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हरियाणा

सराहनीय है कोविड-19 कंट्रोल का पलवल मॉडल, बीती 19 अप्रैल से नहीं आया कोरोना का एक भी नया केस

Prema Negi
30 April 2020 3:17 PM GMT
सराहनीय है कोविड-19 कंट्रोल का पलवल मॉडल, बीती 19 अप्रैल से नहीं आया कोरोना का एक भी नया केस
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लॉकडाउन में भी नहीं आई लोगों के चेहरे पर परेशानी और शिकन, एक्टिव जिला प्रशासन, समझदार नागरिकों और अलर्ट सेवाओं से बदल गई पलवल की तस्वीर

पलवल, जनज्वार। हरियाणा में अप्रैल माह के पहले सप्ताह में कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले पलवल जिला पहले नंबर पर था, लेकिन बीती 19 अप्रैल से जिला में संक्रमण का एक भी नया केस नहीं आया है। साथ ही कोरोना के 34 केस में 32 स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होकर घर जा चुके हैं।

कोरोना पर पलवल की बढ़त अब न केवल हरियाणा बल्कि देश के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बन चुकी है। लॉकडाउन के दौरान जिस तरीके के जिला प्रशासन ने बेहद सजगता व जिलावासियों ने समझदारी का परिचय दिया उससे न केवल जिला में आवश्यक वस्तुओं व सेवाओं की कमी नहीं हुई साथ ही कोरोना पर सक्सेस रेट भी दूसरे इलाकों की तुलना में अधिक रहा।

सबसे पहले किया कंटेनमेंट प्लान पर काम

पायुक्त नरेश नरवाल ने बताया कि पलवल जिला में जनता कर्फ्यू के अगले दिन लॉकडाउन लागू करने की घोषणा कर दी गई थी। पलवल में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण के केस आए उसी तेजी से जिला प्रशासन ने एक्शन लेते हुए कंटेनमेंट प्लान पर काम आरंभ किया। पलवल जिला के 17 गांव व हथीन नगर पालिका का एक वार्ड को पॉजीटिव केस मिलने पर तुरंत कंटेनमेंट जोन तथा साथ लगते 41 गांवों व हथीन नगर पालिका के 12 वार्डों के साथ-साथ नूंह जिला की सीमा से सटे पांच गांवों को बफर जोन में शामिल करते हुए स्वास्थ्य विभाग के आवश्यक प्रोटोकॉल को लागू किया गया। पलवल हरियाणा का पहला जिला होगा जिसने सबसे पहले कंटेनमेंट प्लान पर काम आरंभ किया जिसका नतीजा यह निकला कि जिला में सामुदायिक संक्रमण पर रोक लग सकी।

आवश्यक वस्तुओं पर रखी गई निगरानी, घर तक पहुंचाया राशन

उपायुक्त ने बताया कि लॉकडाउन की घोषणा के साथ ही आवश्यक वस्तुओं के स्टाक की डेली मॉनीटरिंग करनी आरंभ कर दी साथ ही अधिकारियों की कमेटी बनाकर फल, सब्जी, किरयाने के सामान व दवाओं की आपूर्ति को सुचारू बनाए रखा। इतना ही नहीं कंटेनमेंट जोन में शामिल गांवों में तो सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले राशन की डोर स्टेप डिलीवरी की गई।

थीन के SDM वकील अहमद कहते हैं, कंटेनमेंट जोन में आवश्यक सेवाओं व वस्तुओं की आपूर्ति के लिए बड़ा सराहनीय कार्य हुआ। प्रशासन की एक अपील पर रमजान के दौरान भी लोग तरावीह की नमाज भी घर पर अदा कर रहे हैं, साथ ही इफ्तार के बाद बाहर निकलने की बजाए घर पर भी रहते हैं। धार्मिक संस्थाओं ने ऐसे अवसर पर जो सौहार्द दिखाया उसकी जितनी प्रशंसा की जाए उतनी कम है।

लॉकडाउन तोडऩे वालों से सख्ती से निपटा गया

पुलिस अधीक्षक दीपक गहलावत ने बताया कि पलवल जिला में लॉकडाउन के दौरान पुलिस ने बड़ा एक्टिव काम किया। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार फ्लैग मार्च के साथ-साथ लॉकडाउन तोडऩे वालों से सख्ती के निपटा गया। जिला में लॉकडाउन के दौरान नियम तोड़ने वालों के खिलाफ 191 एफआईआर दर्ज की गई, जिनमें 221 को गिरफ्तार किया गया। साथ ही मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 1841 चालान जिनमें 535 वाहन जब्त तथा एक करोड़ 62 लाख 92 हजार सात सौ रुपए जुर्माना लगाया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में एक हजार से अधिक स्टाफ ने लॉकडाउन में दिनरात काम किया है।

लॉकडाउन के नियम तोड़ने वालों से ऐसे पेश आई पुलिस

गराधीश जितेंद्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों तक खाने-पीने का सामना पहुंचाना बड़ी चुनौती थी लेकिन पलवल जिला की सामाजिक, धार्मिक व स्वयंसेवी संस्थाओं ने एक बड़ी जिम्मेवारी के साथ इस कार्य को क्रियांवित किया।

रूणा मई, भारत विकास परिषद, रोटरी क्लब पलवल संस्कार, क्लीन एंड स्मार्ट सिटी, राधा स्वामी सत्संग व्यास, शिव विहार सेवा समिति, वैश्य अग्रवाल सभा, एलायंस क्लब, गुरूद्वारा सिंह सभा, ग्यारह तारीख वाले, किरण सर्व परमार्थ ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, लॉर्ड बुद्घा सोसायटी, सर्व कल्याण सेवा समिति, सेवा समिति के साथ अनेक लोगों ने व्यक्तिगत स्तर पर जरूरतमंदों की मदद की। जिला प्रशासन के साथ मिलकर इन संस्थाओं ने अब तक 16000 ड्राई राशन व तीन लाख से अधिक फूड पैकेट जरूरतमंदों तक पहुंचाएं हैं।

अस्पताल में ओपीडी बंद तो घर तक पहुंचाई मेडिकल फैसिलिटी

सिविल सर्जन डॉ. ब्रह्मदीप सिंह कहते हैं, पलवल जिला में जरूरतमंदों को डोर स्टेप हेल्थ सर्विस देने के लिए 30 मोबाइल यूनिट चलाई गई हैं। कोविड-19 संक्रमण के केस आने के उपरांत ओपीडी सेवा बंद कर दी गई थी, लेकिन लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए मोबाइल यूनिट आरंभ की गई। कंटेनमेंट व बफर जोन क्षेत्र को छोडक़र जिला के अन्य हिस्सों में यह यूनिट 31526 लोगों की जांच कर चुकी है। लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं को बहाल रखने के लिए यह प्रयोग बेहद कारगर साबित हुआ।

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