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कोरोना संक्रमण की चपेट में आया निजी अस्पताल का डाक्टर, PGI के घबराए मेडिकल स्टाफ ने मांगे बचाव उपकरण

Janjwar Team
1 April 2020 8:07 AM GMT
कोरोना संक्रमण की चपेट में आया निजी अस्पताल का डाक्टर, PGI के घबराए मेडिकल स्टाफ ने मांगे बचाव उपकरण
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डाक्टरों के पास न तो उचित मास्क है, खुद को बचाने के लिए ड्रेस। ऐसे में वह खुद ही अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। चंडीगढ़ पीजीआई के मेडिकल स्टाफ ने मांग की कि उन्हें उचित किट उपलब्ध करायी जाये...

जनज्वार ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब के मोहाली में एक निजी अस्पताल का डॉक्टर भी कोरोना संक्रमण का पॉजिटिव पाया गया है। डॉक्टर ने कनाडा से आए मलोट के दंपति का इलाज किया था। जो वायरस से संक्रमित थे। बाद में डॉक्टर को भी ऐसे ही लक्ष्ण नजर आये। इस पर उन्होंने जब अपना सैंपल जांच के लिए भेजा तो वह भी पॉजिटिव आया। डाक्टर अपने ही अस्पताल में अपना इलाज करा रहा है। दूसरी ओर अब डॉक्टर की पत्नी डॉक्टर्स और स्टॉफ के 20 लोगों के सैंपल आज लिये जायेंगे। इस मामले के सामने आने से यहां हड़कंप मचा हुआ है।

धर पीजीआई चंडीगढ़ में भी स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी सुरक्षा को लेकर डरे हुए हैं। उन्होंने बताया कि अभी कोरोना वायरस के इलाज के दौरान कई कर्मचारियों को ऐसे ही लक्ष्ण नजर आये थे। उन्होंने कहा कि उनके पास पर्याप्त सुरक्षा किट नहीं है।

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स्टाफ नर्स ने बताया कि डाक्टर्स तो दूर से मरीज को देख कर चला जाता है,लेकिन उन्हें मरीज के नजदीक तक जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि एमरजेंसी में जो भी मरीज उनके पास आता है, उनके पास इतना समय नहीं होता कि इसकी यात्रा आदि के बारे में पूछा जाये। उन्हें तो तुरंत इलाज देना होता है। ऐसे में यदि इस तरह का मरीज कोरोना पॉजिटिव होता है तो उन्हें भी संक्रमण का खतरा बना रहता है।

पीजीआई नर्सेज वेलफेयर एसोसिएशन ने ने मांग की कि उन्हें तुरंत ही सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराये जाने चाहिये। जिससे वह आसानी से अपना काम कर सके।

धर पटियाला के सरकारी मेडिकल कालेज राजेंद्रा के नर्स व पैरामेडिकल स्टाफ ने भी सुरक्षा किट व मास्क की कमी की शिकायत की है। उन्होंने कहा कि जो किट दी गयी है, वह सही नहीं है।

र्सों ने बताया कि क्योंकि मरीज को सबसे पहले वहीं संभालते हैं। इसलिए उनके पास अपनी सुरक्षा का पूरा इंतजाम होना चाहिए। एक नर्स रणदीप कौर ने बताया कि क्योंकि जब भी कोई कोरोना का मरीज आता है तो उसकी सबसे पहले जांच की जाती है। सारी जांच पूरी होने के बाद ही उन्हें सघन निगरानी वार्ड में भेजा जाता है। इसलिए यह जांच करे वाले स्टाफ को भी अपने बचाव के लिए उचित उपकरण मिलने ही चाहिए।

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स्टाफ ने बताया कि निश्चित ही वह समझते हैं कि यह मुश्किल वक्त है। इसमें उन्हें अच्छे से काम करना है। लेकिन यह तभी संभव है जब उनकी भी सुरक्षा का ध्यान रखा जाये। क्योंकि यदि वह डरे रहे तो इलाज कैसे कर पायेंगे।

राजेंद्र होस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डाक्टर पारस पांडोव ने कहा कि हम अपने स्टाफ की सुरक्षा को लेकर गंभीर है। पीपीई किट केवल आइसोलेशन वार्ड में काम करने वाले कर्मचारियों को दी जा रही है।

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