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राजनीति

मोदी सरकार में 95 फीसदी ED-CBI के छापे-एक्शन विपक्षी दलों पर, सुप्रीम कोर्ट आज देगा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर फैसला

Janjwar Desk
5 April 2023 10:23 AM IST
मोदी सरकार में 95 फीसदी ED-CBI के छापे-एक्शन विपक्षी दलों पर, सुप्रीम कोर्ट आज देगा केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग पर फैसला
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भारत के इतिहास में यह पहली बार है जब केंद्रीय एजेंसियों ईडी और सीबीआई का इस कदर दुरुपयोग हो रहा है पहली बार ऐसा है कि 95 फ़ीसदी ईडी और सीबीआई की कार्रवाई और छापे विपक्षी दलों पर पड़े हैं...

एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी सीबीआई की तारीफ करते हुए फूले नहीं समा रहे हैं तो दूसरी तरफ देश के मुख्य 14 विपक्षी दलों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि ईडी-सीबीआई का सरकार न सिर्फ दुरुपयोग कर रही है, बल्कि उसने ईडी-सीबीआई को अपनी जेबी संस्था बना लिया है।

देश के राजनीतिक हालातों को देखें तो सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल सरकार जिस तरह से विपक्षी दलों के खिलाफ कर रही है, उसको सिर्फ लोकतंत्र में विपक्ष को निपटाना कह सकते हैं या पूरी तरह से निपटाना कहा जा सकता है। देश के इतिहास में ऐसा पहली बार है जब कि ईडी और सीबीआई का इतना धुआंधार इस्तेमाल कोई सरकार कर रही है। से बड़ी बात यह है कि ईडी सीबीआई जैसी भरोसेमंद और राष्ट्रीय संस्थाओं का यह उपयोग सरकार सिर्फ विपक्षी और विरोधी स्वरों को दबाने के लिए कर रही है, करीब करीब यह बात पूरे देश में स्थापित हो चुकी है।

यही कारण है कि अब ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के आरोप में सभी मुख्य विपक्षी दलों को अदालत जाना पड़ा है। इन केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का सवाल संसद से लेकर सड़क तक सभी पार्टियां पुरजोर तरीके से उठा रही हैं। इन सवालों को उठाने में सबसे आगे और प्रमुख कांग्रेस है, जबकि आप तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, शिवसेना (उद्धव ठाकरे ग्रुप), बीआरएस, जेडीयू, जेएमएम, सीपीआई, सीपीएम, नेशनल कांफ्रेंस और समाजवादी पार्टी भी इस पंक्ति में शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में मुख्य तौर पर कहा गया है कि ईडी और सीबीआई सेलेक्टेड तरीके से काम कर रही हैं। मनी लॉन्ड्रिंग रोकने वाले कानून के तहत सिर्फ 23 फ़ीसदी दोष सिद्धि है, लेकिन इसके साथ तहत केस दर्ज करने की संख्या में भारी इजाफा हुआ है।

जानकारी के अनुसार सीबीआई ने 2004 से 2014 के बीच जो मामले दर्ज किये थे, उनमें विरोधी नेताओं का प्रतिशत 60 फ़ीसदी था, लेकिन अब यह आंकड़ा 95 फीसद पर पहुंच गया है। आज ही यानी 5 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भी रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई होनी है। ईडी को दिए गए अधिकार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल रिव्यू पिटीशन पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था वह कुछ पहलुओं को दोबारा जांच करेगा।

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