यूपी बार काउंसिल अध्यक्ष की दिनदहाड़े कचहरी परिसर में गोली मारकर हत्या
दो दिन पहले चुनी गई थीं दरबेश यादव बार काउंसिल की अध्यक्ष, अध्यक्ष बनने के बाद हुए स्वागत समारोह के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के साथ बैठी थीं चैम्बर में कि तभी साथी अधिवक्ता ने ताबड़तोड़ गोलियों से कर दिया छलनी...
अरविंद गिरि की रिपोर्ट
जनज्वार। उत्तर प्रदेश में कानून की खुलेआम धज्जियां सरेआम उड़ाई जा रही हैं। कानून व्यवस्था नाम की तो जैसे यहां कोई चीज ही नहीं रह गई है। कब कहां किसका कत्ल कर दिया जाये, कहा नहीं जा सकता। अपराध में उत्तर प्रदेश दिनोंदिन उत्तम बनता जा रहा है।
ऐसा ही कुछ आज आगरा में हुआ है। यहां उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की अध्यक्ष दरबेश सिंह यादव की दिनदहाड़े कचहरी परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना को उनके पूर्व सहयोगी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने ही अंजाम दिया। पहले दरबेश को गोली मारने के बाद मनीष शर्मा ने खुद को भी गोली मार ली।
गौरतलब है कि कुमारी दरबेश सिंह यादव दो दिन पहले ही बार काउंसिल की अध्यक्ष चुनी गई थीं। दरबेश उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष चुनी गई थीं। अध्यक्ष बनने पर स्वागत समारोह के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैम्बर में बैठी थीं, तभी उनके पूर्व सहयोगी अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी रिवाल्वर से उन पर तीन गोलियां ताबड़तोड़ बरसाईं और खुद को भी दो गोलियां मारीं।
वहां मौजूद लोग तुरंत कुमारी दरबेश और आरोपी वकील को अस्पताल ले गये, मगर दरबेश की जान तब तक जा चुकी थी, जबकि आरोपी मनीष शर्मा फिलहाल सिकंदरा एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है।
जानकारी के मुताबिक आगरा की दरबेश सिंह यादव और वाराणसी के हरिशंकर सिंह इस बार यूपी बार काउंसिल के संयुक्त अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इन दोनों को अध्यक्ष पद पर बराबर वोट मिले थे। बराबर वोटों के आधार पर ही इन दोनों को छह-छह माह के लिए चुना गया था। इसी आधार पर दरवेश सिंह को पहले छह माह और हरिशंकर सिंह अगले शेष छह माह तक बार काउंसिल का दायित्व निर्वहन करना था।
जब दरबेश सिंह को आरोपी वकील मनीष शर्मा ने गोलियां मारीं, तब वहां पर काफी लोग मौजूद थे। उनका कहना है कि जब दरबेश सिंह वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद कुमार मिश्रा के चैम्बर में बैठी थीं, तभी मनीष शर्मा आये और उन पर ताबड़तोड़ गोलियां फायर करना शुरू कर दीं। दरबेश को गोलियां मारने के बाद उसने खुद की जान लेने के लिए भी दो गोलियां मारीं।
जानकारी के मुताबिक मनीष शर्मा और बार काउंसिल अध्यक्ष दरबेश सिंह के बीच किसी बात को लेकर आज 12 जून की दोपहर करीब तीन बजे किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। विवाद इतना ज्यादा बढ़ गया कि अधिवक्ता मनीष शर्मा ने अपनी लाइसेंसी रिवॉल्वर निकालकर दरबेश पर लगातार तीन फायर किये, जिससे दीवानी परिसर में अफरातफरी मच गई। अफरातफरी के माहौल को देख मनीष शर्मा घबरा गया और उसने खुद पर भी गोली चला दी।
वहीं इस मामले की जांच कर रही पुलिस का कहना है कि अभी बार काउंसिल की नवनिर्वाचित अध्यक्ष की हत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है।
मूल रूप से एटा की रहने वाली दरबेश सिंह 2016 में बार काउंसिल की उपाध्यक्ष और 2017 में कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकी हैं। दरबेश सिंह पहली बार 2012 में बार काउंसिल की सदस्य रहीं और तभी से लगातार बार काउंसिल में सक्रिय हैं। दरबेश ने आगरा कॉलेज से विधि स्नातक की डिग्री हासिल की है। डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय से एलएलएम करने के बाद 2004 में दरबेश ने वकालत शुरू की थी।
दरबेश सिंह की हत्या पर उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के सदस्य एडवोकेट श्रीनाथ त्रिपाठी ने कल 13 जून को पूरे उत्तर प्रदेश में मृतका की आत्मा के शान्ति के लिए प्रस्ताव पास किया है कि कल अधिवक्ता गण न्यायालय के कार्य से विरक्त रहेंगे।