फाइनेंसर ने सुपारी देकर करवाया खुद का मर्डर ताकि बीवी-बच्चे को मिल जाये 50 लाख का बीमा!
कर्ज के बोझ तले दबे फाइनेंसर को परिवार पालने का कोई रास्ता नहीं सूझा तो 50 लाख का बीमा करवाकर उसने खुद अपनी हत्या की साजिश रची, ताकि मौत के बाद पत्नी और बेटे को मिल जाये बीमे की रकम...
जनज्वार, भीलवाड़ा। देश में दिनोंदिन बढ़ती जा रही मंदी अब न केवल गरीबों को लील रही है, बल्कि अच्छे—खासे लोग भी इसकी चपेट में आने लगे हैं। पिछले दिनों जमशेदपुर के बारीडीह से बीजेपी नेता कुमार विश्वजीत के इकलौते बेटे ने नौकरी जाने के डर से आत्महत्या कर ली थी, वहीं कई ऐसी खबरें भी आई हैं कि समाज में प्रतिष्ठित कहे जाने वाले कई लोगों ने आर्थिक समस्या के कारण सुसाइड किया।
अब ऐसा ही एक मामला राजस्थान के भीलवाड़ा में सामने आया है। यहां आर्थिक तंगी से परेशान फाइनेंसर बलबीर खारोल ने खुद की हत्या के लिए सुपारी दी, ताकि परिजनों को उसके बीमे का 50 लाख रुपया मिल जाये और वह आर्थिक तंगी से न जूझें। पुलिस जांच में यह बात भी सामने आई कि बलवीर के सिर पर बहुत कर्ज चढ़ा हुआ था इसलिए उसने 80 हजार रुपए में अपनी हत्या की सुपारी दी थी। पुलिस ने सोमवार 9 सितंबर को फाइनेंसर के हत्याकांड में शामिल रहे दो आरोपियों को पकड़ा है। आरोपियों के पकड़ में आने के बाद ही इस मामले का खुलासा हुआ।
भीलवाड़ा एसपी हरेंद्र महावर ने मीडिया को बताया कि 3 सिंतबर को फाइनेंसर बलबीर खारोल नाम के व्यक्ति की लाश गुवारड़ी नाले में बरामद की गयी। उसके हाथ-पैर बंधे हुए थे और मुंह पर पॉलीथीन बंधी हुई थी। मृतक के भाई की शिकायत पर भीलवाड़ा के मांगरोल थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। छानबीन के दौरान शक के आधार पर पुलिस ने दो आरोपियों राजवीर और सुनील यादव को गिरफ्तार किया। गौरतलब है कि हत्यारोपी राजवीर फाइनेंसर के साथ साझेदारी में एक ढाबा चलाता था। पुलिस ने जब कड़ाई से पूछताछ की तो इन दोनों ने कबूला कि उन्होंने सुपारी लेकर फाइनेंसर की हत्या की थी और सुपारी देने वाला कोई और नहीं बल्कि फाइनेंसर बलवीर खुद था।
पुलिसिया जांच में ही यह बात भी सामने आई कि मृतक फाइनेंसर बलबीर ने 3 अगस्त को अपना 50 लाख रुपए का बीमा करवाया था। इसका 5,832 रुपए का प्रीमियम भी उसने जमा करवाया था। इस बीमे का दावा 28 अगस्त से शुरू होना था। इसलिए उसने 2 सितंबर को अपनी हत्या की साजिश रची।
बकौल पुलिस हत्यारोपियों ने पूछताछ में बताया कि 2 सितंबर की रात को वे दोनों फाइनेंसर बलबीर को मोटरसाइकिल पर अपने साथ गुवारड़ी नाले पर ले गए। वहां उसने अपने पैर बांध लिए और फिर हत्यारोपी सुनील से हाथ बंधवाए। इसके बाद उसने राजवीर से कहा कि वह रस्सी से उसका गला घोंटे। हत्या के बाद आरोपी बलबीर की लाश को वहीं फेंककर चले गये। पुलिस के मुताबिक मृतक ने राजवीर को हत्या करने के लिए 80 हजार रुपए देने की बात कही थी और 10 हजार रुपए एडवांस के तौर पर दिए भी थे और शेष रकम हत्या से पहले अपनी जेब में रखी थी।
पुलिस ने जांच के बाद यह भी बताया कि फाइनेंसर बलबीर ने लोगों को तकरीबन 20 लाख रुपए ब्याज पर उधार दिया था मगर उसका पैसा वापस नहीं मिल पा रहा था। पिछले छह महीनों से ब्याज और मूल रकम नहीं मिलने से वह परेशान था, इसी कारण वह आर्थिक तंगी में आ गया था। परिवार पालने का जब उसको कोई रास्ता नहीं सूझा तो अपना बीमा करवाकर उसने खुद अपनी हत्या की साजिश रची, ताकि मौत के बाद पत्नी और बेटे को बीमे की रकम मिल जाये।