TV9 भारतवर्ष के संपादक पर दो महिला पत्रकारों ने लगाया यौन उत्पीड़न के आरोप, देना पड़ा इस्तीफा
जनज्वार। समाचार चैनल टीवी9 भारतवर्ष के नोएडा में आउटपुट डिवीजन के हेड अजय आज़ाद पर दो ट्रेनी महिला पत्रकारों ने उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है। दोनों महिलाओं ने इसी महीने के दो दिनों के भीतर शिकायत दर्ज कराई। दोनों महिला कर्मचारियों ने अजय आजाद पर यौन उत्पीड़न और डराने धमकाने का आरोप लगाया है। इस बीच टीवी9 ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि दिशानिर्देशों के अनुसार आंतरिक समिति (आईसी) को शिकायत दी गई जिसके तुरंत बाद जांच की अवधि तक अजय आजाद को छुट्टी पर भेजा गया है। दोनों के मामले में अजय ने कथित तौर पर पहले उन्हें काम के बारे में टेक्स्ट मैसेज करने शुरू किए और फिर धीरे-धीरे उनसे परिवार और निजी बातें पूछी। इसके बाद उन्हें 'सर' न कहकर संबोधित करने के लिए कहना शुरू कर दिया।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, अजय ने उन्हें बताया कि वे उन्हें 'अपना' मानें और उनसे हर चीज के बारे में बात करें। उन्होंने कथित तौर पर महिलाओं को बाहर से मिलने की कोशिश की। यहां तक कि एक को सुझाव दिया कि वे एक होटल का कमरा लें। इस पूरे घटनाक्रम पर वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी ने अपनी लंबी फेसबुक पोस्ट में क्या लिखा, नीचे पढ़ें-
'ये बेहद विचलित करने वाली खबर है टीवी 9 भारतवर्ष से। वही चैनल, जिसकी स्थापना की थी। दो दिन से पशोपेश में था कि जो बातें सामने आ रही हैं, वो लिखूं कि नहीं। सोचा लोग कहेंगे कि पुरानी खुन्दक है, इसलिए लिख रहा है। लेकिन ... अब जिसे जो सोचना है, सोचे।'
तथ्य इतने ज्यादा विचलित करने वाले हैं कि अब चुप नहीं रहा जा सकता और वो तथ्य है टीवी 9 में ट्रेनी महिला पत्रकारों का यौन शोषण। अभी तक दो ट्रेनी सामने आए हैं और आरोप लगा है चैनल के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर/आउटपुर हेड अजय आज़ाद पर। है कि ये संपादक, महिला ट्रेनी पत्रकारों पर लगातार दबाव डालते रहे कि वो इनके सामने खूब खुलें, इन्हें सर ना बोले, दोस्त मानें, इनसे ऑफिस के बाहर मिले, इन्हें अपने घर बुलाएं और फिर इतनी अश्लील भाषा कि मैं यहाँ लिख भी नहीं सकता।
नोएडा में चैनल के दफ़्तर में ये शिकायतें 6 दिन पहले गईं। शिकायत 2 महीने पहले भी हुई। पर दबी रही। यही वजह है कि अब तक इस संपादक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। लेकिन इस चैनल का मुख्यालय हैदराबाद में हैं और वहां आज भी कुछ अच्छे लोग हैं, जो चाहते हैं कि इन बच्चों को इंसाफ मिले।
इन भले लोगों के मुताबिक़ पहली शिकायत 17/18 जनवरी को ट्रेनी कविता (बदला हुआ नाम) ने भेजी। कविता ने आरोप लगाया कि अजय आजाद ने उन्हें लगातार एक महीने तक देर रात दो बजे से अगले दिन सुबह तक व्हट्सएप्प पर आपत्तिजनक मैसेज किए और बहुत कुछ चाहा।
शिकायत के मुताबिक़ ये संपादक कविता को लिखते रहे कि वो उनके सामने खुले, वो नहीं खुलेगी तो आगे कैसे बढ़ेगी? वो चाहेगी तो संपादक उसे उसका अपना शो दे देंगे, एंकर भी बना देंगे। उसे बहुत आगे ले जाएंगे। पर उससे पहले कविता को खुलना होगा। सर नहीं कहना होगा।
