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औरतों पर होते जघन्य अपराध और भारतीय नेताओं की 'बदतमीज' जुबान

Prema Negi
21 Jun 2019 7:57 AM GMT
औरतों पर होते जघन्य अपराध और भारतीय नेताओं की बदतमीज जुबान
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जब भी बलात्कार की कोई घटना चर्चा में आती है, ऐसे नेता बलात्कार की नई परिभाषा गढ़ने लगते हैं, महिलाओं को ही इसका दोषी करार देते हैं और महिलायें क्या पहनें और कब घर से बाहर निकालें यह परिभाषित करने लगते हैं...

महेंद्र पाण्डेय, वरिष्ठ लेखक

हमारी क़ानून व्यवस्था और पुलिस अंग्रेजों की देन है, पर उस समय क़ानून व्यवस्था निश्चित तौर पर इतनी खराब नहीं रही होगी। अब तो हत्या, बलात्कार और लूट तो रोजमर्रा की घटनाएँ हो गयी हैं और यह स्थिति दिनों दिन खराब होती जा रही है।

बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के पीछे तो निश्चित तौर पर हमारे राजनेताओं की कुत्सित सोच जिम्मेदार है। जब भी बलात्कार की कोई घटना चर्चा में आती है, ऐसे नेता बलात्कार की नई परिभाषा गढ़ने लगते हैं, महिलाओं को ही इसका दोषी करार देते हैं और महिलायें क्या पहनें और कब घर से बाहर निकालें यह परिभाषित करने लगते हैं।

हाल के दिनों में उत्तर प्रदेश में बलात्कार की अनेक घटनाएँ सामने आयी हैं और इसी राज्य के वन और जल संसाधन मंत्री उपेन्द्र तिवारी ने बड़ी बेशर्मी से बयान दिया, 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं का बलात्कार नहीं होता। उनके अनुसार बलात्कार तो केवल बच्चियों से ही हो सकता है, बड़ी महिलाओं के मामले में इसका दूसरा स्वरुप होता है।

मंत्री जी का यह बयान कोई चूक नहीं है, बल्कि यह बीजेपी और संघ की पूरी विकृत मानसिकता का बस एक उदाहरण है। वर्ष 2013 में मोहन भागवत ने कहा था, बलात्कार इंडिया में होते हैं, भारत में नहीं। निर्भया काण्ड के बाद जब दुनियाभर के मीडिया ने इसे चर्चा में बनाए रखा तब अरुण जेटली ने कहा था, बलात्कार की एक छोटी सी घटना को दुनिया में इस कदर उछाला गया कि भारत को इससे अरबों डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।

वर्ष 2014 में रामसेवक पैकरा, जो छत्तीसगढ़ के तत्कालीन गृह मंत्री थे, के अनुसार बलात्कार तो गलती से हो जाता है। हरियाणा के खाप पंचायत नेता जीतेन्दर छतर तो चाऊमीन को बलात्कार का कारण मानते हैं। उनके अनुसार इसमें इसे रसायन होते हैं जिससे अपने पर से नियंत्रण हट जाता है।

वर्ष 2014 में मुलायम सिंह यादव ने कहा था, लड़के तो लड़के होते हैं उनसे गलती हो जाती है और लड़कियां या महिलायें ही बलात्कार की असली दोषी हैं। फिर वर्ष 2015 में मुलायम सिंह ने बलात्कार पर नया ज्ञान दुनिया के सामने रखा। उन्होंने कहा, एक व्यक्ति बलात्कार करता है और रिपोर्ट में चार नाम दर्ज हो जाते हैं। चार लोग एक महिला के साथ बलात्कार करें यह असंभव है।

वर्ष 2014 में ही मुलायम सिंह यादव की पार्टी के एक बड़े नेता अबू आजमी ने कहा, बलात्कार के लिए पीड़िता को भी सजा मिलनी चाहिए। महिला अध्यक्ष वाली पार्टी तृणमूल कांग्रेस के नेता दीपक हलदर का मानना है कि जब से पृथ्वी बनी है बलात्कार हो रहे हैं, यह कोई अनोखी घटना नहीं है और जब तक पृथ्वी रहेगी बलात्कार होते रहेंगे।

बलात्कार को अमर्यादित तरीके से परिभाषित करने के अनेक उदाहरण हैं। पिछले पांच वर्षों से बलात्कार बस एक छोटी से घटना हो गयी है। महिला नेता भी इस पर अभद्र टिप्पणी करने से नहीं चूकतीं। शीला दीक्षित और किरण खेर जैसी नेता तो ऐसे मौकों पर महिलाओं और लड़कियों को ही नसीहत देतीं हैं कि वे क्या पहनें और कब घर से बाहर निकलें।

उत्तर प्रदेश में बलात्कार के अनेक मामलों के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौन हैं, पर वे विश्वविद्यालय के छात्रों को देशभक्त बनाने पर तुले हैं। देशभक्ति की भी अनोखी परिभाषा है, आतंकवादी देशद्रोही हो सकता है तो फिर एक बलात्कारी क्यों नहीं हो सकता। क्या बलात्कार एक तरीके का आतंकवाद नहीं है?

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