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चुनावी पड़ताल 2019

भाजपा की पूर्व मंत्री बोलीं 2 क्या 18 सीटों में भी लड़ लें हेमंत चुनाव, किसी भी हालत में नहीं जीत पायेंगे

Prema Negi
26 Nov 2019 7:17 AM GMT
भाजपा की पूर्व मंत्री बोलीं 2 क्या 18 सीटों में भी लड़ लें हेमंत चुनाव, किसी भी हालत में नहीं जीत पायेंगे
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रघुबर सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहीं लोइस मरांडी बोलीं, हेमंत दो ही क्यों संताल परगना के सभी 18 सीटों से चुनाव लड़ लें तो भी उन्हें जीत हासिल होने वाली नहीं, जनता उनका साथ किसी भी हाल में नहीं देगी...

जनज्वार। चुनावों के साथ ही नेताओं का एक दूसरे पर आरोपों-प्रत्यारोपों, छींटाकशी का दौर शुरू हो जाता है। झारखंड भी कुछ ऐसे ही दौर से गुजर रहा है, क्योंकि वहां एक हफ्ते में विधानसभा चुनाव हैं।

न्य नेताओं का क्या कहें चुनावी सभा को संबोधित करते हुए हमारे माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी को ही अपनी जुबान का पता नहीं चलता कि वो कैसी टिप्पणियां कर रहे हैं, जैसे कल 25 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डालटनगंज में एक चुनावी सभा में कहा कि झारखंड के लोगों को नई बसें, ट्रक, टैंपो के माध्यम से तो रोज़गार मिल ही रहा है।' मोदी का यह बयान तब हास्यास्पद लगता है जबकि देश का आटोमोबाइल सेक्टर मंदी से बुरी तरह जूझ रहा है।

ब उन्हीं की पार्टी भाजपा से दुमका प्रत्याशी डॉ लोइस मरांडी ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को लेकर विवाद खड़ा किया है। उन्होंने हेमंत सोरेन के बारे में ताल ठोकते हुए कहा कि झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष का मनोबल कितना मजबूत या कितना कमजोर है उनके निर्णय से जनत भली भांति जान चुकी है। हेमंत दो ही क्यों संताल परगना के सभी 18 सीटों से चुनाव लड़ लें तो भी उन्हें जीत हासिल होने वाली नहीं है। जनता उनका साथ नहीं देने वाली है।

घुबर सरकार में समाज कल्याण मंत्री रहीं और इस बार भाजपा की दुमका सीट से प्रत्याशी लोइस मरांडी ने कहा कि गठबंधन के अपने फैसले से जनता के सामने वो एक्पोज हो चुके हैं। संताल परगना की जनता का झारखंड मुक्ति मोर्चा से पूरी तरह मोहभंग हो चुका है।

गौरतलब है लोइस मरांडी पिछली बार तब भी चर्चा में आयीं थीं जब उनके घर के बाहर धरना दे रहे पारा शिक्षकों में से एक की मौत हो गयी थी। पिछले साल दिसंबर में 22 दिन तक तत्कालीन मंत्री लोइस मरांडी के आवास के बाहर ‘घेरा डालो, डेरा डालो’ आंदोलन कर रहे पारा शिक्षकों में एक कंचन कुमार दास की हो गयी थी, जिसे सरकार ने ठंड से हुई मौत ठहराया था। शिक्षकों ने कंचन कुमार की मौत के लिए रघुबर दास के साथ साथ समाज कल्याण मंत्री लोइस को भी बराबर का जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही लोइस मरांडी के विरुद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी।

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