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संबित पात्रा से गलती से हुआ ऐसा वीडियो ट्वीट कि उज्जवला योजना की खुल गयी पोल
प्रधानमंत्री मोदी की सर्वाधिक प्रचारित और फेल योजना का नाम है उज्ज्वला, जिसकी सच्चाई को आज मोदी के प्रिय प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी गलती से ही सही बयान कर दी है...
संबित के ट्वीट पर आ रही बधाइयां, लोग कह रहे हैं गलती से ही सही आपने अपनी ही सरकार की पोल खोलकर पहली बार किया है अच्छा काम
जनज्वार। ओडिशा के पुरी से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने आज एक ऐसा वीडियो ट्वीट किया है, जिससे मोदी जी की सर्वाधिक प्रचारित उज्जवला योजना की पोल खोल हो गई।
हालांकि यह वीडियो संबित पात्रा ने यह संदेश देने के लिए पोस्ट किया था कि वे लोगों से मिल रहे हैं और गरीबों के घर खाना खाकर भाजपा से अच्छा विकल्प आम जनता के लिए कुछ नहीं है, मगर उन्हें नहीं पता था कि गरीबों के घर खाना खाने के क्रम में मोदी सरकार की बहुप्रचारित उज्जवला योजना की पोल खुल जाएगी।
उनके इस वीडियो ने गरीबों के लिए लांच की गई उज्जवला योजना की हकीकत से जरूर जनता को रू—ब—रू करा दिया है। संबित पात्रा द्वारा पोस्ट किया गया वीडियो मोदी सरकार की बहुप्रचारित योजना उज्ज्वला की सफलता पर सवाल खड़े करता है और उसकी असली तस्वीर भी बयां कर देती है।
गौरतलब है कि भाजपा ने ओडिशा की पुरी सीट से पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। पुरी में जीत सुनिश्चित करने के लिए संबित पात्रा कभी भगवान जगन्नाथ की मूर्ति हाथ में रखकर नामांकन दाखिल कर रहे हैं तो कभी गरीबों के घर जाकर उनके यहां भोजन ग्रहण कर खुद और भाजपा को गरीबों का सबसे बड़ा हितैषी बताने की कोशिश, मगर संबित पात्रा के वीडियो से उज्ज्वला योजना पर ही सवाल उठ गया कि आखिर मोदी जी ने गरीबों को गैस सिलेंडर कहां दिया है, अगर उज्जवला के तहत गरीबों को गैस मिली तो जिस गरीब के घर में संबित खाना खा रहे हैं वहां लकड़ी पर खाना क्यों बन रहा है।
आज संबित पात्रा ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा, 'पुरी के एक छोटे से गांव में रहने वाली एक बूढ़ी विधवा मां, उसकी तीन बेटियां, जिनमें 2 दिव्यांग व बेटा मजदूरी करता है। ऐसी मां का घर बनाने का काम नरेंद्र मोदी ने किया है।'
हालांकि संबित पात्रा ने यह ट्वीट भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाने के लिए पोस्ट किया था कि इस गरीब महिला का घर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बना है, मगर इस दौरान वह यह ध्यान नहीं रख पाए कि जिनके यहां वह भोजन कर रहे हैं, वहां वीडियो में दिख रहा है कि खाना चूल्हे पर पका है न कि गैस सिलेंडर पर।
वीडियो में संबित पात्रा जमीन पर बैठकर भोजन करते दिख रहे हैं। उनके बगल में ही एक बूढ़ी महिला चूल्हे पर खाना पका रही है। संबित इस दौरान खुद भी खाना खा रहे हैं और महिला को भी खिला रहे हैं। संबित पात्रा ने एक और वीडियो पोस्ट किया है जिसमें लिखा है, 'यह मेरा अपना परिवार है, मां ने खाना बनाकर खिलाया। मैंने अपने हाथों से इन्हें खाना खिलाया और मैं यह मानता हूं कि इनकी सेवा ही ईश्वर की सबसे बड़ी पूजा है।'
संबित पात्रा द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो के सामने आने के बाद यह सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि आखिर उज्जवला योजना के तहत इन गरीबों को गैस सिलेंडर क्यों नहीं मिले। हर चुनावी रैली में मोदी एंड कंपनी इस योजना को बीजेपी की महान उपलब्धि के बतौर गिनाने में कोई कसर नहीं छोड़ती है। यह वीडियो ओडिशा से आया है इसलिए सवाल उठना और भी ज्यादा अहम हो जाता है, क्योंकि अभी पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस के राज्य मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं और वह ओडिशा से ही राज्यसभा सांसद हैं।