तंत्र-मंत्र से बीमार ससुर को ठीक करने के लिए बहू को चाकुओं से गोदा, महिला की हालत गंभीर
पीड़ित महिला किसी तरह तांत्रिकों के चंगुल से छूटी, पीड़ित महिला के भाई के मुताबिक उसकी बहिन के साथ नृशंसता की सारी हदें पार उसकी नंद और नंदोई ने अंधविश्वास के चलते की और वे लोग उसकी बलि देना चाहते थे...
जनज्वार। महिला सशक्तीकरण, बराबरी, इक्कीसवीं सदी जैसी तमाम बातें हमारे समाज में की जाती हैं, कहा जाता है कि महिलायें कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं, मगर सच यह है कि उन्हें न सिर्फ दोयम दर्जे का समझा जाता है, बल्कि जहां बस चले उन पर भरपूर हिंसा की जाती है। अंधविश्वास का भी सबसे आसान शिकार उन्हीं को बनाया जाता है। कभी डायन, चुड़ैल कहकर लिंचिंग की जाती है तो कहीं गंदा तक खिला दिया जाता है, कइयों की तो जान तक ले ली जाती है।
बरेली में तंत्र-मंत्र, हैवानियत और अंधविश्वास का जो खौफनाक खेल 5 जनवरी की रात को खेला गया, उसने नृशंसता की सारी हदें पार कर दीं। इंसानियत को शर्मसार करने वाली इस घटना में जादू-टोने के नाम पर चाकुओं से ताबड़तोड़ गोंद दी गयी पीड़िता की हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़िता के शरीर पर डॉक्टरों ने 300 से भी अधिक टांके लगाये हैं।
न्यूज 18 में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक उत्तर प्रदेश के बरेली में महीनों से बीमार पड़े एक व्यक्ति को ठीक करने के लिए उसकी बेटी-बेटे और दामाद ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में बहू की बलि देने का प्रयास किया और उस पर चाकुओं से कई वार किये। पीड़िता को बरेली पुलिस ने इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया, जहां वो जिंदगी व मौत के बीच झूल रही है। उसका उपचार कर रहे डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता के शरीर में 300 से भी अधिक टांके आये हैं।
मीडिया में आयी खबरों में मुताबिक पीड़ित महिला किसी तरह तांत्रिकों के चंगुल से छूटी। पीड़ित महिला रेनू के भाई के मुताबिक उसकी बहिन की यह हालत उसकी नंद और नंदोई ने अंधविश्वास के लिए की है।
रेनू के भाई के मुताबिक उसकी बहन के ससुर महीनों से बीमार हैं और बिस्तर पर पड़े हुए हैं। उसकी बहन की दो ननदें और नंदोई तांत्रिक हैं और उन्होंने अंधविश्वास के चलते उसकी बहन पर चाकुओं से ताबड़तोड़ अनगिनत वार किये। उसकी बहन की ननदों को विश्वास था कि जितने वार रेनू के शरीर पर चाकुओं से किये जाएंगे उनके पिता उतने साल ज्यादा जीवित रहेंगे और बिस्तर से उठकर एकदम ठीक हो जायेंगे।
पीड़िता के परिजनों के मुताबिक हमले के बाद रेनू किसी तरह जान बचाकर लहूलुहान हालत में घर से भागी और बरेली कॉलेज तक पहुंचकर अचेत होकर गिर गयी। जब रेनू वहां पहुंची तो डायल 112 की गाड़ी मौके पर मौजूद थी, जिसमें मौजूद पुलिसकर्मियों ने महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल पीड़िता के परिजनों ने उसे शहर के एक निजी अस्पताल में बेहतर इलाज के लिए भर्ती कर दिया है।
हालांकि इसकी भनक रेनू की सास-ससुर और पति को लग गयी थी और उन्होंने इसका विरोध किया था, मगर आरोपितों ने उन तीनों को एक कमरे में बंद कर दिया, ताकि वे उन्हें रोक न पायें।
जानकारी के मुताबिक रेनू की शादी 8 साल पहले सिकलापुर धर्मशाला वाली गली निवासी संजीव से हुई थी और उनकी एक बेटी भी है। पिछले कुछ महीने से संजीव के पिता जगदीश बीमार थे, जिनका इलाज संजीव के बड़े भाई और तांत्रिक मूली व राजू कर रहे थे। पिता को ठीक करने के लिए रेनू के जेठ मूली व राजू ने रेनू की बलि देने की योजना बनाई। रविवार 5 जनवरी की देर रात उसके जेठ मूली, राजू, ननद मोनी और मोनी के पति ने मिलकर रेनू को दबोच लिया और उसके बाद चाकू से लगभग 12 से 14 बार ताबड़-तोड़ वार किए, इससे रेनू लहूलुहान हो गई।
मगर किसी तरह रेनू वहां से जान बचाकर भाग निकली और बरेली कालेज के पास जाकर बेहोश हो गई। वहीं पर मौजूद डायल 112 पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया। अस्पताल में होश आने के बाद रेनू ने पुलिस को आपबीती बताई।
इस मामले में पुलिस ने बारादरी थाने में रेनू की तहरीर पर FIR दर्ज कर उसकी एक ननद को गिरफ्तार कर लिया है। सहायक पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के मुताबिक हमारे पास जो जानकारी आयी है उसके मुताबिक घायल महिला को तंत्र विद्या की वजह से चाकुओं से लहुलूहान किया गया है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।