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ग्राउंड रिपोर्ट : आंदोलनरत वार्ड सचिव बोले नीतीश सरकार में रोजगार होते हुए भी बेरोजगार हैं हम, 3 साल से नहीं मिली सैलरी
पटना के गर्दनीबाग इलाके में नीतीश सरकार के खिलाफ इकट्ठा हुए हजारों वार्ड सचिव, पिछले तीन साल से नहीं मिला वेतन, प्रदर्शनकारी स्थायी नौकरी की भी कर रहे मांग....
पटना से अजय प्रकाश की ग्राउंड रिपोर्ट
जनज्वार, बिहार। पटना के गर्दनीबाद के इलाके में हजारों की संख्या वार्ड सचिव प्रदर्शन कर रहे हैं। पहले कभी आंदोलन सड़कों पर होता था लेकिन सरकार ने इन्हें गली-कूचों में पटक दिया है। यह वार्ड सचिव वो लोग हैं जो साल 2017 से नौकरी कर रहे हैं लेकिन इन्हें वेतन नहीं मिल रहा है। इन वार्ड सचिवों का काम गली मोहल्लों को पानी के बहाव को देखना, नल को देखना, सड़कों को देखना होता है।
लेकिन बड़ी बात यह है कि पिछले तीन सालों से काम करने के दौरान इनको कोई वेतन नहीं मिला है, जबकि भर्ती बिहार सरकार ने की है। भले ही यह भर्ती अस्थायी हो लेकिन बिना वेतन के लोग तीन साल तक कोई काम करें तो यह घटना अपने आप में रोचक है।
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डुमरिया प्रखंड से आई एक महिला प्रदर्शनकारी वार्ड सचिव ने कहा, 'नीतीश कुमार जी ने हमें 2017 से काम पर रखा है। उनसे स्थायी नौकरी और मानदेय की मांग करते हैं। हम रोजगार पर होकर भी बेरोजगार हैं। हम लोग आगे की उम्मीद लगाए बैठे हैं कि स्थायी नौकरी मिलेगी और पिछले तीन साल का वेतन मिलेगा।'
प्रदर्शन कर रहे एक वार्ड सचिव कहा ने कि मैं नीतीश कुमार जी से कहना चाहता हूं कि हमने उनकी योजना को धरातल पर उतारने का काम किया है। हम पूरे बिहार के वार्ड सचिव हैं, हम लोगों पिछले ढाई साल से उम्मीद दी गई। हमें सपना दिखाया गया था कि आपकी नौकरी होगी।
प्रदर्शनकारी ने आगे कहा उनका नारा है कि न्याय के साथ विकास। विकास हमने कर दिया है, लेकिन अब नीतीश कुमार न्याय करें। हम उनसे मांग करना चाहते हैं कि हमें स्थायी करें और मानदेय दें। अगर सरकार हमारी मांगे नहीं मानती है तो हम सड़क से लेकर संसद तक प्रदर्शन करेंगे और हम एक एक वार्ड सचिव कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाएंगे और आगामी विधानसभा चुनाव में ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे।
एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम लोगों को मैट्रिक के हिसाब बहाल किया गया था। हमको तीन साल से काम कर रहे हैं। हमको ये उम्मीद थी कि सरकार हमको नौकरी देगी। हम लोगों से कहा गया था कि आप आवेदन करो फिर आपको मानदेय दिया जाएगा। पिछले तीन साल से हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई है।
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उन्होंने आगे कहा, 'हम लोगों को एकता बनाते-बताने इतनी देर हुई है। हम लोग शादीशुदा लोग हैं, हमारा रोजी चलना चाहिए। हम लोगों को कभी मुखिया बुलवा देता है कभी वीडीओ बुलवा लेते हैं लेकिन मिलता कुछ नहीं है।'
गया जिले के डुमरिया प्रखंड से आए वार्ड सचिव संघ के संयोजक देवेंद्र प्रसाद ने कहते हैं, 'मैने 26 जुलाई 2019 को विधानसभा के बाहर धरना दिया। इसके बाद भी नहीं हुआ तो नीतीश कुमार को पत्र भेजा। पंचायती राज मंत्री के यहां भी हमने पत्र भेजा लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इसलिए फिर से हम लोग एक संगठन बनाकर प्रदर्शन कर रहे हैं।'
इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रीय जनता दल के विधानसभा सदस्य राजदेव यादव ने जनज्वार से कहा कि देखिए एक तरफ सरकार नारा देती है कि हम नौजवानों को रोजगार देंगे। रोजगार के नाम पर इन वार्ड सचिवों की नियुक्ति की गई लेकिन सरकार ने इनके आर्थिक मुद्दे पर कोई ध्यान नहीं दिया। इन लोगों को मानदेय और भत्ता नहीं मिलता। इन लोगों की जो मांग है वो जायज है। हम इन सभी वार्ड सचिवों की मांगों का समर्थन करते हैं और नारा देती है सरकार कि इन लोगों को रोजगार देंगे। इन लोगों से रोजगार के नाम पर ठगी की जा रही है। वार्ड सचिवों का मानदेय, भत्ता मिले जिससे इनका भविष्य उज्जवल हो, इसके लिए हम लोग इनके समर्थन में हैं।
उनसे जब सवाल किया गया कि क्या विपक्षी पार्टी होने के नाते इस मसले को सदन में उठाएंगे तो उन्होंने कहा, बिल्कुल इस मुद्दे उठाएंगे और यह बहुत छोटा सत्र है लेकिन ये मांगपत्र हमको मिला है आज हम नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से इस पर बातचीत करेंगे और इस मसले को हम शून्यकाल में उठाएंगे। सदन के बाहर भी और सदन के अंदर इन मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाएंगे।