सूदखोरों ने दलित महिला को जलाकर मार डाला, लेकिन योगी ने अब तक मुंह नहीं खोला
गो हत्या को लेकर अध्यादेश पारित कराने वाले योगी ने सूदखोरों द्वारा जलाकर मारी गयी दलित महिला के परिवार को मुआवजा देना तो दूर, घटना के दो दिन बीत जाने के बावजूद दुख तक प्रकट नहीं किया है
बड़ी बात यह है कि दलित महिला को सूदखोरों ने इसलिए जलाकर मार डाला कि वह उनके खिलाफ न जा सके अदालत में गवाही देने
जनज्वार, बलिया। सूदखोरों द्वारा जिंदा जलाकर मारी गयी बलिया की रेशमी देवी की मृत्य के बाद भी गांव में संघर्ष जारी है। गांव के लोग अपनी मांगों के साथ खड़े हैं, वहीं सरकार मांग पर कान देने की बजाय अर्धसैनिक बल आरएएफ लगाकर परिजनों और समर्थकों की मांगों को कुचलने पर आमादा है।
अपने को जन—जन का हितैषी कहने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो महिला की कोई खबर नहीं ही ली है, बलिया जिलाधिकारी भी सूदखोरों द्वारा जिंदा जलाई गई दलित महिला की मौत के बाद उसके गांव अब तक नहीं पहुंचे हैं। उत्तर प्रदेश में सक्रिय संगठन रिहाई मंच के अनिल यादव का कहना है कि योगी को दलित महिला की जिंदा जलाकर की गई हत्या-हत्या नहीं दिखती, क्योंकि हत्यारे उनकी ही जाति के हैं।
मंच के महासचिव राजीव यादव योगी सरकार पर तंज कसते हुए कहते हैं, दंगाइयों को शहीद बताकर चेक बांटने वाले योगी को बलिया की दलित महिला को जिंदा जलाने से कोई फर्क नहीं पड़ता।
ध्यान रहे कि भाजपा वह पार्टी है जो गाय को मां कहती है और दलितों की हत्या पर कान नहीं देती। अगर देती तो दलित माता रेशमी देवी को देखने उनके नेता—पदाधिकारी नहीं जाते। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि रेशमी देवी को जलाकर मारने वालों को भाजपा मंत्री उपेंद्र तिवारी ने संरक्षण दे रहे हैं। यही वजह है कि अभी तक मुख्य अभियुक्त गुड्डू सिंह की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
संबंधित खबर : सूदखोरों ने पहले 20 हजार के बदले वसूले 2 लाख, फिर दलित महिला को जिंदा जलाया
रिहाई मंच के नेता राजीव यादव के बताया कि पीड़ित परिवार पर मुकदमा वापस लेने का लगातार दबाव बनाया जा रहा था। पहले वाले हमले के दौरान ही अगर पुलिस प्रशासन ने उचित कार्रवाई की होती तो अपराधियों ने इस तरह का दुस्साहस नहीं किया होता। बलिया की इंसाफ पसंद अवाम की मांग की जब तक हत्यारे गुड्डू सिंह की गिरफ्तारी, पीड़ित दलित परिवार को पचास लाख रुपये, नौकरी, दो एकड़ जमीन और सूदखोरों के खिलाफ करवाई नहीं होती लाश नहीं उठेगी।
गौरतलब है कि सूदखोरों की 9 मार्च को कोर्ट में पेशी होने वाली थी। 8 मार्च की मध्य रात्रि में गुड्डू सिंह के भाई सत्यम सिंह और उनके साथ बहुत सारे लोग आए थे। वो लोग चाहते थे कि रेशमी कोर्ट में जाकर गवाही न दे। लेकिन रेशमी ने धमकी देने पर कहा कि कोर्ट जाऊंगी और दोषियों को सजा दिलवाऊंगी। उसके बाद वो लोग गुस्से में आकर उनके ऊपर तेल फेंक दिया और फिर आग लगा दी। इस दौरान हमलावरों ने पीड़िता की बच्चियों के साथ मारपीट भी की।
हत्यारोपी गुड्डू सिंह लगातार सूद वसूल रहा था, जबकि पैसा दिया जा चुका था। बावजूद इसके उनके लोग घर पर आकर अक्सर धमकाते रहते थे। साल भर पहले भी गुड्डू सिंह ने मारपीट की थी। साथ ही जलाने के अलावा घर फूकने की कोशिश की थी। उन लोगों ने घर में आग लगा दी थी लेकिन लोगों ने मिलकर बुझा दिया था। इस घटना के बाद एफआईआर भी दर्ज हुआ, जिसका मुकदमा भी चल रहा है।