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अंधविश्वास

भाजपा अध्यक्ष के बाद अब उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बोले गाय की मालिश करने से दूर होती है सांस की बीमारी

Prema Negi
26 July 2019 2:35 PM GMT
भाजपा अध्यक्ष के बाद अब उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री बोले गाय की मालिश करने से दूर होती है सांस की बीमारी
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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अजय भट्ट ने कहा था गरुड़गंगा का चमत्कारी पत्थर घिसकर पानी पीने से होती है नॉर्मल डिलीवरी तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा गौमाता की मालिश करने से दूर होती है सांसों की बीमारी..

जनज्वार। भाजपा नेताओं और विवादास्पद बयानों का चोली दामन का साथ लगता है। अभी कुछ दिन पहले भाजपा के उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष और सांसद अजय भट्ट ने संसद में जानकारी साझा की थी कि एक विशेष पत्थर घिसकर पानी पिलाने से बच्चा पैदा करने के लिए ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। अब मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बयान दिया है कि गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो आक्सीजन लेती और छोड़ती है। साथ ही गाय की मालिश करने से सांस की तकलीफ दूर हो जाती है और उसका संपर्क टीबी जैसी जानलेवा बीमारी को भी ठीक कर सकता है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत एक समारोह में गाय के रोगनाशक गुणों का बखान करते हुए कह रहे हैं, ‘गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन लेता और छोड़ता है, इसलिये हमने गाय को माता का दर्जा दिया है क्योंकि वह हमें प्राणवायु देती है। गाय की मालिश करने से सांस की तकलीफ दूर हो जाती है और गाय के संपर्क में लगातार रहने से टीबी जैसी बीमारी ठीक हो जाती है।'

स वीडियो में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गाय के गोबर और गोमूत्र के औषधीय गुणों का बखान करते भी नजर आ रहे हैं। उनके मुताबिक राज्य का पशुपालन मंत्री रहते हुए उन्होंने इसके बारे में वैज्ञानिक अध्ययन भी कराया था। गाय के गोबर और गोमूत्र में कितनी ताकत है और हमारे शरीर, त्वचा, हृदय और किडनी के लिये यह कितना फायदेमंद है, वैज्ञानिक आज इसे प्रमाणित कर रहे हैं।’

मुख्यमंत्री महोदय ने कहा कि किडनी और हृदयरोग में गाय का गोबर और गोमूत्र बहुत उपयोगी हैं।

सिंह रावत के गाय के महात्म्य बताने वाले वक्तव्य पर उत्तराखण्ड के जन सरोकारों से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी कहते हैं, 'लीजिए एक और 'वैज्ञानिक' पैदा हो गये। इन संवेदनहीन लोगों को यह बात दुखी नहीं करती कि इनके राज्य में गर्भवती महिलाओं को डंडे में बांधकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। पिछले एक साल में अस्पतालों में इलाज के बिना एक दर्जन महिलाएं सड़क या अस्पतालों के बरामदे में दम तोड़ चुकी हैं। ये कभी संसद में तो कभी सार्वजनिक मंचों पर ऐसे नासमझी वाले बयान दे रहे हैं। यह राज्य इन नासमझों के लिये ही बना। इन महोदय के 'शोध' से समझा जा सकता है कि पहाड़ में चिकित्सा व्यवस्था के हाल ऐसे क्यों हैं।'

गौरतलब है कि इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और नैनीताल से सांसद अजय भट्ट ने भी एक अजीबोगरीब दावा करते हुए कहा था कि देवभूमि उत्तराखण्ड के बागेश्वर कस्बे में बहने वाली गरुड़गंगा के पानी को पत्थर से घिसकर अगर किसी गर्भवती महिला को पिला दिया जाये तो प्रसव के लिए ऑपरेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह आजमाया हुआ नुख्शा है।

संंबंधित खबर : भाजपा सांसद अजय भट्ट ने बतायी वो तकनीक जिससे बच्चा पैदा करने के लिए ऑपरेशन की जरूरत ही नहीं पड़ेगी!

विज्ञान की सत्ता को चुनौती देता मुख्यमंत्री का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद अब मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस पर स्पष्टीकरण देना शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से कहा गया है कि 'यह पहाड़ के लोगों का गाय को लेकर सामान्य मत है और मुख्यमंत्री ने उसे ही दोहराया है। कुछ लोग मुख्यमंत्री को पसंद नहीं करते हैं, इसलिए बेकार की चीजों को मुद्दा बनाकर उनकी छवि खराब कर रहे हैं।'

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