पतंजलि में हर बीमारी का ईलाज था ही तो रामदेव के दाहिने हाथ बालकृष्ण को क्यों जाना पड़ा एम्स की शरण में
पतंजलि हार्ट अटैक की भी बाकायदा एक दवा इस दावे के साथ बेचती है कि दिल का मरीज इससे 100 फीसदी ठीक हो जायेगा,जब पतंजलि यानी आयुर्वेद में ही इतनी उन्नत दवायें मौजूद हैं तो फिर बालकृष्ण को क्यों नहीं दी जा रहीं ये दवायें...
जनज्वार। योग गुरू के नाम से सुविख्यात बाबा रामदेव के करीबी सहयोगी और पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण हार्ट अटैक के बाद ऋषिकेश एम्स में भर्ती हैं। एम्स में पहले उन्हें हरिद्वार के एक अस्पताल में ले जाया गया था, जहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें एम्स रेफर कर दिया।
पतंजलि योगपीठ से जुड़े कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आचार्य बालकृष्ण को सीने में दर्द और बेचैनी की शिकायत के बाद हरिद्वार के एक निजी अस्पताल भूमानंद हॉस्पिटल में ले जाया गया, जहां स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एम्स ऋषिकेश के लिए रेफर कर दिया गया।
एम्स आईसीयू के अन्य डॉक्टरों ने जनज्वार से बातचीत में कहा कि बालकृष्ण को सीने में भयंकर दर्द की शिकायत के बाद ही पतंजलि से यहां लाया गया था। रामदेव की छत्रछाया और ताकत से सहमे एम्स के डॉक्टर औपचारिक रूप से कुछ नहीं कह रहे, पर ये कहकर मजाक जरूर उड़ा रहे कि एक दिन देखना रामदेव भी यहीं आएंगे।
वहीं एम्स ऋषिकेश के चिकित्सा अधीक्षक ब्रहमप्रकाश ने मेडिकल बुलेटिन जारी कर बताया, कल 23 अगस्त को बालकृष्ण को लगभग सवा चार बजे एम्स लाया गया था। उनको 'आल्टर्ड कांशसनेस' की स्थिति में एम्स में भर्ती कराया गया था। इस स्थिति में मरीज अपने आसपास के माहौल को नहीं पहचान पाता है। बालकृष्ण बैचेन थे।
यह वही आचार्य बालकृष्ण हैं जो योग से हर रोग भगाने का दावा करते हैं। पतंजलि हार्ट अटैक की भी बाकायदा एक दवा बेचती है, जिससे दावा किया जाता है कि दिल का मरीज 100 फीसदी ठीक हो जायेगा। सवाल है जब पतंजलि यानी आयुर्वेद में ही इतनी उन्नत दवायें मौजूद हैं तो फिर बालकृष्ण को उन दवाओं को क्यों नहीं दिया जा रहा है। या फिर इसका मतलब यह है कि वीआईपी के लिए एलोपैथ और आम लोगों के लिए पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर फर्जीवाड़ा कर रही है।
अगर ऐसा नहीं है तो पतंजलि अपनी जिस हृदय रोग दवा के बादे में दावा करती है कि यह गोलियाँ आपके सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को साफ करती है और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। यह किसी भी सूजन को कम करती है और एनजाइना के दर्द को नियंत्रित करती है। फिर इस दवा को आचार्य बालकृष्ण को क्यों नहीं दिया गया या फिर उन्होंने खुद ही इनका सेवन क्यों नहीं कर लिया। क्या पतंजलि के ये उत्पाद सिर्फ ग़रीबों को मूर्ख बनाने के लिए हैं।
हालांकि बाबा रामदेव का कहना है कि आचार्य बालकृष्ण को हार्ट अटैक नहीं आया है, बल्कि फूड प्वाइजनिंग हुई है। पतंजलि के प्रवक्ता एसकेजी तिजवाला ने कहा, 'बाबा रामदेव ने आचार्य बालकृष्ण के स्वास्थ्य लिए चिंता जताने वाले करोड़ों लोगों का आभार जताते हुए कहा कि जन्माष्टमी पर एक व्यक्ति पेड़ा लेकर आया था, जिसे खाने के बाद वो बेहोश हो गए। हालांकि, अब स्थिति सामान्य हो रही है।'
सवाल यह भी है कि अगर बालकृष्ण पेड़ा खाकर फूड प्वाइजनिंग का शिकार भी हुए हैं तो क्या इसका इलाज आयुर्वेद में नहीं है। खुद बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण योग से हर रोग भगाने का दावा मंचों से करते रहते हैं और यह भी कि पतंजलि की दवायें 100 फीसदी कारगर हैं। तो यह कारगर दवायें चाहे बालकृष्ण को हार्ट अटैक आया हो या फिर फूड प्वाइजनिंग, उन पर क्यों नहीं इस्तेमाल की गयीं।
सोशल मीडिया पर भी बालकृष्ण को एम्स एडमिट करने के बाद अब लोग पतंजलि की औषधियों पर तरह-तरह के सवाल उठाने लगे हैं। लोग कह रहे हैं कि पतंजलि आयुर्वेद के नाम पर गरीबों को ठग उनकी जान के साथ खेल रही है।
">Revolutionary Memes For Bahujan Teens नाम के ट्वीटर हैंडल ने ट्वीट किया है, 'पतंजलि के सीईओ आचार्य बालकृष्ण को सीने में दर्द की शिकायत के बाद एम्स में भर्ती कराया गया है। एलोपैथिक दवाओं से उनका इलाज किया जा रहा है, जबकि पतंजलि अपनी वेबसाइट पर दिव्य ह्रदयमृत वटी एक्स्ट्रा पॉवर (केवल 110 रुपये कीमत) नामक उत्पाद बेचता है। पतंजलि का दावा है कि यह गोलियाँ आपके सिस्टम से विषाक्त पदार्थों को साफ करती हैं और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। यह किसी भी सूजन को कम करती हैं और एनजाइना के दर्द को भी नियंत्रित करता हैं। क्यों बालकृष्ण खुद के उत्पादों का उपभोग नहीं कर रहे हैं? क्या ये उत्पाद केवल ग़रीबों के लिए ही हैं, जिससे वे मूर्ख बन सकें?'
वहीं सोशल मीडिया पर लोग इस बात का भी मजाक उड़ा रहे हैं कि अगर पेड़ा खाने से अगर बालकृष्ण की तबीयत बिगड़ी है तो क्या पतंजलि योगपीठ की तरफ से संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कोई शिकायत पुलिस में दर्ज करवाई गयी है। पतंजलि और बाबा रामदेव कह रहे हैं कि बालकृष्ण को पेड़े में जहर मिलाकर दिया गया था, जिसके बाद उनकी तबीयत बिगड़ी। हालांकि उससे पहले पतंजलि के प्रवक्ता ने बयान दिया था कि बालकृष्ण अपने कार्यालय में काम करते करते अचानक बेहोश हो गये और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर स्थिति केा देखते हुए एम्स में भर्ती कराया गया।