सपा कार्यकर्ताओ का YES BANK के बाहर विरोध प्रदर्शन, राणा कपूर का जलाया पोस्टर
यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर के खिलाफ प्रदर्शन, सपा कार्यकर्ता बोले- इस स्थिति के लिए बैंक के संस्थापक राणा कपूर के साथ केंद्र की भाजपा सरकार व रिजर्व बैंक भी बराबर के दोषी...
जनज्वार। कानपुर के चकेरी के जाजमऊ स्थित यस बैंक की शाखा के बाहर सपाइयो ने यस बैंक के संथापक का पोस्टर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया। सपा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री व रिजर्व बैंक के गवर्नर का इस्तीफा मांगा साथ ही दोषियों को जेल भेजने की मांग की।
सपा के व्यापार सभा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष व उत्तर प्रदेश प्रांतीय व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु गुप्ता ने कहा की इस स्थिति के लिए बैंक के संस्थापक राणा कपूर के साथ केंद्र की भाजपा सरकार व रिजर्व बैंक भी बराबर के दोषी है। प्रधानमंत्री, वित्तमंत्री व रिजर्व बैंक यस बैंक के सभी ग्राहकों का पैसा फंसने से बचा सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।
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अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि यह हालात भी नोटबंदी जैसा ही है जिसमे व्यापारी और नौकरीपेशा लोग बुरी तरह बर्बाद हो गए है। अचानक बैंक ने इतना बड़ा कदम कैसे ले लिया। अकेले कानपुर में यस बैंक में ग्राहकों के 20000 से ज़्यादा खाते है, जिसमे ग्राहकों के लगभग 1200 करोड़ रूपए जमा है।
आपको बताते चलें कि कानपुर में यस बैंक की चार शाखाएं हैं जो गोविंदनगर, किदवई नगर, सिविल लाइन्स और जाजमऊ में हैं। गोविंद नगर शाखा में चार हजार, किदवई नगर में पांच हजार, सिविल लाइन्स में करीब 6 हजार और जाजमऊ शाखा में पांच हजार के करीब खाताधारक हैं। शहर में कुल 20 हजार खाताधारकों की जान सांसत में अटकी हुई है।
यस बैंक को प्राइवेट सेक्टर का चौथा बड़ा बैंक कहा जाता है, जिसमे पचास फीसदी खाते कारपोरेट सेक्टर से जुड़े हैं। बैंक में रकम निकासी की सीमा 50 हजार रुपये निर्धारित होने के बाद कारोबारियों को झटका लगा है। तमाम कारोबारियों के भुगतान रुक गए। होली से पहले कामगारों को वेतन तक नहीं मिला।
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भले ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सभी खाताधारकों की रकम को सुरक्षित होना बताया हो या एसबीआई ने निवेश ही कर दिया हो, पर विपरीत इसके सभी खाताधारक हलकान नजर आ रहे हैं। कहीं न कहीं उन्हें ये डर सता रहा है कि कहीं यस बैंक का संस्थापक राणा कपूर मुम्बई के अपने समुद्र महल से सात समंदर पार करके नीरव मोदी या विजय माल्या न बन जाये।