सर कहेगी या जी लिखेगी तो बात आगे कैसे बढ़ेगी। उसे सारे दरवाज़े खोलने होंगे। कविता हमेशा लिखती रही कि सर आप मेरे लिए मेरे पितातुल्य हैं लेकिन ये संपादक हर तरीका अपनाते रहे। साम दाम दंड भेद। हर तरीका। कभी डराया। कभी समझाया। कभी सपने दिखाए कि तुम सबकी बॉस बन जाओगी।
संपादक ने फिर कविता (बदला हुआ नाम) के चेहरे और शरीर को लेकर कई टिप्पणियां की, बार-बार छूने की भी कोशिश की। कविता ने हमेशा ट्रेनी होने के बावजूद संपादक को अपनी नाराजगी जाहिर की। लेकिन आरोप के मुताबिक अजय रूके नहीं और कहते रहे कि वो उसे अपना माने।
शिकायत के मुताबिक संपादक बेहद भद्दे और अश्लील मैसेज भेजते रहे और हिदायत भी देते रहे कि डिलीट कर दिया करो तुरंत। आखिरकार कविता ने जब जॉब छोड़ने की धमकी दी तो अजय ने नवंबर के आखिरी हफ्ते में मैसेज बंद किए लेकिन दिसंबर के पहले हफ्ते से दूसरी ट्रेनी को मैसेज भेजने शुरू कर दिए।
दूसरी ट्रेनी सरिता (बदला हुआ नाम) की शिकायत के मुताबिक अजय ने उसे पूरे पांच हफ़्ते तक बहुत परेशान किया। रात में तीन बजे तक मैसेज और फिर सुबह सात बजे से फिर मैसेज। इस ट्रेनी को भी ये संपादक खुलने, सारी दीवार गिराने और सर नहीं बोलने की सलाह देता रहा।
सरिता (बदला हुआ नाम) की शिकायत के मुताबिक अजय ने उससे कई बार ऑफिस से बाहर मिलने के लिए लिखा। मॉल या रेस्टोरेन्ट या सरिता के घर पर, जिसे सरिता ने हमेशा टाला। आरोप है कि फिर वो उसे फोन पर किस इत्यादि भेजने लगा और लिखता कि वो सो नहीं पा रहा है, उससे वो जल्द मिले। कार में घूमने चले।
एक ट्रेनी नौकरी बचाते हुए जितना टाल सकती थी, उसने टाला। लेकिन इससे संपादक का हौसला और बढ़ गया और शिकायत के मुताबिक उसकी भाषा बेहद सड़कछाप और अश्लील होती चली गई। शरीर के हर हिस्से पर टिप्पणी के अलावा वो बिस्तर, होटल आदि चलने की बात लिखने लगा।
शिकायत के अनुसार, ये सिलसिला जनवरी के दूसरे हफ़्ते तक चला। सरिता (बदला हुआ नाम) से जब ये सहा नहीं गया तो उसने अजय की शिकायत टीवी 9 प्रबंधन को 20 जनवरी को कर दी। 18 जनवरी को पहली शिकायत, 20 को दूसरी शिकायत। इतने गंभीर आरोप पर अजय पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है अब तक।
कहा यहां तक जा रहा है कि सामने तो दो ही लड़कियां आई हैं पर अजय आजाद ने पिछले तीन चार महीने में कई और महिला पत्रकारों को भद्दे मैसेज भेजे हैं और फेवर (Favour) मांगे हैं। वक्त आ गया है कि ये सब भी बिना डरे सामने आएं और सच बताएं।
खबर ये भी है कि न्यूजरूम में दो तीन सीनियर प्रोड्यूसर और हैं, जो ट्रेनीज से FAVOUR लेने की कोशिश में लगे हैं और लगातार मैसेज भेज रहे है। सारी ट्रेनी दहशत में हैं। यकीन नहीं होता कि एक न्यूजरूम में ये माहौल है।
ऐसे दरिंदों (Predators) पर कार्रवाई इसलिए नहीं हो रही है क्योंकि कोई फलाने का आदमी है तो कोई ढिकाने के पैर छूता है। पर मैं दो लोग बीवी राव, ग्रुप एडिटर और बरुण दास, सीईओ को प्रोफेशनली जानता हूं। ये दोनों इस कुचक्र से अलग हैं और उम्मीद है कि बच्चों को इंसाफ दिलाएंगे ।
