
सवाल यह है कि कैसे गुजरात भाजपा पूरा करेगी मोदी और शाह की जोड़ी का सपना, जिनका लक्ष्य है विधानसभा की 150 सीटें जीतने का, पर क्या 182 में भाजपा 82 की भी दावेदार हो पाएगी
यह मोदी की रैली की दूसरी तस्वीर है जिसमें प्रधानमंत्री मोदी भाषण दे रहे हैं और कुर्सियां हवा फांक रही हैं, इससे पहले भुज रैली में नोटबंदी, जीएसटी और गुजरात में भाजपाई जुमलेबाजी से नाराज जनता नहीं पहुंची थी रैली में
गुजरात, बरूच। गुजरात विधानसभा चुनावों में दनादन रैलियां, सभाएं और रोडशो कर रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस बार अपने गृहराज्य में भाजपा का मुख्यमंत्री बनाना बहुत मुश्किल होता जा रहा है। अगर मोदी को लेकर यह सिलसिला जारी रहा तो भाजपा के लिए यह मुश्किल 20 दिसंबर को आने वाले गुजरात विधानसभा चुनाव परिणामों में असंभव की श्रेणी में दर्ज हो जाएगी।
प्रधानमंत्री मोदी भाजपा के लिए प्रचार करने कल तीसरी बार गुजरात पहुंचे थे। उन्होंने अहमदाबाद में सभा को संबोधित करते हुए गांधीनगर के आर्कबिशप के उस अपील को आड़े हाथों लिया जिसमें आर्कबिशप ने कहा था कि ईसाई समुदाय को राष्ट्रवादी सांप्रदायिक तत्वों से बचाया जाए।
अहमदाबाद के जनसमूह को संबोधित करने के बाद मोदी भरूच रैली करने पहुंचे, पर जनता नहीं पहुंची थी। मोदी अपने अंदाज में कांग्रेस को कोसते रहे पर तालियां बजाने के लिए जनता की बजाय मैदान में कुर्सियां पड़ी रहीं। वे गुजरात में उत्तर प्रदेश की नगर निगम में हुई कांग्रेस की हार पर बोलते रहे और जनता उठकर जाती रही।
हालत यह थी कि भरूच रैली में भारी तादाद में कुर्सियां खाली थीं और उसी वक्त मोदी भाषण दे रहे थे। सोचिए जब गुजरात में मोदी की सभाओं और रैलियों को लेकर जनता की इस कदर बेकद्री दिखा रही है, फिर वह भाजपाई नेताओं को विधानसभा पहुंचाने में क्यों कद्र दिखाएगी।
एबीपी न्यूज के संवाददाता जैनेंद्र कुमार ने इस संदर्भ में अपने ट्वीटर पर एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने मोदी के चल रहे भाषण के बीच का वीडियो बनाया और बताया कि कैसे मैदान के बड़े हिस्से में जनता नहीं सिर्फ कुर्सियां पड़ी हुई हैं। उन्होंने यह सवाल भी किया कि जब कुर्सियां खाली हैं फिर भाजपा 150 सीटों का लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएगी।
जैनेंद्र कुमार का देखें वीडियो