तो ऐसी किसी अनहोनी के लिए जेल प्रशासन सतर्क क्यों नहीं हुआ, या फिर वह ऐसी किसी घटना के इंतजार में हाथ पर हाथ धरे बैठा हुआ था और बाद में कैदियों की आपसी लड़ाई का कह मामला टाल दिया जाए।