दुबई के पंजाबी व्यवसायी को आम आदमी पार्टी बनाना चाहती है पंजाब में सीएम चेहरा
(पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत स्थिति में थी। सीएम फेस की घोषणा न कर पाने का खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ा।)
जनज्वार। पंजाब में आम आदमी पार्टी इस बार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम फेस की घोषणा करना चाह रही है। इसके लिए मजबूत चेहरे की तलाश है। इस क्रम में पार्टी ने दुबई के पंजाबी व्यवसायी डॉ सुरिंदर पाल सिंह ओबेरॉय से संपर्क किया है। उन्हें पंजाब के सीएम चेहरे के तौर पर प्रोजेक्ट करने का आग्रह किया है। हालांकि व्यवसायी ने इससे इंकार कर दिया है। इसके बाद भी उन्हें मनाने की कोशिश जारी है। दिल्ली विधायक और सीएम के नजदीक राघव चड्ढा व्यवसायी को मनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।
'द ट्रिब्यून' की एक रिपोर्ट के मुताबिक दुबई के व्यवसायी डॉ सुरिंदर पाल सिंह ओबेरॉय ने दावा किया कि उन्हें आप द्वारा सीएम चेहरा बनने के लिए संपर्क किया जा रहा था, लेकिन उन्हें कोई दिलचस्पी नहीं थी क्योंकि वह खुद को राजनीति के खांचे में फिट नहीं मानते हैं।
"ओबेरॉय ने कहा, "हां, पिछले हफ्ते जब मैं पंजाब में था, तब वरिष्ठ नेताओं ने मुझसे संपर्क किया था। उन्होंने मुझे सीएम उम्मीदवार बनने के लिए कहा। अब जब मैं दुबई में हूं तो वे अब भी मुझसे संपर्क कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी की बात तो छोड़िए, किसी राजनीतिक दल में शामिल होने का मेरा कोई इरादा नहीं है। मुझे अपने धर्मार्थ संगठन- 'सरबत-दा-भला' के माध्यम से दलितों की मदद करने में अधिक दिलचस्पी है। मैं परोपकार करता रहूंगा।
पिछले विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी काफी मजबूत स्थिति में थी। सीएम फेस की घोषणा न कर पाने का खामियाजा पार्टी को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ा। पार्टी दूसरे नंबर पर रहते हुए सत्ता से चूक गई। इस बार पार्टी के रणनीतिकार इस तरह की गलती नहीं करना चाह रहे हैं। उनकी कोशिश है कि सीएम फेस की घोषणा चुनाव से पहले कर दी जाए। जिससे चुनाव में यह सवाल ही न उठे की सीएम कौन होगा?
आम आदमी पार्टी के लिए परेशानी की बात यह है कि उनके पास ऐसा सर्वमान्य मजबूत सिख फेस नहीं है, जिसे सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा सके। सांसद भगवंत मान को पार्टी सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट करना नहीं चाह रही है। हालांकि उनकी अच्छी खासी पकड़ है। पंजाब के मतदाताओं पर उनका प्रभाव है। वह अच्छा बोलते हैं, मुद्दे भी उठाते हैं। फिर भी आम आदमी पार्टी उन्हें सीएम के तौर पर प्रोजेक्ट नहीं करना चाह रही है। इसका पार्टी को नुकसान भी हो सकता है। क्योंकि मान खेमा फिर अपनी सक्रियता कम कर सकता है।
पंजाब की राजनीति पर पकड़ रखने वाले वीरेंद्र राठौर ने बताया कि हालांकि आम आदमी पार्टी भगवंत मान को सीएम के तौर पर पेश न कर बड़ी गलती कर ही है। फिर भी यदि डॉ सुरिंदर पाल सिंह ओबेरॉय जैसा बड़े सामाजिक कद का व्यक्ति पार्टी में आ जाता है तो आप इसकी भरपाई कर सकती है। क्योंकि उनकी पंजाब में अच्छी पकड़ है। उन्हें पंजाब के लोग मानते हैं, सम्मान करते हैं। इसलिए आप को उनका बड़ा फायदा मिल सकता है। बड़ा सवाल तो यह है कि वह आएंगे क्या?
राठौर ने बताया कि यह हैरानी की बात है, कि दूसरा विधानसभा चुनाव सिर पर आ गया है, लेकिन आम आदमी पार्टी अभी तक सीएम का चेहरा फाइनल नहीं कर पाई है। पहले नवजोत सिद्धू पर पार्टी दांव लगाना चाह रही थी। वह भी बात नहीं बनी है। अब दुबई के व्यवसायी के साथ बातचीत भी सिरे नहीं चढ़ रही है। अब क्योंकि विधानसभा चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं बचा है। अगले साल विधानसभा चुनाव है,इसलिए आम आदमी पार्टी को सीएम फेस के बारे में जल्दी ही निर्णय लेना होगा।
'सरबत-दा-भला' के साथ काम कर रहे अमृतसर निवासी सुखविंद्र सिंह ढिल्लो ने बताया कि डॉ सुरिंदर पाल सिंह ओबेरॉय ने 2010 में उस वक्त अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरीं, जब उन्होंने शारजाह में एक पाकिस्तानी युवक की हत्या के दोषी ठहराए जाने के बाद फांसी का सामना कर रहे 17 पंजाबी लड़कों को बचाने के लिए 14 लाख डॉलर की ब्लड मनी का भुगतान किया था। 'सरबत-दा-भला' ने कोविड के दौरान भी पंजाब में पांच ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित कराए गए हैं। इससे पहले, कोविड के दोनों चरणों के दौरान, उन्होंने राज्य भर के लोगों, पंजाब पुलिस और जिला प्रशासन को करोड़ों रुपये के पीपीई किट, सैनिटाइजर और मास्क दान किए थे। राज्य भर में जरूरतमंदों को राशन किट भी बड़े पैमाने पर वितरित किए गए।
सुखविंद्र सिंह ढिल्लो ने बताया कि संगठन पंजाब में सामाजिक कार्य करना चाहता है। राजनीति में आने की संगठन की कतई कोई योजना नहीं है। आम आदमी पार्टी के सीनियर नेताओं ने कई बार संपर्क किया है, लेकिन हर बार उन्हें मना कर दिया गया है।
बहरहाल, आम आदमी पार्टी की सीएम फेस को लेकर चल रही कवायद से एक बात तो साफ है कि पार्टी किसी ऐसे व्यक्ति पर दांव लगाना चाह रही है, जो भले ही राजनीतिक तौर पर ज्यादा सक्रिय न हो, लेकिन उसका सामाजिक सरोकार बड़ा हो। वह समाज से जुड़ा हुआ हो। यह देखने लायक बात होगी कि अब आम आदमी पार्टी सीएम फेस के लिए किस पर दांव लगाती है। इस ओर न सिर्फ पंजाब के मतदाताओं की नजर टिकी हुई है, बल्कि सभी विपक्षी दल भी इस पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।