Begin typing your search above and press return to search.
संस्कृति

देश—विदेश के मंचों से उत्तराखण्ड की आवाज बिखेरने वाले लोकगायक पप्पू कार्की की सड़क हादसे में मौत

Janjwar Team
9 Jun 2018 12:18 PM GMT
देश—विदेश के मंचों से उत्तराखण्ड की आवाज बिखेरने वाले लोकगायक पप्पू कार्की की सड़क हादसे में मौत
x

लोकगायक पप्पू कार्की के बिना उत्तराखण्ड का कोई भी महोत्सव अधूरा होता था। हर महोत्सव में युवाओं से लेकर महिलाओं, बुजुर्गों की पहली प्रसंद पप्पू कार्की ही होते थे...

बेरीनाग, जनज्वार। उत्तराखण्ड के बेरीनाग विकासखंड के हीपा गांव के 34 वर्षीय प्रसिद्ध लोकगायक—कलाकार पप्पू कार्की का आज 9 जून की सुबह हल्द्वानी के पास हैड़ाखान में कार दुर्घटना में मौत हो गयी।

पप्पू कार्की की मौत की सूचना मिलते ही पूरे उत्तराखण्ड में शोक की लहर फैल गयी है। लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है कि उनकी मौत इस तरह हो सकती है। पप्पू कार्की के घर में वृद्ध माता कमला देवी एकलौते पुत्र की मौत से बदहवास हो गयी हैं। पप्पू की पत्नी कविता कार्की और और 6 वर्षीय दक्ष कार्की हल्द्वानी में रहते हैं। घटना के बाद से पप्पू कार्की का गांव हीपा शोक में डूब गया है।

पिछले एक दशक से पप्पू ने देश के कोने—कोने से लेकर विदेशों में अपनी मीठी मधुर स्वर में उत्तराखंडी संगीत को अलग पहचान बना दी थी। उनके गीतों में पहाड़ के देवी—देवीताओंं सहित पहाडों की समस्याओं का उल्लेख होता था। पिछले दिनों पप्पू ने दुबई में कोटगाडी की 'देवी मैया दैण हो जाय...' गीत पर वहां पर सामा बांधा था। क्षेत्र में होने वाले महोत्सव पप्पू के बिना जैसे अधूरे रहते थे।

प्रवेंद्र कार्की उर्फ पप्पू कार्की गनियारी में आयोजित युवा महोत्सव में अपने चार साथियों के साथ प्रस्तुति देकर हल्द्वानी लौट रहे थे। करीब पांच बजे हैड़ाखान मंदिर के पास पहुंचते ही उनकी कार अनियंत्रित होकर गहरी खाई में जाने के बाद दूसरी सड़क की तरफ लुढ़क गई। दुर्घटना में कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई, जिससे कार में सवार पांच में से तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मरने वालों में गायक पप्पू कार्की, पुष्कर सिंह पुत्र उत्तम सिंह, राजेंद्र सिंह शामिल हैं। जबकि जुगल किशोर और अजय आर्या को दुर्घटना में गंभीर चोटें आई हैं। दुर्घटनास्थल के पास में खड़ी 108 एंबुलेंस की मदद से दोनों घायलों को हल्द्वानी के कृष्णा हॉस्पिटल लाया गया।

पप्पू के निधन पर पूर्व सीएम भगत सिंह कोश्यारी, केन्द्रीय कपड़ा मंत्री अजय टम्टा, विधायक मीना गंगोला, विशन सिंह चुफाल, ब्लॉक प्रमुख रेखा भंडारी, पूर्व विधायक नारायण राम आर्य, खुशाल भंडारी, जिला पंचायत सदस्य सुन्दर महरा, व्यापार संघ अध्यक्ष ललित मेहरा, प्रकाश बोरा, चन्दन कोश्यारी, कांग्रेसी नेता हेम पंत, बलवंत धानिक, ग्राम प्रधान हीपा दीपा देवी, पूर्व जिला पंचायत सदस्य रेनुका धानिक, देवराज सत्याल, विनोद कार्की, हरीश चुफाल सहित तमाम जनप्रतिनिधियों ने दु:ख व्यक्त किया है।

पप्पू के गृह क्षेत्र में मौत की सूचना मिलते ही नगर के दोस्त और व्यापारी हिमांशु मियांन, तेज सिंह महरा, मनोज सिंह सहित एक दर्जन दोस्त हल्द्वानी के लिए रवाना हो गए थे। उनके दोस्तों में भी अपने अजीज मित्र की मौत से शोक व्याप्त है।

लोकगायक पप्पू कार्की के बिना उत्तराखण्ड का कोई भी महोत्सव अधूरा होता था। हर महोत्सव में युवाओं से लेकर महिलाओं, बुजुर्गों की पहली प्रसंद पप्पू कार्की ही होते थे। क्षेत्र में होने वाले थल महोत्सव, धरमघर महोत्सव, बेरीनाग महोत्सव, दशाईथल महोत्सव सहित सभी महोत्सवों में कितने भी बिजी शिड्यूल होने के बावजूद पप्पू कार्की कार्यक्रम देने के लिए पहुंच जाते थे।

Next Story

विविध