साथ ही मैं अजय से कहूँगा कि तुम्हारे साथ मैंने काम किया है। तुम ऐसे बिलकुल भी नहीं थे। मैंने हमेशा तुम्हारी तारीफ ही की है। पर इस बार तुमसे अपराध नहीं, घिनौना अपराध हुआ है- ये तुम भी जानते हो। बेहतर हो कि सार्वजनिक माफी मांग कर नई शुरुआत करो। टीवी 9 की समस्त लड़कियां, तुम सब धाकड़ लड़कियां हो, यही पहले दिन तुम्हें बताया था। किसी से भी मतलब किसी से भी डरना नहीं है। सम्मान से सिर उठा कर जीना है। किसी ने भी भविष्य में कोई बदतमीजी की तो तुरंत हिसाब।समाज, देश और कानून तुम्हारे साथ है।
साथ ही मैं व्यक्तिगत तौर पर इन दोनों ट्रेनीज और उन सभी ट्रेनीज से हाथ जोड़कर माफी मांगना चाहूंगा, जिन्हें हम अलग-अलग कैम्पस से टीवी 9 लाए थे। मुझे अफसोस है बच्चों कि आप बहुत सारी उम्मीदों के साथ आए थे और अब आप सबके साथ ये सब हो रहा है लेकिन आप डरना नहीं। हम हमेशा आपके साथ हैं।'
टीवी 9 भारतवर्ष के पूर्व सलाहकार संपादक अजीत अंजुम ने भी इस मामले को लेकर अपने ट्वीटर हैंडल से टिप्पणी की हैं। अंजुम ने लिखा, एक चैनल के न्यूजरूम में 'बलात्कारी मानसिकता' वाले सीनियर के खिलाफ सबूतों के साथ कुछ लड़कियों ने संगीन आरोप लगाए हैं। ट्रेनी लड़कियों को शिकार समझने वाले ऐसे सीनियर्स के चेहरे से हर हाल में नकाब उतारना चाहिए। हैरत की बात ये है कि सबूतों के बाद भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है।'
एक दूसरे ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'ये तीन स्क्रीन शॉट एक सीनियर टीवी पत्रकार की मानसिक विकृति के सबूत हैं। अपने ओहदे का इस्तेमाल करके ट्रेनी लड़कियों को अपने जाल में फंसाने की कोशिश कर रहे इस शख्स की असलियत सुनकर हैरान हूं। उन लड़कियों ने अपने बॉस को एक्सपोज करने की हिम्मत न दिखाई होती तो पता नहीं ये किस हद तक जाता।'
अंजुम ने आगे लिखा, 'मीडिया में ऐसे व्यभिचारी भरे पड़े हैं। हर दौर में, हर दफ्तर में। हर संस्थान में 'अकबर' है। अगर लड़कियों ने ऐसे ही हिम्मत दिखानी शुरू कर दी तो सबके नकाब उतरेंगे। सबका घिनौना चेहरा सामने आएगा।' टीवी 9 भारतवर्ष का ये शख्स सीरियल ऑफेंडर है।'
वहीं टीवी 9 की प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि टीवी 9 समूह के पास न केवल कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए जीरो टॉलरेंस है, बल्कि निर्धारित कानून के अनुसार तुरंत कार्रवाई शुरू करता है। दिशानिर्देशों के अनुसार शिकायतें तुरंत आंतरिक जांच कमिटी को दी गई थीं।
बयान में कहा गया कि आंतरिक जांच समिति के द्वारा जांच के लिए प्रतिवादी को नोटिस दिए जाने के तुरंत बाद प्रबंधन ने उन्हें (अजय आजाद) पूछताछ की अवधि के लिए छुट्टी पर भेज दिया है। चूंकि इसमें दो बहुत युवा महिला पेशेवर शामिल हैं, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इसकी रिपोर्टिंग में अत्यधिक सावधानी बरतें।
इसमें आगे कहा गया, 'टीवी 9 निर्धारित प्रक्रियाओं से सभी महिला कर्मचारियों को एक सुरक्षित, संवेदनशील और समान कार्यस्थल प्रदान करेगा।' टीवी9 भारतवर्ष ने जांच शुरू होने के बाद अजय आज़ाद को 23 जनवरी से छुट्टी पर भेज दिया। वहीं इस बीच खबर है कि अजय आजाद ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है जिसे संस्थान से तत्काल मंज़ूर भी कर लिया है।